जयपुर. राइजिंग राजस्थान की कड़ी में प्रदेश की अर्थव्यवस्था का मुख्य प्रेरक खनिज संपदा थीम पर आधारित प्री समिट आज जयपुर में हो रही है. खान विभाग अलग-अलग हिस्सों में अब तक खनन क्षेत्र से जुड़े करीब 77 हजार 721 करोड़ से अधिक के एमओयू कर चुका है. आज भी 60 हजार करोड़ की एमओयू साइन होंगे. इस समिट के दौरान माइंस, पेट्रोलियम, सीजीडी गैस और रिफाइनरी से जुड़ी जानकारी भी साझा की जाएगी.
मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा के मुख्य आतिथ्य में माइंस और पेट्रोलियम विभाग का राइजिंग राजस्थान प्री समिट जयपुर के होटल ललित में आयोजित होने जा रहा है. जिसमें माइनिंग सेक्टर के निवेश प्रस्तावों के एमओयू पर दस्तखत किए जाएंगे. प्रदेश में पहलीबार माइनिंग पेट्रोलियम सेक्टर में प्री समिट में होने वाले निवेश एमओयू सहित एक लाख 38 हजार करोड़ से भी अधिक के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं. इसके साथ ही खनिज खोज और खनन से जुड़े हुए ताजा मुद्दों पर इस क्षेत्र से जुड़े देश के जाने माने विशेषज्ञ अपना अनुभव भी साझा करेंगे. समिट के दौरान आयोजन स्थल पर छह स्टॉल में राजस्थान के माइंस, पेट्रोलियम, सीजीडी गैस और रिफाइनरी से जुड़ी जानकारी प्रदर्शित की जाएगी. राजधानी के निजी होटल मे खान सचिव ने तैयारियों का जायजा भी लिया.
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60 हजार करोड़ से अधिक के होंगे एमओयू : मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा के पास ही खान विभाग की जिम्मेदारी है. आज होने वाली प्री समिट में माइंस विभाग के 60 हजार करोड़ से अधिक के निवेश प्रस्ताव हस्ताक्षरित होंगे. इसके अलावा मुख्यमंत्री दो कॉफी टेबल बुक का विमोचन भी करेंगे. इस दौरान पोटाश, आरईई, क्रिटिकल मिनरल्स, यूसीजी पर शोध, अनुसंधान, तकनीक, कौशल विकास के लिए ऑयल इण्डिया और आईआईटी मद्रास के साथ एमओयू होगा. इससे प्रदेश में पोटाश, रेयर अर्थ एलिमेंट, क्रिटिकल मिनरल और अण्डरग्राउण्ड कोल गैसिफिकेशन (यूसीजी) के क्षेत्र में परस्पर सहयोग से कार्य किया जाएगा.
अब तक 77 हजार 721 करोड़ के MOU : प्रमुख सचिव खान सचिव टी. रविकांत ने बताया कि राज्य के माइनिंग और पेट्रोलियम सेक्टर में अब तक 77 हजार 721 करोड़ से अधिक के निवेश प्रस्तावों पर एमओयू हो चुके हैं. शुक्रवार को आयोजित प्री समिट में माइनिंग सेक्टर के 41 हजार करोड़ रु. से अधिक के निवेश और पेट्रोलियम सेक्टर के 19 हजार करोड़ से अधिक के निवेश प्रस्तावों पर राज्य सरकार व निवेशकों के बीच हस्ताक्षर और एमओयू का आदान प्रदान होगा. इसके लिए अलग-अलग जगहों पर रोड शो और आयोजन किए गए थे. टी रविकांत ने बताया कि समिट में हिस्सा लेने वाले प्रतिभागियों को राजस्थान के खनिज और इससे जुड़ी जानकारियों से रु-ब-रु कराने के लिए छह स्टॉल्स लगाई जाएगी. इनमें प्रदेश की खनिज, पेट्रोलियम, सीजीडी से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियों का समावेश होगा. जहां खान विभाग, राजस्थान माइंस मिनरल्स लि. आरएसएमएम , सीडॉट, एचआरआरएल राजस्थान रिफाइनरी, राजस्थान स्टेट गैस लि. और राजस्थान पेट्रोलियम की स्टॉल्स इन महकमों के कामकाज को लेकर जानकारी देगी.
यह विशेषज्ञ करेंगे माइनिंग पर मंथन : टी. रविकांत के मुताबिक माइनिंग सेक्टर के प्री समिट को ज्यादा उपयोगी और निवेश के लिए तैयार किया जा रहा है. इस मौके पर धनबाद और कानपुर आईआईटी के प्रोफेसर एस.एस. राय की विशेषज्ञ चर्चा होगी . जो मिनरल एक्सप्लोरेशन , डेटा एनालिसिस , मशीन लर्निंग में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की भूमिका और मिनरल एक्सप्लोरेशन में जियो इंफॉर्मेटिक्स की भूमिका पर बात करेंगे. इसी तरह से एक और सेशन में डीप सीटेड बेस मेटल डिपोजिट्स लेड, जिंक, तांबा और संबंधित खनिजों पर जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के उप महानिदेशक अनिद्य भट्टाचार्य विशेषज्ञ वक्तव्य देंगे. समिट के दौरान क्रिटिकल स्ट्रेटेजिक खनिज रेयर अर्थ एलिमेंट और प्लेटिनम ग्रुप ऑफ एलिमेंट्स पर चर्चा का एक सत्र रखा गया है , जिसमें सीएमडी इंडियन रेयर अर्थ डॉ. दीपेन्द्र सिंह, रिटायर्ड प्रोफेसर एम.के. पण्डित, शैलेन्द्र शर्मा क्षेत्रीय निदेशक ए.एम.डी, जीएसआई से संजय सिंह, एन.पी.ई.ए के निदेशक डॉ. येरी स्वामी पाटिल पैनलिस्ट होंगे. इसी तरह से खनिज संसाधन वृद्धि में खनन कंपनियों और प्राइवेट एक्सप्लोरेशन से जुड़ी संस्थाओं की भूमिका पर मंथन होगा.