रांची: आज की भागदौड़ भरी दुनिया में हर कोई कम समय में ज्यादा यात्रा करना चाहता है. इसके लिए आम लोगों को वाहनों का इस्तेमाल करना पड़ता है. देश की 70% से अधिक आबादी अपने दैनिक कार्यों के लिए वाहनों का उपयोग करती है. लेकिन ज्यादातर लोगों को ये नहीं पता होता कि वो अपनी गाड़ियों के टायरों में जिस हवा का इस्तेमाल करते हैं वो कभी भी उनके लिए खतरनाक साबित हो सकती है.
दरअसल, गाड़ियों के टायरों के लिए सबसे उपयुक्त हवा नाइट्रोजन वाली हवा मानी जाती है. विशेषज्ञों का कहना है कि नाइट्रोजन हवा टायरों को ठंडा रखती है और टायर ब्लास्ट जैसी घटनाओं से बचाती है. गाड़ियों के टायर बनाने वाले टायर मैकेनिकों का कहना है कि नाइट्रोजन हवा किसी भी गाड़ी के टायरों को सुरक्षित रखती है.
ऐसा माना जाता है कि ज्यादातर दुर्घटनाएं टायर फटने या टायर खराब होने के कारण होती हैं. लेकिन झारखंड जैसे राज्यों में अभी भी नाइट्रोजन हवा उपलब्ध नहीं है. रांची के अधिकांश पेट्रोल पंपों पर नाइट्रोजन एयर मशीन उपलब्ध नहीं होने के कारण लोगों को आसानी से हवा उपलब्ध नहीं हो पाती है.
राजधानी निवासी संदीप यादव का कहना है कि आम लोग भी अपने वाहनों में नाइट्रोजन हवा भरवाना चाहते हैं. लेकिन ज्यादातर जगहों पर गाड़ियों में सामान्य हवा भरी जाती है. इसलिए लोग अपने वाहनों में सामान्य हवा भरने को मजबूर हैं. रांची के एक ठेकेदार रंजन कुमार कहते हैं कि रांची जिले के 40% पेट्रोल पंपों पर वाहनों में हवा भरने की सुविधा ही नहीं है. अगर किसी पेट्रोल पंप पर हवा भरने की मशीन है भी तो वहां भी सामान्य हवा ही भरी जाती है.
नाइट्रोजन हवा की कीमत सामान्य हवा से ज्यादा
रांची के बरियातू में गाड़ियों में हवा भरने का काम करने वाले शम्स तबरेज कहते हैं कि नाइट्रोजन हवा की कीमत भी सामान्य हवा से ज्यादा है. गाड़ियों के टायरों में भरी जाने वाली नाइट्रोजन हवा सामान्य हवा से तीन गुना महंगी होती है. इसीलिए हर व्यक्ति के लिए नाइट्रोजन वायु का उपयोग करना कठिन है, लेकिन यदि आम लोग अपने वाहनों के टायरों में नाइट्रोजन हवा का उपयोग करें, तो इससे निश्चित रूप से सड़क दुर्घटनाओं में कमी आ सकती है.
झारखंड पेट्रोल पंप एसोसिएशन के वरिष्ठ सदस्य प्रमोद कुमार कहते हैं कि जब पेट्रोल पंप का लाइसेंस दिया जाता है तो नियमानुसार भी नाइट्रोजन एयर अनिवार्य नहीं है. इसीलिए अधिकांश पेट्रोल पंपों पर सामान्य हवा की सुविधा ही उपलब्ध है. हालांकि, यात्रियों की सुविधा और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए कुछ पेट्रोल पंपों पर नाइट्रोजन एयर फिलिंग की व्यवस्था की गई है.
गर्मी में बढ़ सकती है टायर फटने की घटना
गौरतलब है कि रांची में तापमान चरम पर है. ऐसे में सामान्य हवा टायर फटने की घटनाओं को बढ़ा सकती है. इसलिए टायरों में नाइट्रोजन हवा का इस्तेमाल करना जरूरी है, लेकिन जानकारी और उपलब्धता की कमी के कारण लोग अपने टायरों में सामान्य हवा भर रहे हैं. लोगों को अपने वाहनों के टायरों में नाइट्रोजन हवा भरने के प्रति जागरूक होने की जरूरत है ताकि वे खुद को सुरक्षित रख सकें.
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