उदयपुर : भले ही बारिश से लोगों को चिलचिलाती गर्मी से राहत मिल गई हो, लेकिन अब मौसमी बीमारियों का खतरा मंडराने लगा है. उदयपुर के एमबी अस्पताल समेत शहर के दूसरे अस्पतालों में अब बड़ी संख्या में डायरिया, टाइफाइड, वायरल फीवर, डेंगू और मलेरिया के मरीज उपचार के लिए पहुंच रहे हैं. डॉक्टरों की मानें तो बारिश के मौसम में इन बीमारियों का तेजी से फैलाव होता है और इनकी जद में ज्यादातर बुजुर्ग और बच्चे आते हैं. ऐसे में बारिश के दौरान जरूरी है कि लोग खुद के खानपान पर खास तौर पर ध्यान दें, ताकि इन मौसमी बीमारियों से बचा जा सके.
मौसमी बीमारियों से बचाव के उपाय : मौसमी बीमारियों से बचाव के उपाय जानने के लिए हमने सीनियर फिजिशियन डॉ. निलेश पतिरा और शिशु रोग विशेषज्ञ व क्रिटिकल केयर इंटेंसिविस्ट डॉ. पुनीत जैन से बात की. इस दौरान दोनों चिकित्सकों ने विस्तार से मौसमी बीमारियों से बचने के उपायों के बारे में बताया. डॉ. निलेश पतिरा ने बताया कि इस मौसम में मलेरिया, डेंगू, उल्टी दस्त और अन्य बीमारियों के होने का खतरा बना रहता है. ये बीमारियां गलत खानपान और मच्छरों के काटने से फैलते हैं. इसलिए सबसे पहले हमें अपने खानपान और मच्छरों से बचाव के उपाय करने की जरूरत है. उन्होंने बताया कि खाना खाने से पहले अच्छी तरह से हाथों को साबुन से धोना न भूलें. वहीं, खाने के बाद भी साबुन से हाथों को साफ करें.
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डॉ. निलेश पतिरा ने बताया कि बारिश के मौसम में सब्जियों में भी कुछ बदलाव करने की जरूरत होती है. हमें पत्तेदार सब्जियों को खाने से बचना चाहिए. जरूरी होने पर पहले इन सब्जियों को अच्छे से धोकर उबाल लें और फिर इनका सेवन करें. इसके अलावा इस मौसम में फल फ्रूट अधिक खाएं. वहीं, नियमित रूप से पानी का सेवन करते रहे, ताकि शरीर में पानी की कमी न हो. साथ ही अपने घरों के सामने गंदगी व कचरा एकत्रित न होने दें, क्योंकि जल जमाव की सूरत में ही मच्छर जनित बीमारियों अधिक होती हैं. इसके अलावा कूलर को भी नियमित रूप से साफ करते रहे. ऐसा इसलिए क्योंकि कूलर में पानी भरे होने पर भी मच्छरों की आवक होती है.
बच्चों को इन बीमारियों से अधिक खतरा : शिशु रोग विशेषज्ञ व क्रिटिकल केयर इंटेंसिविस्ट डॉ. पुनीत जैन ने बताया कि इस मौसम में बच्चों और बुजुर्गों का खास तौर पर ध्यान रखने की जरूरत है, क्योंकि मच्छर जनित बीमारियों की जद में बच्चे और बुजुर्ग अधिक आते हैं. डेंगू, मलेरिया जैसी बीमारियां मच्छर के काटने से होती है. डॉ. पुनीत ने आगे कहा कि किसी भी स्थान पर पानी को एकत्रित न होने दें. साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें. इसके अलावा बच्चे जब घर से बाहर खेलने के लिए निकलते हैं तो उन्हें पूरे कपड़े पहना कर भेजें. साथ ही बच्चों को अधिक फास्ट फूड न दें, क्योंकि इससे उन्हें उल्टी दस्त की शिकायत हो सकती है.
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उन्होंने कहा कि बरसात के मौसम में वातावरण में नमी आ जाती है. इस वजह से बैक्टीरिया और वायरस को पनपने के लिए अनुकूल मौसम मिल जाता है, जो कई बीमारियों का कारण बनते हैं.वायरल और बैक्टीरियल इंफेक्शन का जोखिम इस मौसम में अधिक होता है और इसकी चपेट में बच्चे और बुजुर्ग सबसे जल्दी आते हैं.