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उत्तराखंड में UCC लागू करवाने में इन अफसरों-कर्मचारियों की होगी अहम भूमिका, ऐसे होगी ट्रेनिंग - UCC IMPLEMENTATION

यूसीसी को धरातल पर उतारने का बड़ा जिम्मा नगर पंचायत, नगर पालिका लेवल के अधिकारियों कर्मचारियों का होगा, इनकी जोरदार ट्रेनिंग होगी

UCC IMPLEMENTATION
UCC लागू करने की तैयारी (ETV Bharat Graphics)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : 3 hours ago

देहरादून: उत्तराखंड में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जब कमान संभाली थी, तो सबसे पहला लक्ष्य उत्तराखंड को समान नागरिक संहिता देने का था. अपने शुरुआती दिनों से ही राज्य सरकार इस दिशा में आगे बढ़ रही है. यूसीसी यानी समान नागरिक संहिता की नियमावली राज्य सरकार को 18 अक्टूबर को क्रियान्वयन समिति ने सौंप दी थी. आखिरकार 2 महीने से यूसीसी को लेकर कोई चर्चा क्यों नहीं हो रही है, यह हम आपको बताते हैं.

अभी संशोधन की है गुंजाइश: उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता को लागू करने के लिए राज्य सरकार ने जो समिति बनाई थी, उस समिति का काम पूरा हो गया है. क्रियान्वयन समिति के अध्यक्ष शत्रुघ्न सिंह सहित तमाम लोगों ने लोगों के बीच जाकर इस ड्राफ्ट को तैयार किया था. उत्तराखंड को सशक्त और देश में पहली बार समान नागरिक संहिता मिले, इसको लेकर कई तरह के कानून ड्राफ्ट में जोड़े गए हैं. ड्राफ्ट को राज्यपाल के साथ-साथ राष्ट्रपति की भी स्वीकृति मिल चुकी है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी चाहते हैं कि राज्य में जल्द से जल्द समान नागरिक संहिता लागू हो जाए. अभी इसमें एक पेंच फंसा है और ये पेंच है ट्रेनिंग का.

UCC Implementation
यूनिफॉर्म सिविल कोड में कब क्या हुआ? (PHOTO- ETV BHARAT)

काम अब अंतिम दौर में: नियमावली समिति या यों कहीं क्रियान्वयन समिति के अध्यक्ष और पूर्व मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह कहते हैं कि हमने ड्राफ्ट बनाकर दे दिया है. ऐसा नहीं है कि ड्राफ्ट बन गया तो उसे ही लागू कर दिया जाएगा. अभी उसमें संशोधन की गुंजाइश है. अब यह गृह विभाग के पास गया है. गृह विभाग अगर चाहेगा, तो इसमें संशोधन कर सकता है. कुछ बिंदुओं पर अगर ऐसा लगेगा, तो राज्य सरकार इस पर काम करेगी. उन्हें अगर ऐसा लगता है कि उन्हें हमारी जरूरत है, हम कोई राय दे सकते हैं, तो हम वहां पर राय जरूर देंगे. हमारा जो काम था, वह हम पूरा कर चुके हैं. परंतु समान नागरिक संहिता लागू करवाने या उसको धरातल पर उतारने का सबसे बड़ा जिम्मा नगर पंचायत, नगर पालिका लेवल के अधिकारियों कर्मचारियों का होगा. लिहाजा उनको इस समान नागरिक संहिता को पूरा समझना होगा और यही ट्रेनिंग का हिस्सा है.

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यूनिफॉर्म सिविल कोड में अब तक क्या हुआ? (PHOTO- ETV BHARAT)

जमीन पर यूसीसी लागू करवाने में इनकी रहेगी भूमिका: शत्रुघ्न सिंह कहते हैं कि यूनिफॉर्म सिविल कोड की किताब को आपने देखा है. इसके हर एक पन्ने पर इससे जुड़ी हुई एक-एक जानकारी लिखी गई है. ऐसे में अगर यह राज्य में लागू होता है और लागू होते ही कर्मचारियों अधिकारियों को इस पर काम करना होगा, तो ऐसा नहीं है कि हर बार वह किताब पढ़ कर आगे बढ़ेंगे. इसी बात की ट्रेनिंग होगी कि उन्हें बार-बार किताब न पढ़नी पड़े या अन्य कुछ विशेष प्रयास न करना पड़े. यह ट्रेनिंग कितने समय में खत्म होगी, कब शुरू होगी, यह शासन का विषय है. मैं इतना जरूर कहूंगा कि गांव देहात में इसका सबसे ज्यादा असर होगा या यह कहें इस पर काम करना होगा तो पंचायत लेवल पर कर्मचारियों और अधिकारियों को जब खुद कानून के बारे में पता होगा तो वह इसको जमीनी और गांव लेवल तक लागू करवाएंगे.

