नई दिल्ली/नोएडा: दिल्ली से सटे नोएडा में जालसाजों ने सेवानिवृत्त मेजर जनरल के साथ 37.68 लाख रुपये की ठगी कर ली. पीड़ित ने मामले की शिकायत मंगलवार को साइबर क्राइम थाने में की. पुलिस ने अज्ञात साइबर ठगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है. आरोप है कि करीब 47 मिनट तक पीड़ित को जालसाजों ने डिजिटल अरेस्ट करके रखा.
साइबर क्राइम थाने में दी शिकायत में ग्रेटर नोएडा निवासी सेवानिवृत्त मेजर जनरल अमरजीत सिंह ने बताया कि रविवार शाम साढ़े चार बजे के करीब उनके मोबाइल पर अनजान नंबर से कॉल आया. कॉलर ने कहा कि वह मुंबई से बोल रहा है और शिकायतकर्ता के नाम पर चार मई को एक कुरियर आया है, जिसमें 200 ग्राम ड्रग्स और पांच पासपोर्ट सहित अन्य सामान है. उसने पार्सल में तीन क्रेडिट कार्ड और कपड़े होने की भी बात कही.
जालसाजों ने कहा कि कुरियर भेजने के लिए पीड़ित की आधार आइडी का प्रयोग किया गया है. उसने आधार से जुड़ा मोबाइल नंबर भी बताया. जिसके बाद पीड़ित को विश्वास हो गया. पीड़ित ने कॉलर से कहा कि उनका इस कुरियर से कोई लेना-देना नहीं है. इसके बाद उसने कॉल को साइबर क्राइम सेल में स्थानांतरित कर दी. मामला ड्रग्स तस्करी और मनी लांड्रिंग एक्ट का बताकर पीड़ित को भयभीत कर दिया गया.
साइबर ठगों ने एक राजनेता के बारे में शिकायतकर्ता को बताया कि वह मनी लांड्रिंग के मामले में जेल में हैं. उन्होंने एक फर्जी एफआइआर भी दिखाई. ठगों ने जांच करने के लिए उन्हें मुंबई बुलाया. ठगों के कहने पर पीड़ित ने दबाव में आकर दो बार में 37,68,510 रुपये की रकम ट्रांसफर कर दी. कॉल 37 मिनट 45 सेकेंड तक जारी रही. इस दौरान ठगों ने पीड़ित को कॉल छोड़कर बाहर नहीं जाने दिया. ठगों ने जब पीड़ित पर और पैसे भेजने का दबाव बनाया तो उसे ठगी की आशंका हुई. पैसे वापस मांगने पर ठगों ने पीड़ित से संपर्क तोड़ दिया.
साइबर क्राइम थाने के प्रभारी ने बताया कि नाइजीरियन गिरोह द्वारा ठगी की वारदात को अंजाम देने की आशंका है. बीते कई माह से सुस्त पड़े नाइजीरियन गिरोह के ठग फिर से सक्रिय हो गए है. बीते दिनों ठगों ने एक बुजुर्ग महिला चिकित्सक को डिजिटल अरेस्ट कर उनके साथ 45 लाख रुपये की ठगी की थी.