देहरादून: जिलों में प्रशासन की रीढ़ माने जाने वाले तहसीलदार और पटवारी उत्तराखंड में या तो प्रभारी व्यवस्था पर चल रहे हैं या दोहरी जिम्मेदारी के आधार पर इन पदों को भरा गया है. हैरत की बात यह है कि न केवल पर्वतीय जनपदों में बल्कि मैदानी जिलों में भी इन पदों को लेकर यही स्थिति बनी हुई है. जाहिर है कि इन हालात में जिले के तमाम कामों पर इसका प्रभाव पड़ता होगा. इसके बावजूद इन अहम पदों को पूर्व के सालों में नहीं भरा गया. हालांकि, अब राजस्व परिषद इसके लिए बेहद गंभीर नजर आ रहा है. राज्य भर में इन पदों की कमी को पूरा करने के भी प्रयास किए जा रहे हैं.
तहसीलदार, पटवारी पद पर ये है स्थिति: तहसीलदार प्रमोशन का पद है और नायब तहसीलदार को प्रमोशन पाने के बाद तहसीलदार बनाया जाता है. हालांकि, उत्तराखंड में तहसीलदार पद पर बेहद ज्यादा रिक्तियां होने के कारण अधिकतर जगहों पर नायब तहसीलदारों को ही प्रभारी तहसीलदार की जिम्मेदारी जिलाधिकारियों द्वारा दी गई है. राज्य में तहसीलदार के कुल 114 पद स्वीकृत हैं. जबकि जानकारी के अनुसार फिलहाल कुल 5 तहसीलदार (रेगुलर) ही राज्य में मौजूद हैं. पिछले साल 2023 में 14 तहसीलदारों को एसडीएम पद पर पदोन्नति किया गया था. जबकि इसी महीने कर तहसीलदार पदोन्नति पाने के बाद एसडीएम पद पर चले गए. इसके चलते तहसीलदार के पदों पर रिक्तियां बढ़ गई.
पटवारी पद पर भी बड़ी संख्या में रिक्तियां मौजूद है. मैदानी जिलों में इन्हें लेखपाल और पर्वतीय जनपदों में पटवारी के रूप में जाना जाता है. इन्हें राजस्व उप निरीक्षक भी कहते हैं. इस पद पर पूरे प्रदेश में करीब 750 रिक्तियां चल रही है. राज्य भर में इनके करीब 1600 पद स्वीकृत हैं. जिनमें तकरीबन 30 से 35 प्रतिशत पद खाली हैं.
इन पदों को लेकर राजस्व परिषद से आई ये खुशखबरी: तहसीलदार और पटवारी पद पर बड़ी संख्या में रिक्तियां तो मौजूद हैं. लेकिन इन रिक्तियों के बीच राजस्व परिषद से अच्छी खबर सामने आई है. दरअसल, तहसीलदार के पद पर करीब 35 नायब तहसीलदारों को प्रमोशन देने की तैयारी कर ली गई है. इस तरह अगले कुछ दिनों में डिपार्टमेंटल प्रोमोशन कमेटीज (DPC) होने के बाद राज्य को करीब 35 तहसीलदार मिल जाएंगे. तहसीलदार पद पर पदोन्नति के लिए एक प्रमोटी नायब तहसीलदार को भी मौका मिलने की उम्मीद है.
उधर दूसरी तरफ नवंबर तक राज्य को करीब 500 पटवारी भी मिल जाएंगे. हाल ही में परीक्षा पास कर भर्ती हुए पटवारियों का ये नया बैच ट्रेनिंग पर है और नवंबर तक प्रशिक्षण पूरा कर इन्हें राज्य में तैनाती दिए जाने की उम्मीद है. इस नए बैच के तैनाती लेने के बाद राज्य में 150 पटवारियों की ही कमी रह जाएगी.
फिलहाल चल रही इन पदों पर काम चलाऊ व्यवस्था: राज्य भर में फिलहाल तहसीलदार और पटवारी पद पर बेहद ज्यादा रिक्ति के कारण काम चलाऊ व्यवस्था को अपनाया गया है। इसके तहत राज्य में नायब तहसीलदार को प्रभारी तहसीलदार के तौर पर जिम्मेदारियां दी गई है जबकि कई पटवारी को एक से ज्यादा क्षेत्रों की जिम्मेदारियां बांटी गई है.
राज्य में इस समय नायब तहसीलदार के 144 पद स्वीकृत हैं जिसमें 72 पद सीधी भर्ती के तो वहीं 72 पद प्रमोशन के रखे गए हैं. नायब तहसीलदार के तहसीलदार पद पर प्रमोशन होने के बाद राज्य में नायब तहसीलदार के लिए नई भर्ती की भी उम्मीद बढ़ जाएगी. दरअसल, नायब तहसीलदार से तहसीलदार पद पर अधिकतर सीधी भर्ती वाले अधिकारीयों को पदोन्नति मिलने जा रही है, ऐसे में राजस्व परिषद प्रमोशन के बाद खाली होने वाले पदों पर लोक सेवा आयोग को जल्द अधियाचन भी भेजने का प्रयास करेगा.
तहसीलदार और पटवारी भू-अभिलेख और राजस्व से जुड़े तमाम दूसरे कार्यों के अलावा प्रमाण पत्रों, पेंशन, सत्यापन जैसे कई कामों की जिम्मेदारी संभालते हैं. इस दौरान विभिन्न विभागों से जुड़े कार्यों को इनके द्वारा देखा जाता है. जाहिर है कि इस स्थिति में इन पर बेहद ज्यादा दबाव होता है और पद रिक्त होने की स्थिति में बोझ और भी ज्यादा बढ़ जाता है.
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