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मंत्रालयिक निदेशालय में शामिल नहीं होना चाहते राजस्व मंत्रालयिक कर्मचारी, कार्य बहिष्कार और आंदोलन की दी चेतावनी - EMPLOYEES WARN WORK BOYCOTT

राजस्व मंत्रालयिक संघ ने राजस्व मंत्रालयिक कर्मचारियों को निदेशालय में सम्मिलित नहीं किए जाने की अपील की है.

Employees warn work boycott
मंत्रालयिक निदेशालय का विरोध (ETV Bharat Jaipur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Dec 31, 2024, 7:12 PM IST

जयपुर: राजस्व मंत्रालयिक संघ जयपुर के अध्यक्ष राकेश कुमार शर्मा के नेतृत्व में मंगलवार को राजस्व मंत्रालयिक कर्मचारियों ने मंत्रालयिक निदेशालय गठन का विरोध किया और राजस्व मंत्रालयिक कर्मचारियों को निदेशालय में सम्मिलित नहीं किए जाने की मांग करते हुए जिला कलेक्टर जितेंद्र कुमार सोनी को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा. संघ ने राजस्व मंत्रालयिक कर्मचारियों को निदेशालय में शामिल करने पर कार्य बहिष्कार और आंदोलन की भी चेतावनी दी है.

राजस्व मंत्रालयिक संघ जयपुर के अध्यक्ष राकेश कुमार शर्मा ने बताया कि कुछ मंत्रालयिक संगठनों की मंत्रालयिक निदेशालय के गठन की मांग को ध्यान में रखते हुए पूर्ववर्ती सरकार के तत्कालीन मुख्यमंत्री ने मंत्रालयिक निदेशालय के गठन की घोषणा की थी. वर्तमान में मंत्रालयिक निदेशालय के गठन की कार्यवाही राज्य सरकार स्तर पर प्रक्रियाधीन है. यह मंत्रालयिक निदेशालय राजस्य मंत्रालयिक कर्मचारियों के हित में नहीं है एवं इसके गठन से राजस्व मण्डल एवं इसके प्रशासनिक नियंत्रणाधीन कार्यालय जैसे संभागीय आयुक्त कार्यालय, जिला कलेक्टर कार्यालय, राजस्व अपील अधिकारी कार्यालय, उपखण्ड अधिकारी कार्यालय, तहसील कार्यालय, जिला निर्वाचन अधिकारी कार्यालय एवं भू-प्रबन्ध अधिकारी कार्यालय इत्यादि का कार्य प्रभावित होगा. शर्मा ने बताया कि राजस्थान राजस्व मंत्रालयिक कर्मचारी संघ की ओर से पूर्व में भी राज्य सरकार एवं सक्षम स्तर पर मंत्रालयिक निदेशालय के गठन का विरोध दर्ज करवाया जा चुका है.

पढ़ें: सचिवालय कूच करने वाले मंत्रालयिक कर्मचारियों को पुलिस ने रोका, जमकर हुई धक्का-मुक्की - मंत्रालयिक कर्मचारियों को पुलिस ने रोका

शर्मा ने बताया कि राजस्व मण्डल स्वयं एक प्रशासनिक व्यवस्थापक एवं राजस्व न्यायालय है. जिसके अधीन संभागीय आयुक्त, अतिरिक्त संभागीय आयुक्त, राजस्व अपील अधिकारी, जिला कलेक्टर, अतिरिक्त जिला कलेक्टर, सहायक कलेक्टर, उपखण्ड अधिकारी एवं तहसीलदार न्यायालय कार्य करते हैं जिसमें सिविल प्रक्रिया संहिता एवं कोर्ट मैनुअल के अनुसार न्यायिक कार्य संपादन किया जाता है. इसके साथ ही जिलों में प्रशासनिक नियंत्रण, कानून-व्यवस्था एवं निर्वाचन से संबंधित कार्यों के साथ राज्य सरकार की महत्वपूर्ण योजनाओं के धरातल पर क्रियान्विति का कार्य इन्हीं विभागों एवं कार्यालयों द्वारा किया जाता है.