जब जानेंगे तभी बता पाएंगे: ग्राम लेवल तक के अधिकारियों को लोगों को ये बताना होगा कि एक्ट और रूल में अब क्या नई व्यवस्था की गई है. अगर कोई रजिस्ट्रेशन के लिए आता है, तो कैसे रजिस्ट्रेशन होगा. क्योंकि सब कुछ ऑनलाइन हो गया है. ऑनलाइन अगर कुछ करना है, तो कैसे प्रोसेस करना है. इतना ही नहीं वो लोगों को ये भी बता पाएं कि एक्ट और रूल के किस प्रोविजन से उनका वास्ता पड़ना है. ये सभी जानकारी उनको होनी जरूरी है. इसलिए इनकी ट्रेनिंग बेहद जरूरी है. दूसरी और जिलाधिकारी और एसपी लेवल के अधिकारियों की ट्रेनिंग की इसमें कोई जरूरत नहीं है. पुलिस अधिकारियों का सीधा-सीधा इंवॉल्वमेंट इसमें नहीं होगा. हां अगर कोई मामला आता है, तो अलग बात है. समान नागरिक संहिता का सारा का सारा जिम्मा उन्हीं पर होगा, जिनकी ट्रेनिंग होगी.

UCC Implementation
18 अक्टूबर 2024 को राज्य सरकार को यूसीसी की नियमावली सौंपी गई थी (PHOTO- ETV BHARAT)

अब ऐसे होगी ट्रेनिंग: मुख्यमंत्री दफ्तर से मिली जानकारी के अनुसार सीएम धामी खुद चाहते हैं कि जल्द सब कुछ हो. लेकिन कभी चुनाव, कभी यात्रा और कभी सरकारी काम के बीच ट्रेनिंग अब तक नहीं हो पाई है. हालांकि अब जल्द शासन स्तर पर इसकी ट्रेनिंग के लिए आदेश होंगे. शासन ऐसी व्यवस्था करेगा कि सरकारी कामकाज भी चलता रहे और ट्रेनिंग भी पूरी हो जाए. आपको बता दें कि इसमें हर नगर पंचायत, नगर पालिका, नगर निगम से जुड़े अधिकारियों कर्मचारियों की ट्रेनिंग होनी है.
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देहरादून: उत्तराखंड में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जब कमान संभाली थी, तो सबसे पहला लक्ष्य उत्तराखंड को समान नागरिक संहिता देने का था. अपने शुरुआती दिनों से ही राज्य सरकार इस दिशा में आगे बढ़ रही है. यूसीसी यानी समान नागरिक संहिता की नियमावली राज्य सरकार को 18 अक्टूबर को क्रियान्वयन समिति ने सौंप दी थी. आखिरकार 2 महीने से यूसीसी को लेकर कोई चर्चा क्यों नहीं हो रही है, यह हम आपको बताते हैं.

अभी संशोधन की है गुंजाइश: उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता को लागू करने के लिए राज्य सरकार ने जो समिति बनाई थी, उस समिति का काम पूरा हो गया है. क्रियान्वयन समिति के अध्यक्ष शत्रुघ्न सिंह सहित तमाम लोगों ने लोगों के बीच जाकर इस ड्राफ्ट को तैयार किया था. उत्तराखंड को सशक्त और देश में पहली बार समान नागरिक संहिता मिले, इसको लेकर कई तरह के कानून ड्राफ्ट में जोड़े गए हैं. ड्राफ्ट को राज्यपाल के साथ-साथ राष्ट्रपति की भी स्वीकृति मिल चुकी है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी चाहते हैं कि राज्य में जल्द से जल्द समान नागरिक संहिता लागू हो जाए. अभी इसमें एक पेंच फंसा है और ये पेंच है ट्रेनिंग का.

