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कोर्ट में खुली रिटायर्ड SI के कारनामों की परतें, प्रॉपर्टी हथियाने बनाए दो 'पिता'

रीवा में रिटायर्ड एसआई की करतूतों की पोल वकील ने सबूतों के साथ खोली तो कोर्ट ने एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया.

Rewa district court
कोर्ट में खुली रिटायर्ड एसआई के कारनामे की परतें (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : 9 hours ago

रीवा : जिला न्यायालय में परिवाद दायर कर अधिवक्ता बीएल तिवारी ने मामले का खुलासा करते हुए बताया "पुलिस विभाग में उपनिरीक्षक पद से रिटायर्ड सच्चिदानंद उपाध्याय द्वारा अपने चाचा को शासकीय दस्तावेजों में पिता बताकर शासकीय नौकरी पाई थी. शासन के तमाम योजनाओं का लाभ प्राप्त करने का मामला उठाकर न्यायालय में परिवाद प्रस्तुत किया गया. न्यायालय ने सच्चिदानंद उपाध्याय पर धारा 420, 467, 468 और 471 के तहत मामला दर्ज करने का आदेश दिया."

आरोप- फर्जी दस्तावेज से 40 साल तक की नौकरी

अधिवक्ता बीएल तिवारी का कहना है "सच्चिदानंद उपाध्याय ने 40 वर्ष तक पुलिस विभाग में सेवाएं दी. इस दौरान तमाम दस्तावेजों में अपने असली पिता रामनिरंजन उपाध्याय की जानकारी छिपाकर चाचा वंशी प्रसाद उपाध्याय के नाम का इस्तेमाल किया. सच्चिदानंद ने अपने चाचा को अपना पिता दिखाकर सभी दस्तावेजों को तैयार किया. बाद में नौकरी से रिटायर्ड होने के बाद सच्चिदानंद ने जमीन में बंटवारा कराने के लिए और अपना हिस्सा प्राप्त करने के फिर अपने असली पिता का वरिशाना तैयार कर लिया."

रिटायर्ड एसआई के खिलाफ कई धाराओं में केस दर्ज होगा (ETV BHARAT)

पिता के हिस्से के जमीन मे अपना नाम चढ़वाया

आरोप है कि इसके बाद सच्चिदानंद ने पिता के हिस्से की जमीन में अपना नाम चढ़ा लिया. उसके बाद चाचा की वसीयत में भी अपना दावा ठोका और उनका पुत्र बनकर जमीन में हिस्सेदारी की मांग करने लगा. तब चाचा वंशी प्रसाद के पुत्र राजेश उपाध्याय ने शिकायत की, जिसके बाद वंशी प्रसाद के अधिवक्ता बीएल तिवारी ने न्यायालय में परिवाद दायर कर मामले का खुलासा किया. सच्चिदानंद उपाध्याय के चाचा वंशी प्रसाद उपाध्याय इंडियन आर्मी में नौकरी करते थे. इसी का का फायदा उठाने के लिए उसने अपने पिता के स्थान पर उनके नाम का सहारा लिया.

Rewa district court
रिटायर्ड एसआई के खिलाफ वकील ने दायर किया परिवाद (ETV BHARAT)

स्कूल प्रमाण पत्र, समग्र आईडी में भी फर्जीवाड़ा

आरोप है कि सच्चिदानंद उपाध्याय ने अपने विद्यालय के प्रमाण पत्र से लेकर नौकरी करने तक के तमाम शासकीय दस्तावेजों में अपने सगे पिता रामनिरंजन उपाध्याय का नाम छिपाकर अपने चाचा वंशी प्रसाद उपाध्याय को अपना पिता दिखाया, जिसमें समग्र आईडी, वोटर आईडी कार्ड और अन्य दस्तावेज शामिल हैं. इस मामले में पुलिस में शिकायत की गई लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होने पर कोर्ट में परिवाद दायर किया गया.

रीवा : जिला न्यायालय में परिवाद दायर कर अधिवक्ता बीएल तिवारी ने मामले का खुलासा करते हुए बताया "पुलिस विभाग में उपनिरीक्षक पद से रिटायर्ड सच्चिदानंद उपाध्याय द्वारा अपने चाचा को शासकीय दस्तावेजों में पिता बताकर शासकीय नौकरी पाई थी. शासन के तमाम योजनाओं का लाभ प्राप्त करने का मामला उठाकर न्यायालय में परिवाद प्रस्तुत किया गया. न्यायालय ने सच्चिदानंद उपाध्याय पर धारा 420, 467, 468 और 471 के तहत मामला दर्ज करने का आदेश दिया."

आरोप- फर्जी दस्तावेज से 40 साल तक की नौकरी

अधिवक्ता बीएल तिवारी का कहना है "सच्चिदानंद उपाध्याय ने 40 वर्ष तक पुलिस विभाग में सेवाएं दी. इस दौरान तमाम दस्तावेजों में अपने असली पिता रामनिरंजन उपाध्याय की जानकारी छिपाकर चाचा वंशी प्रसाद उपाध्याय के नाम का इस्तेमाल किया. सच्चिदानंद ने अपने चाचा को अपना पिता दिखाकर सभी दस्तावेजों को तैयार किया. बाद में नौकरी से रिटायर्ड होने के बाद सच्चिदानंद ने जमीन में बंटवारा कराने के लिए और अपना हिस्सा प्राप्त करने के फिर अपने असली पिता का वरिशाना तैयार कर लिया."

रिटायर्ड एसआई के खिलाफ कई धाराओं में केस दर्ज होगा (ETV BHARAT)

पिता के हिस्से के जमीन मे अपना नाम चढ़वाया

आरोप है कि इसके बाद सच्चिदानंद ने पिता के हिस्से की जमीन में अपना नाम चढ़ा लिया. उसके बाद चाचा की वसीयत में भी अपना दावा ठोका और उनका पुत्र बनकर जमीन में हिस्सेदारी की मांग करने लगा. तब चाचा वंशी प्रसाद के पुत्र राजेश उपाध्याय ने शिकायत की, जिसके बाद वंशी प्रसाद के अधिवक्ता बीएल तिवारी ने न्यायालय में परिवाद दायर कर मामले का खुलासा किया. सच्चिदानंद उपाध्याय के चाचा वंशी प्रसाद उपाध्याय इंडियन आर्मी में नौकरी करते थे. इसी का का फायदा उठाने के लिए उसने अपने पिता के स्थान पर उनके नाम का सहारा लिया.

Rewa district court
रिटायर्ड एसआई के खिलाफ वकील ने दायर किया परिवाद (ETV BHARAT)

स्कूल प्रमाण पत्र, समग्र आईडी में भी फर्जीवाड़ा

आरोप है कि सच्चिदानंद उपाध्याय ने अपने विद्यालय के प्रमाण पत्र से लेकर नौकरी करने तक के तमाम शासकीय दस्तावेजों में अपने सगे पिता रामनिरंजन उपाध्याय का नाम छिपाकर अपने चाचा वंशी प्रसाद उपाध्याय को अपना पिता दिखाया, जिसमें समग्र आईडी, वोटर आईडी कार्ड और अन्य दस्तावेज शामिल हैं. इस मामले में पुलिस में शिकायत की गई लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होने पर कोर्ट में परिवाद दायर किया गया.

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