रांची: लोकसभा चुनाव 2024 में भाजपा को केंद्र की सत्ता से बाहर करने के लिए झारखंड में पहले से चल रहे तीन दलों के महागठबंधन में माले को साथ लेकर इंडिया का गठन किया गया था. इन दलों के बीच अघोषित रूप से 7-5-1-1 का फॉर्मूला तय हो जाने की बात झामुमो, माले और कांग्रेस की ओर से कही जाती रही है. लेकिन राजद इस फॉर्मूला को मानने को तैयार नहीं है. इसकी वजह है चतरा लोकसभा सीट.
राष्ट्रीय जनता दल दुविधा में
इस सीट को लेकर लालू प्रसाद की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल में दुविधा की स्थिति पैदा हो गई है. पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के लिए स्थिति "आगे कुआं पीछे खाई" वाली हो गई है. चतरा जिला राष्ट्रीय जनता दल की इकाई ने पूर्व प्रत्याशी सुभाष यादव के घर पर बैठक की. जिसमें चतरा में राजद द्वारा उम्मीदवार नहीं उतारे जाने पर सभी जिला इकाई के नेताओं द्वारा सामूहिक इस्तीफे तक की बात कही गई है. वहीं दूसरी ओर सहयोगी कांग्रेस किसी भी स्थिति में चतरा लोकसभा सीट छोड़ने को तैयार नहीं है.
राजद और कांग्रेस में खींचतान
ऐसे में अगर राजद अपना उम्मीदवार चतरा लोकसभा में उतार देता है तो इसकी भी संभावना है कि सहयोगी दल कांग्रेस नाराज हो जाए और जनता में कुछ और मैसेज चला जाए. चतरा सीट को लेकर दो दल राजद और कांग्रेस के बीच इसी खींचतान का असर दिखाई दे रहा है. जिससे झारखंड प्रदेश के नेताओं के बयानों में एक-दूसरे के लिए तल्खी देखी जा रही है.
हर हाल में चतरा में उम्मीदवार उतरेगा राजदः कैलाश यादव
चतरा जिला इकाई की बैठक और हर हाल में उम्मीदवार उतारने के लिए बनाए जा रहे दवाब और दूसरी ओर कांग्रेस के स्टैंड की वजह बनने वाली दुविधा की स्थिति प्रदेश राजद ने अपनी बात रखी है. झारखंड प्रदेश राजद के महासचिव और मीडिया प्रभारी कैलाश यादव ने कहा कि हमारा जनाधार है. राजद ने चतरा सीट पर पूर्व में जीत भी दर्ज की है. उन्होंने कहा कि उनके नेता ने चतरा से उम्मीदवार देने की भी बात कही है. ऐसे में जल्द ही एक लोकप्रिय चेहरे के नाम की घोषणा कर दी जाएगी.
चतरा में राजद का कोई जनाधार नहींः झारखंड कांग्रेस
झारखंड कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता और वरिष्ठ नेता जगदीश प्रसाद कहते हैं कि चतरा को लेकर राजद और उनके नेता बेवजह का जिद कर रहे हैं. चतरा में किसी जमाने में राजद के सांसद हुआ करते थे, आज स्थिति दूसरी है. 2019 में लोकसभा चुनाव में राजद के उम्मीदवार तीसरे स्थान पर रहे थे. उन्हें महज 80 हजार के करीब वोट मिले थे, जबकि कांग्रेस के उम्मीदवार को डेढ़ लाख से अधिक वोट मिले थे. कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि अगर राजद जिद छोड़ कर चतरा की जगह पलामू पर ध्यान केंद्रित करें तो पलामू और चतरा दोनों लोकसभा सीट पर इंडिया गठबंधन की जीत होगी.
फ्रेंडली फाइट की ओर बढ़ रहा है राजद
चतरा लोकसभा को लेकर राजद और कांग्रेस के बीच की रस्साकशी पर वरिष्ठ पत्रकार सतेंद्र सिंह कहते हैं कि राजद के लिए चतरा को लेकर दोहरा दवाब यह है कि एक ओर उसे अपना संगठन देखना है तो दूसरी ओर महागठबंधन को भी. ऐसे में ऐसा लगता है कि 2019 की तरह ही चतरा कांग्रेस और राजद के बीच दोस्ताना संघर्ष न हो जाए.
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