UCC Implementation
यूनिफॉर्म सिविल कोड में कब क्या हुआ? (PHOTO- ETV BHARAT)

काम अब अंतिम दौर में: नियमावली समिति या यों कहीं क्रियान्वयन समिति के अध्यक्ष और पूर्व मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह कहते हैं कि हमने ड्राफ्ट बनाकर दे दिया है. ऐसा नहीं है कि ड्राफ्ट बन गया तो उसे ही लागू कर दिया जाएगा. अभी उसमें संशोधन की गुंजाइश है. अब यह गृह विभाग के पास गया है. गृह विभाग अगर चाहेगा, तो इसमें संशोधन कर सकता है. कुछ बिंदुओं पर अगर ऐसा लगेगा, तो राज्य सरकार इस पर काम करेगी. उन्हें अगर ऐसा लगता है कि उन्हें हमारी जरूरत है, हम कोई राय दे सकते हैं, तो हम वहां पर राय जरूर देंगे. हमारा जो काम था, वह हम पूरा कर चुके हैं. परंतु समान नागरिक संहिता लागू करवाने या उसको धरातल पर उतारने का सबसे बड़ा जिम्मा नगर पंचायत, नगर पालिका लेवल के अधिकारियों कर्मचारियों का होगा. लिहाजा उनको इस समान नागरिक संहिता को पूरा समझना होगा और यही ट्रेनिंग का हिस्सा है.

UCC Implementation
यूनिफॉर्म सिविल कोड में अब तक क्या हुआ? (PHOTO- ETV BHARAT)

जमीन पर यूसीसी लागू करवाने में इनकी रहेगी भूमिका: शत्रुघ्न सिंह कहते हैं कि यूनिफॉर्म सिविल कोड की किताब को आपने देखा है. इसके हर एक पन्ने पर इससे जुड़ी हुई एक-एक जानकारी लिखी गई है. ऐसे में अगर यह राज्य में लागू होता है और लागू होते ही कर्मचारियों अधिकारियों को इस पर काम करना होगा, तो ऐसा नहीं है कि हर बार वह किताब पढ़ कर आगे बढ़ेंगे. इसी बात की ट्रेनिंग होगी कि उन्हें बार-बार किताब न पढ़नी पड़े या अन्य कुछ विशेष प्रयास न करना पड़े. यह ट्रेनिंग कितने समय में खत्म होगी, कब शुरू होगी, यह शासन का विषय है. मैं इतना जरूर कहूंगा कि गांव देहात में इसका सबसे ज्यादा असर होगा या यह कहें इस पर काम करना होगा तो पंचायत लेवल पर कर्मचारियों और अधिकारियों को जब खुद कानून के बारे में पता होगा तो वह इसको जमीनी और गांव लेवल तक लागू करवाएंगे.

जब जानेंगे तभी बता पाएंगे: ग्राम लेवल तक के अधिकारियों को लोगों को ये बताना होगा कि एक्ट और रूल में अब क्या नई व्यवस्था की गई है. अगर कोई रजिस्ट्रेशन के लिए आता है, तो कैसे रजिस्ट्रेशन होगा. क्योंकि सब कुछ ऑनलाइन हो गया है. ऑनलाइन अगर कुछ करना है, तो कैसे प्रोसेस करना है. इतना ही नहीं वो लोगों को ये भी बता पाएं कि एक्ट और रूल के किस प्रोविजन से उनका वास्ता पड़ना है. ये सभी जानकारी उनको होनी जरूरी है. इसलिए इनकी ट्रेनिंग बेहद जरूरी है. दूसरी और जिलाधिकारी और एसपी लेवल के अधिकारियों की ट्रेनिंग की इसमें कोई जरूरत नहीं है. पुलिस अधिकारियों का सीधा-सीधा इंवॉल्वमेंट इसमें नहीं होगा. हां अगर कोई मामला आता है, तो अलग बात है. समान नागरिक संहिता का सारा का सारा जिम्मा उन्हीं पर होगा, जिनकी ट्रेनिंग होगी.

UCC Implementation
18 अक्टूबर 2024 को राज्य सरकार को यूसीसी की नियमावली सौंपी गई थी (PHOTO- ETV BHARAT)

अब ऐसे होगी ट्रेनिंग: मुख्यमंत्री दफ्तर से मिली जानकारी के अनुसार सीएम धामी खुद चाहते हैं कि जल्द सब कुछ हो. लेकिन कभी चुनाव, कभी यात्रा और कभी सरकारी काम के बीच ट्रेनिंग अब तक नहीं हो पाई है. हालांकि अब जल्द शासन स्तर पर इसकी ट्रेनिंग के लिए आदेश होंगे. शासन ऐसी व्यवस्था करेगा कि सरकारी कामकाज भी चलता रहे और ट्रेनिंग भी पूरी हो जाए. आपको बता दें कि इसमें हर नगर पंचायत, नगर पालिका, नगर निगम से जुड़े अधिकारियों कर्मचारियों की ट्रेनिंग होनी है.
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