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ज्ञानवापी पर फैसला देने वाले जज अजय कृष्‍ण विश्वेश बने राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय के लोकपाल - अजय कृष्‍ण विश्वेश

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (University Grants Commission) की तरफ से सभी विश्वविद्यालय को अपनी कर प्रणाली की निगरानी करने के लिए लोकपाल नियुक्त करने की व्यवस्था है. इसके तहत प्रत्येक विश्वविद्यालय में लोकपाल की नियुक्ति की जाती है.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Feb 29, 2024, 5:25 PM IST

लखनऊ: डॉ. शकुन्तला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय लखनऊ के कुलपति प्रो. हिमांशु शेखर झा ने वाराणसी के सेवानिवृत्त न्यायाधीश अजय कृष्‍ण विश्वेश को डॉ. शकुन्तला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय लखनऊ का लोकपाल नियुक्त किया है.

बता दें, जिला जज रहते हुए अजय कृष्‍ण विश्वेश ने ही ज्ञानवापी परिसर के एएसआई सर्वे का आदेश दिया था. डॉ. अजय कृष्‍ण विश्वेश मूलरूप से हरिद्वार के रहने वाले हैं. उनका जन्‍म सात जनवरी, 1964 को हुआ था.

उन्‍होंने कुरुक्षेत्र के सीनियर मॉडल स्‍कूल से 1981 में बीएससी, 1984 में एलएलबी और 1986 में एलएलएम किया. 20 जून, 1990 को उनकी न्‍यायिक सेवा की शुरुआत हुई. उत्‍तराखंड के कोटद्वार में उनकी पहली पोस्टिंग मुंसिफ मजिस्‍ट्रेट के रूप में हुई.

1991 में उनका ट्रांसफर सहारनपुर हो गया. इसके बाद वह देहरादून के न्‍यायिक मजिस्‍ट्रेट बने. वर्तमान में वे वाराणसी के जिला न्यायालय से सेवानिवृत हुए हैं. विश्वविद्यालय के प्रवक्ता प्रो. यशवंत विद्रोही ने बताया कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की तरफ से सभी विश्वविद्यालय को अपनी कर प्रणाली की निगरानी करने के लिए लोकपाल नियुक्त करने की व्यवस्था है.

इसके तहत प्रत्येक विश्वविद्यालय में लोकपाल की नियुक्ति की जाती है. इन्हें विश्वविद्यालय की तरफ से किसी भी बैठक में आने जाने के लिए टीए-डीए दिया जाता है. उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय के नियम के अनुसार 70 साल से कम उम्र के लोकपाल नियुक्त किया जा सकता है.

वहीं डाॅ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय में कुलपति प्रो. जेपी पांडेय ने बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. जेवी वैशम्पायन को यूजीसी की व्यवस्था के अनुसार छात्रों की शिकायत निवारण के लिए लोकपाल नियुक्त किया है. उनकी नियुक्ति तीन वर्षों के लिए की गयी है.

ये भी पढ़ेंः बीएचयू की पूर्व चीफ प्रॉक्टर के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी, कोर्ट ने कहा- 27 मार्च को हाजिर हों

लखनऊ: डॉ. शकुन्तला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय लखनऊ के कुलपति प्रो. हिमांशु शेखर झा ने वाराणसी के सेवानिवृत्त न्यायाधीश अजय कृष्‍ण विश्वेश को डॉ. शकुन्तला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय लखनऊ का लोकपाल नियुक्त किया है.

बता दें, जिला जज रहते हुए अजय कृष्‍ण विश्वेश ने ही ज्ञानवापी परिसर के एएसआई सर्वे का आदेश दिया था. डॉ. अजय कृष्‍ण विश्वेश मूलरूप से हरिद्वार के रहने वाले हैं. उनका जन्‍म सात जनवरी, 1964 को हुआ था.

उन्‍होंने कुरुक्षेत्र के सीनियर मॉडल स्‍कूल से 1981 में बीएससी, 1984 में एलएलबी और 1986 में एलएलएम किया. 20 जून, 1990 को उनकी न्‍यायिक सेवा की शुरुआत हुई. उत्‍तराखंड के कोटद्वार में उनकी पहली पोस्टिंग मुंसिफ मजिस्‍ट्रेट के रूप में हुई.

1991 में उनका ट्रांसफर सहारनपुर हो गया. इसके बाद वह देहरादून के न्‍यायिक मजिस्‍ट्रेट बने. वर्तमान में वे वाराणसी के जिला न्यायालय से सेवानिवृत हुए हैं. विश्वविद्यालय के प्रवक्ता प्रो. यशवंत विद्रोही ने बताया कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की तरफ से सभी विश्वविद्यालय को अपनी कर प्रणाली की निगरानी करने के लिए लोकपाल नियुक्त करने की व्यवस्था है.

इसके तहत प्रत्येक विश्वविद्यालय में लोकपाल की नियुक्ति की जाती है. इन्हें विश्वविद्यालय की तरफ से किसी भी बैठक में आने जाने के लिए टीए-डीए दिया जाता है. उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय के नियम के अनुसार 70 साल से कम उम्र के लोकपाल नियुक्त किया जा सकता है.

वहीं डाॅ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय में कुलपति प्रो. जेपी पांडेय ने बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. जेवी वैशम्पायन को यूजीसी की व्यवस्था के अनुसार छात्रों की शिकायत निवारण के लिए लोकपाल नियुक्त किया है. उनकी नियुक्ति तीन वर्षों के लिए की गयी है.

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