पढ़ें: मंत्रालयिक कर्मचारियों के समर्थन में उतरी बीजेपी, कहा-तत्परता से मांगे की जाएं पूरी - बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता रामलाल शर्मा

राजस्व मण्डल राजस्थान एवं इसके अधीनस्थ प्रशासनिक कार्यालयों को निदेशालय के अधीन लाये जाने से भारी विसंगति उत्पन्न होगी और इन न्यायालयों का न्यायिक कार्य पूर्णतः बाधित हो जायेगा. राजस्थान भू-राजस्व अधिनियम, 1956 के अन्तर्गत गठित राजस्व मण्डल राजस्थान का अस्तित्य समाप्त हो जायेगा. इसलिए राजस्य मण्डल एवं इसके अधीन प्रशासनिक कार्यालयों जैसे संभागीय आयुक्त कार्यालय, जिला कलक्टर्स एवं उपनिवेशन विभाग, भू-प्रबन्ध विभाग के मंत्रालयिक कर्मचारियों को पृथक से निदेशालय की आवश्यकता नहीं है.

पढ़ें: पदोन्नति डीपीसी की मांग को शिक्षा विभाग के कर्मचारियों ने किया सद्बुद्धि यज्ञ - DEMAND FOR PROMOTION DPC

ज्ञापन के जरिए मांग की गई है कि यदि राज्य सरकार द्वारा अधीनस्थ विभागों के मंत्रालयिक कर्मचारियों के लिए मंत्रालयिक निदेशालय का गठन किया जाता है, तो राजस्य मण्डल एवं इसके अधीन प्रशासनिक कार्यालयों जैसे संभागीय आयुक्त कार्यालय, जिला कलेक्टर्स एवं उपनिवेशन विभाग, भू-प्रबन्ध विभाग को मंत्रालयिक निदेशालय में शामिल नहीं किया जाए. यदि फिर भी राजस्व मण्डल एवं इसके अधीन प्रशासनिक कार्यालयों को मंत्रालयिक निदेशालय में शामिल किया जाता है, तो समस्त राजस्व मंत्रालयिक कर्मचारी अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार करेंगे एवं संघ की ओर से मजबूरन आन्दोलन किया जाएगा जिसकी समस्त जिम्मेदारी सरकार की होगी.

जयपुर: राजस्व मंत्रालयिक संघ जयपुर के अध्यक्ष राकेश कुमार शर्मा के नेतृत्व में मंगलवार को राजस्व मंत्रालयिक कर्मचारियों ने मंत्रालयिक निदेशालय गठन का विरोध किया और राजस्व मंत्रालयिक कर्मचारियों को निदेशालय में सम्मिलित नहीं किए जाने की मांग करते हुए जिला कलेक्टर जितेंद्र कुमार सोनी को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा. संघ ने राजस्व मंत्रालयिक कर्मचारियों को निदेशालय में शामिल करने पर कार्य बहिष्कार और आंदोलन की भी चेतावनी दी है.

राजस्व मंत्रालयिक संघ जयपुर के अध्यक्ष राकेश कुमार शर्मा ने बताया कि कुछ मंत्रालयिक संगठनों की मंत्रालयिक निदेशालय के गठन की मांग को ध्यान में रखते हुए पूर्ववर्ती सरकार के तत्कालीन मुख्यमंत्री ने मंत्रालयिक निदेशालय के गठन की घोषणा की थी. वर्तमान में मंत्रालयिक निदेशालय के गठन की कार्यवाही राज्य सरकार स्तर पर प्रक्रियाधीन है. यह मंत्रालयिक निदेशालय राजस्य मंत्रालयिक कर्मचारियों के हित में नहीं है एवं इसके गठन से राजस्व मण्डल एवं इसके प्रशासनिक नियंत्रणाधीन कार्यालय जैसे संभागीय आयुक्त कार्यालय, जिला कलेक्टर कार्यालय, राजस्व अपील अधिकारी कार्यालय, उपखण्ड अधिकारी कार्यालय, तहसील कार्यालय, जिला निर्वाचन अधिकारी कार्यालय एवं भू-प्रबन्ध अधिकारी कार्यालय इत्यादि का कार्य प्रभावित होगा. शर्मा ने बताया कि राजस्थान राजस्व मंत्रालयिक कर्मचारी संघ की ओर से पूर्व में भी राज्य सरकार एवं सक्षम स्तर पर मंत्रालयिक निदेशालय के गठन का विरोध दर्ज करवाया जा चुका है.

