रांचीः पुलिस और सीआरपीएफ के संयुक्त अभियान और दबिश का असर दिखने लगा है. आए दिन नक्सली आत्म समर्पण कर रहे हैं. इस लिस्ट में टीएसपीसी के एरिया कमांडर मुनेश्वर गंझु का भी नाम जुड़ गया है.
मुनेश्वर गंझु उर्फ विक्रम जी ने रांची के वरीय पुलिस अधीक्षक चंदन कुमार सिंह के समक्ष सरेंडर कर दिया है. इसके खिलाफ दो दर्जन से ज्यादा मामले अलग-अलग थानों में दर्ज हैं. इसकी उम्र सिर्फ 22 साल है. यह मूल रूप से हजारीबाग के केरेडारी का रहने वाला है. इसके खिलाफ केरेडारी, चान्हो, ठाकुरगांव, बुढ़मू, रातू और पीपरवार थाना में दो दर्जन से ज्यादा मामले दर्ज हैं. ग्रामीण इलाकों में इसके आतंक को देखते हुए इसकी गिरफ्तारी के लिए 2 लाख रुपए के पुरस्कार का प्रस्ताव भी भेजा गया था.
नक्सली किशुन गंझु के कहने पर यह करीब 8-9 साल पहले संगठन से जुड़ गया था. साल 2019 में पुलिस के साथ हुई मुठभेड़ में जोनल कमांडर जागेश्वर गंझु के मारे जाने के बाद मुनेश्वर को एरिया कमांडर बनाया गया था. इसने पुलिस को बताया है कि टीएसपीसी संगठन अपने उद्देश्य से भटक चुका है. संगठन में निचले स्तर के सदस्यों का शोषण होता है. लेवी वसूलने के लिए आम ग्रामीणों को प्रताड़ित करने के लिए दबाव डाला जाता है.
नक्सली मुनेश्वर गंझु ने बताया कि अब वह परिवार के साथ नए सिरे से मुख्यधारा में लौटना चाहता है. इस वजह से सरकार की आत्मसमर्पण नीति से प्रभावित होकर उसने सरेंडर किया है. इसने पुलिस को बताया है कि मई 2024 में सीरम के जंगलों में पुलिस के साथ हुई मुठभेड़ के दौरान यह मौजूद था. दरअसल, टीएसपीसी संगठन मुख्य रूप से ग्रामीण इलाकों में सरकारी ठेका लेकर काम करने वाले ठेकेदारों, बालू ठेकेदारों, ईंट भट्ठा संचालकों को धमकाकर लेवी वसूलता है.
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