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कांग्रेस सरकार में बने नए जिलों की समीक्षा जारी, मंत्री कन्हैयालाल बोले-एक विधानसभा का जिला बना दिया, ऐसे तो 200 जिले बनने चाहिए - Review of new districts

पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में बनाए गए 17 नए जिलों को लेकर समीक्षा बैठक सोमवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में हुई. पहले सीएम भजन लाल के साथ तो बाद में मंत्रिमंडल सब कमेटी ने समीक्षा की.

Review of new districts
जयपुर में मंत्रिमंडल उप ​समिति की बैठक के बाद मंत्री चौधरी व मीणा (Photo ETV Bharat Jaipur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Sep 2, 2024, 8:48 PM IST

कांग्रेस सरकार में बने नए जिलों की समीक्षा जारी (Video ETV Bharat Jaipur)

जयपुर: पूर्ववर्ती अशोक गहलोत सरकार में बनाए गए नए जिलों को लेकर भजन लाल सरकार लगातार समीक्षा कर रही है. पूर्व आईएएस ललित के पंवार की अध्यक्षता वाली हाई लेवल एक्सपर्ट कमेटी रिपोर्ट आने के बाद अब मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने मंत्रिमंडल सब कमेटी के साथ बैठक करके आवश्यक निर्देश दिए. अब कमेटी जनता के आए सुझावों के आधार पर फिर से ललित के पंवार को समीक्षा के लिए कहा है. जनप्रतिनिधियों और आमजन के मिले सुझावों पर होने वाली समीक्षा के चलते आज कोई फैसला नहीं हो सका. अब 15 दिन बाद सब कमेटी की बैठक बुलाई गई है.

एक विधानसभा का जिला बना दिया: पूर्ववर्ती सरकार की ओर से बनाए गए इन नए जिलों को लेकर कमेटी के सदस्य कन्हैया लाल चौधरी ने निशाना साधा. उन्होंने कहा कि जिला बनाने के अपने मापदंड होते हैं, लेकिन एक विधानसभा का जिला बना. ऐसे तो 200 जिले बनने चाहिए. हमारी सरकार क्षेत्रफल, जनसंख्या और जनता की डिमांड के आधार पर समीक्षा कर रही है, जल्द ही जो फैसला लिया जाएगा वह सामने होगा.

पढ़ें:गहलोत सरकार के समय बने जिलों की समीक्षा हुई पूरी, कमेटी ने सरकार को सौंपी रिपोर्ट

मंत्री कन्हैयालाल चौधरी ने कहा कि बैठक में अभी किसी तरह का फैसला नहीं लिया गया है, जो भी फैसला लिया जाएगा, वह जन भावना के अनुरूप लिया जाएगा. पूर्व आईएएस ललित के पंवार की अध्यक्षता वाली हाई लेवल एक्सपर्ट कमेटी रिपोर्ट के बाद और भी सुझाव आए हैं. मुख्यमंत्री ने भी इस बारे में सब कमेटी से चर्चा की है. जनप्रतिनिधियों और जनता की भावना के अनुरूप काम किया जा रहा है. जिले बनाने के लिए क्षेत्रफल, जनसंख्या और आमजन की भावनाओं को देखा जाता है, कई जिले जल्दबाजी में बनाए गए हैं.

पूरा आंकलन होना जरूरी: चौधरी ने कहा कि एक जिले को ठीक तरीके से बनाने में 2000 करोड़ का खर्च आता है. प्रतापगढ़ साल 2008 में जिला बना था, लेकिन अब तक पूरा काम नहीं हो पाया है. प्रशासनिक काम अभी भी बाकी है. लोगों का पैसा लग रहा है तो उसका पूरा आंकलन करना होगा. जनता का हित में निर्णय लिया जाएगा.

15 दिन बाद फिर होगी बैठक: कमेटी अभी इस बात की समीक्षा कर रही है कि जो भी जिले बनाए गए हैं, उसके क्या मापदंड हैं? क्या नियम है? क्या पापुलेशन है, कितनी दूरी होनी चाहिए. उन सब बिंदु पर चर्चा कर रहे हैं. राजस्व मंत्री हेमंत मीणा ने कहा कि जो जिले बने उनकी समीक्षा करेंगे, अभी किसी तरह का कोई फैसला नहीं हुआ है, अभी कुछ भी कहने की स्थिति नहीं है. 15 दिन बाद फिर से बैठक होगी. उस बैठक में जो सुझाव कमेटी के पास आये हैं, उन पर चर्चा होगी. अभी सिर्फ समीक्षा की जा रही है, निर्णय की स्थिति नहीं है.

