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राज्य कृषि सेवा भर्ती प्रारंभिक परीक्षा के परिणाम को चुनौती, लोक सेवा आयोग को याचियों के प्राप्तांक पेश करने का निर्देश

यह आदेश न्यायमूर्ति नीरज तिवारी ने देवेश वत्स और दो अन्य की याचिका पर अधिवक्ताओं की दलीलों को सुनकर दिया.

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इलाहाबाद हाईकोर्ट का आदेश (Photo Credit- ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Nov 12, 2024, 9:32 PM IST

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की राज्य कृषि सेवा भर्ती 2024 की प्रारंभिक परीक्षा के परिणाम को चुनौती देने वाली याचिका पर आयोग को याची अभ्यर्थियों के प्राप्तांक पेश करने का निर्देश दिया है. साथ ही याचियों से आपत्ति दाखिल करने को कहा है.

यह आदेश न्यायमूर्ति नीरज तिवारी ने देवेश वत्स व दो अन्य की याचिका पर अधिवक्ता सिद्धार्थ खरे व अनुराग कुमार ओझा और आयोग के अधिवक्ता एमएन सिंह की दलीलों को सुनकर दिया. याचिका के अनुसार लोक सेवा आयोग ने 10 अप्रैल 2024 को राज्य कृषि सेवा भर्ती का विज्ञापन निकाला गया था. याचियों ने इस भर्ती की प्रारंभिक परीक्षा दी.

कहा गया है कि विज्ञापन की शर्तों के अनुसार मुख्य परीक्षा के लिए एक पद के सापेक्ष 15 अभ्यर्थियों को सफल घोषित किया जाना चाहिए, लेकिन एक पद पर साढ़े सात के अनुपात में 2029 अभ्यर्थी सफल घोषित किए गए हैं. नियमानुसार 4020 अभ्यर्थियों को सफल घोषित करना चाहिए था. याचिका में 18 सितंबर 2024 को घोषित प्रारंभिक परीक्षा के परिणाम को गलत बताते हुए इसे रद्द करने की मांग की गई है.

याची ने कहा कि भर्ती की शर्त है कि सामान्य श्रेणी के लिए 40 प्रतिशत व आरक्षित श्रेणी के लिए 35 प्रतिशत अंक पाना अनिवार्य है. इतने अंक पाने वाले को ही प्रारंभिक परीक्षा में सफल घोषित किया जाएगा. आनुपातिक हिसाब से कम अभ्यर्थियों के निर्धारित अंक प्राप्त करने के कारण कम सफल घोषित किए गए हैं. परीक्षा का परिणाम तीसरे याची की उत्तर कुंजी पर की गई आपत्ति पर विचार करके ही घोषित किया गया है. इस पर कोर्ट ने याची के प्राप्तांक पेश करने का निर्देश दिया है.

ये भी पढ़ें- दो शादी करने वाले शिक्षक के निलंबन पर हाईकोर्ट ने लगायी रोक, बीएसए से जवाब तलब

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की राज्य कृषि सेवा भर्ती 2024 की प्रारंभिक परीक्षा के परिणाम को चुनौती देने वाली याचिका पर आयोग को याची अभ्यर्थियों के प्राप्तांक पेश करने का निर्देश दिया है. साथ ही याचियों से आपत्ति दाखिल करने को कहा है.

यह आदेश न्यायमूर्ति नीरज तिवारी ने देवेश वत्स व दो अन्य की याचिका पर अधिवक्ता सिद्धार्थ खरे व अनुराग कुमार ओझा और आयोग के अधिवक्ता एमएन सिंह की दलीलों को सुनकर दिया. याचिका के अनुसार लोक सेवा आयोग ने 10 अप्रैल 2024 को राज्य कृषि सेवा भर्ती का विज्ञापन निकाला गया था. याचियों ने इस भर्ती की प्रारंभिक परीक्षा दी.

कहा गया है कि विज्ञापन की शर्तों के अनुसार मुख्य परीक्षा के लिए एक पद के सापेक्ष 15 अभ्यर्थियों को सफल घोषित किया जाना चाहिए, लेकिन एक पद पर साढ़े सात के अनुपात में 2029 अभ्यर्थी सफल घोषित किए गए हैं. नियमानुसार 4020 अभ्यर्थियों को सफल घोषित करना चाहिए था. याचिका में 18 सितंबर 2024 को घोषित प्रारंभिक परीक्षा के परिणाम को गलत बताते हुए इसे रद्द करने की मांग की गई है.

याची ने कहा कि भर्ती की शर्त है कि सामान्य श्रेणी के लिए 40 प्रतिशत व आरक्षित श्रेणी के लिए 35 प्रतिशत अंक पाना अनिवार्य है. इतने अंक पाने वाले को ही प्रारंभिक परीक्षा में सफल घोषित किया जाएगा. आनुपातिक हिसाब से कम अभ्यर्थियों के निर्धारित अंक प्राप्त करने के कारण कम सफल घोषित किए गए हैं. परीक्षा का परिणाम तीसरे याची की उत्तर कुंजी पर की गई आपत्ति पर विचार करके ही घोषित किया गया है. इस पर कोर्ट ने याची के प्राप्तांक पेश करने का निर्देश दिया है.

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