पटना: बिहार में 11 सीटों पर एमएलसी का चुनाव 21 मार्च को होना है. एनडीए की तरफ से जदयू और हम के उम्मीदवार ने नामांकन कर दिया है. बीजेपी के उम्मीदवार की घोषणा होनी है. वहीं शुक्रवार को महागठबंधन की तरफ से 5 सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा की गई है. माले की तरफ से शशि यादव का नाम पहले ही घोषित किया गया था. बाकी चार आरजेडी प्रत्याशियों के नाम भी तय हो गए हैं. वहीं सुधाकर सिंह के बयान से एक बार फिर से विवाद खड़ा हो सकता है.
'MLC चुनाव में किसी के साथ अन्याय नहीं हुआ'- RJD: राजद विधायक सुधाकर सिंह ने बिहार विधान परिषद चुनाव में महागठबंधन के प्रत्याशियों के चयन पर कहा कि "राजद हिस्सेदारी लेने में नहीं देने मे विश्वास करता है. विधान परिषद छोटा पद है बड़ा पद राज्यसभा का होता है. राजद ने अखिलेश सिंह को नामित किया राज्यसभा के लिए राजद ने कुर्बानी दी."
MLC चुनाव को लेकर NDA का RJD पर हमला: राजद ने अपने चार उम्मीदवारों के नाम की घोषणा भी कर दी है. पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी, अब्दुल बारी सिद्दीकी, उर्मिला ठाकुर और सैयद फैसल अली के नाम पर राजद की तरफ से मुहर लगाई गई है, लेकिन इसमें कांग्रेस को एक भी सीट नहीं दी गयी है. इसको लेकर भाजपा और जदयू नेताओं ने आरजेडी पर निशाना साधा है.
'आरजेडी ने कांग्रेस को दिखाया ठेंगा'- JDU: जदयू प्रवक्ता अभिषेक झा ने कहा एक बार फिर से राष्ट्रीय जनता दल ने कांग्रेस पार्टी को ठेंगा दिखाया है. 17 विधायक होने के बाद भी एक भी सीट कांग्रेस को हाथ नहीं लगा है. एक तरफ लालू प्रसाद यादव राहुल गांधी को मटन की रेसिपी के साथ आशीर्वाद दे रहे हैं और दूसरी तरफ 1 एमएलसी सीट कांग्रेस को आरजेडी दे नहीं रही है.
"महागठबंधन के अंदर नूरा कुश्ती चल रही है. इसका खामियाजा कांग्रेस को उठाना ही पड़ेगा."- अभिषेक झा, जदयू प्रवक्ता
अखिलेश सिंह पर बीजेपी के गंभीर आरोप: वहीं भाजपा प्रवक्ता नीरज कुमार ने भी निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस को आज एक भी सीट आरजेडी ने नहीं दिया है. इसका साफ मतलब है कि आरजेडी से कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश सिंह ने समझौता कर लिया है. सीटों को बेचा गया है.
"प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने पहले ही राजद के साथ अपना राज्यसभा सीट बचाने के लिए समझौता कर लिया था. इसलिए कोई भी विधान परिषद नहीं जा सका."- नीरज कुमार, भाजपा प्रवक्ता
महागठबंधन के विधायकों का गुणा गणित : बिहार विधानसभा में अभी 242 विधायक हैं. एक विधायक की सदस्यता समाप्त हो चुकी है और महागठबंधन के पास 7 विधायकों के बागी होने के बाद 106 विधायक ही बचे हैं. जबकि विधान परिषद की एक सीट के लिए 22 विधायकों की जरूरत पड़ती है. इस हिसाब से 5 सीट के लिए 110 विधायकों की जरूरत है. ऐसे में पांचवें सीट के लिए केवल 18 विधायक ही बचे हैं.