रीवा: मध्य प्रदेश के रीवा जिले में बुधवार को सोशल मीडिया में एक निजी स्कूल का पत्र सुर्खियों में बना रहा. इस पत्र में स्कूल प्रबंधन ने ऐसा फरमान जारी कर दिया कि जिसके बाद बजरंगदल के कार्यकर्ता स्कूल पहुंच गए और जमकर हंगामा किया. इसके साथ ही भाजपा युवा मोर्चा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष गौरव तिवारी ने मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री को एक्स पर ट्वीट करते हुए स्कूल प्रबंधन पर कड़ी कार्रवाई करने की मांग की. इतना बवाल मचने के बाद स्कूल प्रबंधन बैकफुट पर आ गया. प्रबंधन ने एक दूसरा पत्र जारी करते हुए कहा कि हमारा उद्देश्य किसी भी छात्र और उनके अभिवावकों व किसी भी धर्म को ठेस पहुंचाना नहीं था.
निजी स्कूल के फरमान पर मचा बवाल
ये मामला शहर के बदरांव के वार्ड नंबर 43 में स्थित इंटीग्रिटी स्कूल ऑफ एक्सीलेंस सीनियर सेकंडरी का है. बुधवार को स्कूल प्रबंधन की ओर से लिखा गया एक पत्र सोशल मीडिया पर छा गया. इस पत्र में स्कूल में पढ़ने वाले छात्र और उनके अभिवावकों के लिए जरूरी निर्देशों का जिक्र किया गया था, जिसमें साफतौर पर लिखा था कि छात्र माथे पर तिलक, हाथ में कड़ा, धारदार हथियार और स्मार्ट गैजेट्स सहित अन्य सामग्री लेकर स्कूल में प्रवेश न करें. साथ ही स्कूल प्रबंधन ने पत्र के जरिए छात्रों से अनुरोध किया कि वह इस प्रकार की वस्तुएं न तो धारण करें और न अपने साथ रखें.
बजरंग दल ने किया हंगामा
पत्र सामने आने के बाद हड़कंप मच गया. बजरंग दल ने स्कूल पहुंचकर जमकर बवाल मचाया. इसके आलावा बीजेपी नेता व भाजपा युवा मोर्चा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष गौरव तिवारी ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव व शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को ट्वीट कर कार्रवाई की मांग की. बीजेपी नेता ने ट्वीट करते हुए लिखा कि स्कूल प्रबंधन के द्वारा हिन्दू सनातन धर्म की एक महत्त्वपूर्ण पूजा पद्धति तिलक लगाने पर रोक लगाने के आदेश के विरुद्ध उचित कार्रवाई की जाए और इस तरह के असंवैधानिक आदेश को तत्काल प्रभाव से रोका जाए. वहीं समाजिक कार्यकर्ता ने स्कूल प्रबंधन पर एफआईआर दर्ज कराने की मांग की है.
बवाल के बाद बैकफुट में आया स्कूल प्रबंधन
पत्र वायरल होने के बाद जैसे ही बबाल मचना शुरू हुआ तो स्कूल प्रबंधन बैक फुट पर आ गया. कुछ ही देर बाद स्कूल प्रबंधन की ओर से एक और पत्र जारी जारी किया. जिसमें उन्होंने लिखा कि स्कूल प्रबंधन की ओर से जारी किए गए पत्र में त्रुटि पूर्ण लेख था जो कि टीका लगाने के लिए मना किया गया था, जिसमें हमारी ओर से सुधार किया गया है. हमारा उद्देश्य किसी भी छात्र या उनके अभिवाक की भावनाओं को ठेस पहुंचाना नहीं था. यदि इस संदर्भित सूचना से किसी अभिभावक की भावना आहत हुई है तो उसके लिए हम माफी चाहते हैं.
सामाजिक कार्यकर्ता ने की FIR की मांग
वहीं मामले पर समाजसेवी बीके माला का कहना है कि ''निजी विद्यालय का एक तुगलकी फरमान जारी हुआ, जिसमे टीका लगाना, कंगन पहनने, सहित अन्य चीजों को धारण करने के लिए वर्जित किया गया है. मध्य प्रदेश सरकार के गैजेट नोटिफिकेशन में ऐसा कहीं भी वर्णित नहीं है. हिन्दू रीति रिवाज के अनुसार हम चंदन भी लगा सकते हैं, चूड़ा भी पहन सकते हैं और लड़कियां कंगन भी पहन सकती हैं. यह सब संस्कारों की श्रेणी में आता है, लेकिन इस तरह तुगलकी फरमान नियम विरुद्ध है. इस आदेश का क्या कलेक्टर या मध्य प्रदेश सरकार या फिर सीबीएसई की और से कोई अनुमोदन किया गया है. यह फरमान नियम विरुद्ध है. यह नियमों को ताक पर रख कर किया गया है. इस विषय पर जांच करते हुए एफआईआर दर्ज होनी चाहिए.''