कांग्रेस सरकार में बने नए जिलों की समीक्षा जारी (Video ETV Bharat Jaipur)

जयपुर: पूर्ववर्ती अशोक गहलोत सरकार में बनाए गए नए जिलों को लेकर भजन लाल सरकार लगातार समीक्षा कर रही है. पूर्व आईएएस ललित के पंवार की अध्यक्षता वाली हाई लेवल एक्सपर्ट कमेटी रिपोर्ट आने के बाद अब मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने मंत्रिमंडल सब कमेटी के साथ बैठक करके आवश्यक निर्देश दिए. अब कमेटी जनता के आए सुझावों के आधार पर फिर से ललित के पंवार को समीक्षा के लिए कहा है. जनप्रतिनिधियों और आमजन के मिले सुझावों पर होने वाली समीक्षा के चलते आज कोई फैसला नहीं हो सका. अब 15 दिन बाद सब कमेटी की बैठक बुलाई गई है.

एक विधानसभा का जिला बना दिया: पूर्ववर्ती सरकार की ओर से बनाए गए इन नए जिलों को लेकर कमेटी के सदस्य कन्हैया लाल चौधरी ने निशाना साधा. उन्होंने कहा कि जिला बनाने के अपने मापदंड होते हैं, लेकिन एक विधानसभा का जिला बना. ऐसे तो 200 जिले बनने चाहिए. हमारी सरकार क्षेत्रफल, जनसंख्या और जनता की डिमांड के आधार पर समीक्षा कर रही है, जल्द ही जो फैसला लिया जाएगा वह सामने होगा.

पढ़ें:गहलोत सरकार के समय बने जिलों की समीक्षा हुई पूरी, कमेटी ने सरकार को सौंपी रिपोर्ट

मंत्री कन्हैयालाल चौधरी ने कहा कि बैठक में अभी किसी तरह का फैसला नहीं लिया गया है, जो भी फैसला लिया जाएगा, वह जन भावना के अनुरूप लिया जाएगा. पूर्व आईएएस ललित के पंवार की अध्यक्षता वाली हाई लेवल एक्सपर्ट कमेटी रिपोर्ट के बाद और भी सुझाव आए हैं. मुख्यमंत्री ने भी इस बारे में सब कमेटी से चर्चा की है. जनप्रतिनिधियों और जनता की भावना के अनुरूप काम किया जा रहा है. जिले बनाने के लिए क्षेत्रफल, जनसंख्या और आमजन की भावनाओं को देखा जाता है, कई जिले जल्दबाजी में बनाए गए हैं.

पूरा आंकलन होना जरूरी: चौधरी ने कहा कि एक जिले को ठीक तरीके से बनाने में 2000 करोड़ का खर्च आता है. प्रतापगढ़ साल 2008 में जिला बना था, लेकिन अब तक पूरा काम नहीं हो पाया है. प्रशासनिक काम अभी भी बाकी है. लोगों का पैसा लग रहा है तो उसका पूरा आंकलन करना होगा. जनता का हित में निर्णय लिया जाएगा.

15 दिन बाद फिर होगी बैठक: कमेटी अभी इस बात की समीक्षा कर रही है कि जो भी जिले बनाए गए हैं, उसके क्या मापदंड हैं? क्या नियम है? क्या पापुलेशन है, कितनी दूरी होनी चाहिए. उन सब बिंदु पर चर्चा कर रहे हैं. राजस्व मंत्री हेमंत मीणा ने कहा कि जो जिले बने उनकी समीक्षा करेंगे, अभी किसी तरह का कोई फैसला नहीं हुआ है, अभी कुछ भी कहने की स्थिति नहीं है. 15 दिन बाद फिर से बैठक होगी. उस बैठक में जो सुझाव कमेटी के पास आये हैं, उन पर चर्चा होगी. अभी सिर्फ समीक्षा की जा रही है, निर्णय की स्थिति नहीं है.

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