जयपुर : आरयूएचएस से संबद्ध सरकारी डेंटल कॉलेज के रेजिडेंट्स डॉक्टर्स ने गुरुवार को प्रिंसिपल के खिलाफ मोर्चा खोल दिया. रेजिडेंट्स डॉक्टर्स ने प्रिंसिपल पर गंभीर आरोप लगाए है. रेजिडेंट्स ने प्रिंसिपल पर एक प्राइवेट महिला डॉक्टर का समर्थन करने का आरोप लगाते हुए कॉलेज में दखलअंदाजी का आरोप लगाया. हालांकि, प्रिंसिपल ने अपने उपर लगे इन आरोपों को झूठा बताया है.
शास्त्री नगर स्थित सरकारी डेंटल कॉलेज में रेजिडेंट चिकित्सकों ने जमकर हंगामा किया. प्रिंसिपल से इस्तीफा की मांग करते हुए स्ट्राइक कर दी और नारेबाजी की. नारेबाजी से नाराज होकर प्रिंसिपल ने प्रदर्शन के दौरान इस्तेमाल किए जा रहे पोस्टर्स को फाड़ दिया. रेजिडेंट्स डॉक्टर्स ने आरोप लगाए कि एक प्राइवेट प्रैक्टीशनर्स द्वारा रेजिडेंट चिकित्सकों को मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है. रेजिडेंट्स का कहना है कि प्राइवेट प्रैक्टीशनर्स ओरल सर्जरी विभाग के सभी मामलों और मरीजों के इलाज की प्रक्रिया में दखलअंजादी करती हैं, जबकि उनका अस्पताल से कोई लेना-देना नहीं है.
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रेजिडेंट चिकित्सकों ने यह भी कहा कि प्राइवेट डॉक्टर ओपीडी में रेजिडेंट के नाम पर अधीकृत मरीजों को बहला कर उनकी सर्जरी करती हैं और रेजिडेंट्स के साथ बद्तमीजी करना उनका रोजमर्रा का काम है. रेजिडेंट्स का आरोप है कि डेंटल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. विनय कुमार का उन्हें पूरा समर्थन है. इस मामले में पहले भी आरयूएचएस को शिकायतें की जा चुकी हैं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई है. रेजिडेंट्स डॉक्टर्स ने प्रिंसिपल को हटाने की मांग की है.
विश्वविद्यालय ने जारी किया था नोटिस : कुछ समय पहले इस पूरे मामले को लेकर राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय की ओर से एक नोटिस भी डेंटल कॉलेज को जारी किया गया था और डॉक्टर को लेकर जानकारी मांगी गई थी. इसके बावजूद रेजिडेंट चिकित्सकों का आरोप है कि कॉलेज ने इस मामले पर कोई कार्रवाई नहीं की. इस मामले में प्रिंसिपल ने उन्हें बदनाम करने की साजिश बताया है. प्रिंसिपल डॉ. विनय ने कहा कि प्राइवेट डॉक्टर कोई नहीं है. ये मुझे बदनाम करने की साजिश है.