पढ़ें: सचिवालय कूच करने वाले मंत्रालयिक कर्मचारियों को पुलिस ने रोका, जमकर हुई धक्का-मुक्की - मंत्रालयिक कर्मचारियों को पुलिस ने रोका

शर्मा ने बताया कि राजस्व मण्डल स्वयं एक प्रशासनिक व्यवस्थापक एवं राजस्व न्यायालय है. जिसके अधीन संभागीय आयुक्त, अतिरिक्त संभागीय आयुक्त, राजस्व अपील अधिकारी, जिला कलेक्टर, अतिरिक्त जिला कलेक्टर, सहायक कलेक्टर, उपखण्ड अधिकारी एवं तहसीलदार न्यायालय कार्य करते हैं जिसमें सिविल प्रक्रिया संहिता एवं कोर्ट मैनुअल के अनुसार न्यायिक कार्य संपादन किया जाता है. इसके साथ ही जिलों में प्रशासनिक नियंत्रण, कानून-व्यवस्था एवं निर्वाचन से संबंधित कार्यों के साथ राज्य सरकार की महत्वपूर्ण योजनाओं के धरातल पर क्रियान्विति का कार्य इन्हीं विभागों एवं कार्यालयों द्वारा किया जाता है.

पढ़ें: मंत्रालयिक कर्मचारियों के समर्थन में उतरी बीजेपी, कहा-तत्परता से मांगे की जाएं पूरी - बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता रामलाल शर्मा

राजस्व मण्डल राजस्थान एवं इसके अधीनस्थ प्रशासनिक कार्यालयों को निदेशालय के अधीन लाये जाने से भारी विसंगति उत्पन्न होगी और इन न्यायालयों का न्यायिक कार्य पूर्णतः बाधित हो जायेगा. राजस्थान भू-राजस्व अधिनियम, 1956 के अन्तर्गत गठित राजस्व मण्डल राजस्थान का अस्तित्य समाप्त हो जायेगा. इसलिए राजस्य मण्डल एवं इसके अधीन प्रशासनिक कार्यालयों जैसे संभागीय आयुक्त कार्यालय, जिला कलक्टर्स एवं उपनिवेशन विभाग, भू-प्रबन्ध विभाग के मंत्रालयिक कर्मचारियों को पृथक से निदेशालय की आवश्यकता नहीं है.

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ज्ञापन के जरिए मांग की गई है कि यदि राज्य सरकार द्वारा अधीनस्थ विभागों के मंत्रालयिक कर्मचारियों के लिए मंत्रालयिक निदेशालय का गठन किया जाता है, तो राजस्य मण्डल एवं इसके अधीन प्रशासनिक कार्यालयों जैसे संभागीय आयुक्त कार्यालय, जिला कलेक्टर्स एवं उपनिवेशन विभाग, भू-प्रबन्ध विभाग को मंत्रालयिक निदेशालय में शामिल नहीं किया जाए. यदि फिर भी राजस्व मण्डल एवं इसके अधीन प्रशासनिक कार्यालयों को मंत्रालयिक निदेशालय में शामिल किया जाता है, तो समस्त राजस्व मंत्रालयिक कर्मचारी अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार करेंगे एवं संघ की ओर से मजबूरन आन्दोलन किया जाएगा जिसकी समस्त जिम्मेदारी सरकार की होगी.

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