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आर्थिक संकट में फंसी सुखविंदर सरकार के लिए सुख की खबर, रिटायर्ड तहसीलदार एचएल घेज्टा री-इंगेजमेंट पर लेंगे सिर्फ एक रुपया मानदेय - one rupee on re engagement

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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Sep 8, 2024, 4:31 PM IST

Retired Tehsildar HL Ghejta: राजस्व विभाग में रिटायर्ड तहसीलदार एचएल घेज्टा को सरकार ने री-इंगेजमेंट दी है. री-इंगेजमेंट के नियमों के अनुसार एचएल घेज्टा को जो मानदेय मिलना है. उसे लेने से इनकार करते हुए रिटायर तहसीलदार ने मात्र एक रुपये मानदेय में अपनी सेवा देने का ऐलान किया है.

रिटायर्ड तहसीलदार एचएल घेज्टा
रिटायर्ड तहसीलदार एचएल घेज्टा (फाइल फोटो)

शिमला: हिमाचल में सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार आर्थिक संकट में फंसी हुई है. आलम ये है कि नई भर्ती से सरकार परहेज कर रही है और रिटायर अफसरों व कर्मियों को री-अंगेज कर रही है. इसके लिए सरकार ने पॉलिसी भी तैयार की है कि रिटायरीज को फिर से सेवा में रखने के लिए क्या नियम शर्तें होंगी.

इस बीच, सुखविंदर सिंह सरकार के लिए एक सुख की खबर आई है. राजस्व विभाग में रिटायर्ड तहसीलदार एचएल घेज्टा को सरकार ने री-इंगेजमेंट दी है. री-इंगेजमेंट के नियमों के अनुसार एचएल घेज्टा को जो मानदेय मिलना है. उसे लेने से इनकार करते हुए रिटायर तहसीलदार ने मात्र एक रुपये मानदेय में अपनी सेवा देने का ऐलान किया है.

घेज्टा ने इस बारे में राजस्व विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव ओंकार शर्मा व शिमला जिला के डीसी अनुपम कश्यप को पत्र लिखा है. घेज्टा ने कहा कि वे तय एमोल्यूमेंट्स लेकर सरकार पर बोझ नहीं बनना चाहते, बल्कि सेवा करना चाहते हैं. री-इंगेजमेंट पर नियुक्त अधिकारी व कर्मचारी को उनके अंतिम वेतन के हिसाब से कौन सी श्रेणी के अधिकारी अथवा कर्मचारी हैं उसके अनुसार इमोल्यूमेंट यानी मासिक मानदेय मिलता है. राजस्व विभाग में पहले ही अधिकारियों व कर्मचारियों की कमी चल रही है.

एचएल घेज्टा शिमला जिलाधीश कार्यालय में तहसीलदार ऑफिस से बतौर तहसीलदार रिटायर हुए हैं. सरकार ने उन्हें री-इंगेजमेंट दी है. घेज्टा के पास राजस्व विभाग में 35 साल से अधिक की सेवा का अनुभव है. वे शिमला के राजस्व विभाग के कई मामलों के गहरे जानकार हैं. जनता के बीच उनकी छवि एक सहज, सरल व सहयोगी तहसीलदार की है. यही कारण है कि सरकार ने उन्हें री-अंगेज किया है.

सरकार ने उन्हें अभी छह माह के लिए री-अंगेज किया है. वे अगस्त माह में सेवानिवृत हुए हैं. घेज्टा मूल रूप से ऊपरी शिमला के जुब्बल इलाके से संबंध रखते हैं. वे राजस्व अधिकारी व कर्मचारी महासंघ के मुखिया भी हैं. उल्लेखनीय है कि इससे पहले सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू के आईटी सलाहकार गोकुल बुटेल ने भी अपना वेतन सरेंडर कर दिया है. सीएम व मंत्रियों ने भी दो महीने के लिए अपना वेतन विलंबित किया हुआ है.

ये भी पढ़ें: हिमाचल में भांग की खेती वैध करने के लिए बनेगी पॉलिसी, नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने जताई चिंता

शिमला: हिमाचल में सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार आर्थिक संकट में फंसी हुई है. आलम ये है कि नई भर्ती से सरकार परहेज कर रही है और रिटायर अफसरों व कर्मियों को री-अंगेज कर रही है. इसके लिए सरकार ने पॉलिसी भी तैयार की है कि रिटायरीज को फिर से सेवा में रखने के लिए क्या नियम शर्तें होंगी.

इस बीच, सुखविंदर सिंह सरकार के लिए एक सुख की खबर आई है. राजस्व विभाग में रिटायर्ड तहसीलदार एचएल घेज्टा को सरकार ने री-इंगेजमेंट दी है. री-इंगेजमेंट के नियमों के अनुसार एचएल घेज्टा को जो मानदेय मिलना है. उसे लेने से इनकार करते हुए रिटायर तहसीलदार ने मात्र एक रुपये मानदेय में अपनी सेवा देने का ऐलान किया है.

घेज्टा ने इस बारे में राजस्व विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव ओंकार शर्मा व शिमला जिला के डीसी अनुपम कश्यप को पत्र लिखा है. घेज्टा ने कहा कि वे तय एमोल्यूमेंट्स लेकर सरकार पर बोझ नहीं बनना चाहते, बल्कि सेवा करना चाहते हैं. री-इंगेजमेंट पर नियुक्त अधिकारी व कर्मचारी को उनके अंतिम वेतन के हिसाब से कौन सी श्रेणी के अधिकारी अथवा कर्मचारी हैं उसके अनुसार इमोल्यूमेंट यानी मासिक मानदेय मिलता है. राजस्व विभाग में पहले ही अधिकारियों व कर्मचारियों की कमी चल रही है.

एचएल घेज्टा शिमला जिलाधीश कार्यालय में तहसीलदार ऑफिस से बतौर तहसीलदार रिटायर हुए हैं. सरकार ने उन्हें री-इंगेजमेंट दी है. घेज्टा के पास राजस्व विभाग में 35 साल से अधिक की सेवा का अनुभव है. वे शिमला के राजस्व विभाग के कई मामलों के गहरे जानकार हैं. जनता के बीच उनकी छवि एक सहज, सरल व सहयोगी तहसीलदार की है. यही कारण है कि सरकार ने उन्हें री-अंगेज किया है.

सरकार ने उन्हें अभी छह माह के लिए री-अंगेज किया है. वे अगस्त माह में सेवानिवृत हुए हैं. घेज्टा मूल रूप से ऊपरी शिमला के जुब्बल इलाके से संबंध रखते हैं. वे राजस्व अधिकारी व कर्मचारी महासंघ के मुखिया भी हैं. उल्लेखनीय है कि इससे पहले सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू के आईटी सलाहकार गोकुल बुटेल ने भी अपना वेतन सरेंडर कर दिया है. सीएम व मंत्रियों ने भी दो महीने के लिए अपना वेतन विलंबित किया हुआ है.

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