जयपुर. जयपुर के सवाईमान सिंह मेडिकल कालेज से जुड़े अस्पतालों में दूसरे दिन भी रेजिडेंट चिकित्सक हड़ताल पर रहे. जिसके बाद अस्पतालों में इलाज से जुडी व्यवस्थाएं गड़बड़ा गईं. जयपुर के सवाईमान सिंह अस्पताल में हड़ताल के चलते कई आपरेशन टाल दिए गए. वहीं, मरीजों को किसी तरह की कोई परेशानी नहीं हो, इसके लिए ओपीडी और इमरजेंसी में अतिरिक्त चिकित्सक तैनात किए गए.
मामले को लेकर सवाईमान सिंह अस्पताल के अधीक्षक डॉ. अचल शर्मा ने बताया कि रेजिडेंट चिकित्सकों की हड़ताल के चलते अस्पताल में तैनात मेडिकल आफिसर्स को ओपीडी और इमरजेंसी की सेवाओं में तैनात किया गया है. इसके अलावा सीनियर रेजिडेंट और सीनियर चिकित्सकों द्वारा फिलहाल ओपीडी और आईपीडी में मरीजों का इलाज किया जा रहा है. इसके साथ ही जो जरूरी आपरेशन है सिर्फ वही अस्पताल में किए जा रहे हैं, बाकि ऑपरेशन्स को फिलहाल के लिए टाल दिया गया है. हालांकि, हड़ताल के कारण आमदिनों के तौर पर अस्पताल में मरीजों की संख्या में भी गिरावट आई है.
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नहीं लौटे काम पर : सवाईमान सिंह मेडिकल कालेज से जुड़े अस्पताल में मंगलवार को दूसरे दिन भी रेजिडेंट चिकित्सक हड़ताल पर रहे और काम पर नहीं लौटे. दरअसल, कांवटिया अस्पताल में गर्भवती महिला के गेट पर हुए प्रसव के बाद चिकित्सा विभाग ने अस्पताल में कार्यरत रेजिडेंट चिकित्सकों पर कार्रवाई करते हुए उन्हें निलंबित कर दिया था.
जिसके बाद अब रेजीडेंट चिकित्सक इस कार्रवाई के विरोध में उतर गए हैं और उन्होंने कार्य बहिष्कार का ऐलान कर दिया है. मामले को लेकर जयपुर एसोसिएशन ऑफ़ रेजिडेंट डॉक्टर्स (जार्ड ) का कहना है कि कांवटिया अस्पताल में गर्भवती महिला का लेबर रूम के बाहर अस्पताल परिसर में प्रसव होने के प्रकरण में निर्दोष पीजी छात्रों के खिलाफ एकतरफा कार्रवाई की गई है और जब तक चिकित्सा विभाग रेजिडेंट चिकित्सकों पर की गई कार्रवाई को वापस नहीं लेता है, तब तक कार्य बहिष्कार जारी रहेगा.
तीन रेजिडेंट निलंबित : कावंटिया अस्पताल में गर्भवती महिला का खुले में प्रसव होने के प्रकरण में दोषी पाए गए तीन रेजीडेंट चिकित्सकों डॉ. कुसुम सैनी, डॉ. नेहा राजावत एवं डॉ. मनोज को चिकित्सा विभाग की ओर से निलंबित कर दिया गया था. साथ ही राज्य सरकार ने प्रकरण में पर्यवेक्षणीय लापरवाही के लिए जिम्मेदार अस्पताल अधीक्षक डॉ. राजेन्द्र सिंह तंवर को भी कारण बताओ नोटिस जारी किया था.
अतिरिक्त मुख्य सचिव चिकित्सा शिक्षा शुभ्रा सिंह ने बताया था कि प्रकरण सामने आने पर चिकित्सा शिक्षा विभाग ने तत्काल प्रभाव से जांच कमेटी गठित की थी. कमेटी की रिपोर्ट के अनुसार रेजीडेंट डॉक्टर डॉ. कुसुम सैनी, डॉ. नेहा राजावत एवं डॉ. मनोज की गंभीर लापरवाही एवं संवेदनहीनता सामने आई है. जिसके बाद इन तीनों रेजीडेंट चिकित्सकों को निलंबित किया गया था. साथ ही लापरवाही के लिए अस्पताल अधीक्षक डॉ. राजेन्द्र सिंह तंवर को कारण बताओ नोटिस जारी किया था.