कानपुर: वन्यजीवों से प्रेम करने वाले शोधार्थियों के लिए कानपुर जू से अच्छी खबर आयी है. अब योगी सरकार में शोधार्थियों को कानपुर जू में गैंडों और बारहसिंघा पर शोध करने का मौका मिलेगा. इसके लिए कुछ दिनों पहले वन विभाग की गवर्निंग बॉडी की बैठक में आला अफसरों ने अपनी ओर से शोध करने की स्वीकृति दे दी है. ऐसा पहली बार होगा, जब सूबे के किसी जू में वन्यजीवों पर शोध शुरू होगा. शोध के दौरान इन वन्यजीवों के रहन-सहन, स्वभाव, प्रजनन समेत अन्य गतिविधियों की नवीन जानकारियां सभी के सामने आ सकेंगी. जू निदेशक केके सिंह ने बताया, इस शोध को लेकर तैयारियां शुरू करा दी गई हैं.
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वाइल्डलाइफ विषय वाले कॉलेजों से आएंगे शोधार्थी: जू निदेशक केके सिंह ने बताया, गैंडा को जहां राष्ट्रीय स्तर पर पार्टिसिपेटिंग जू के तहत शामिल किया गया है. वहीं बारहसिंघा हमारा राज्य पशु है. इसलिए, पहले चरण में गैंडों और बारहसिंघा को शोध के लिए शामिल किया गया है.
उन्होंने बताया, सूबे के सभी वेटनरी कॉलेजों व जूलॉजी और वाइल्डलाइफ विषय वाले कॉलेज से शोधार्थियों को बुलाया जाएगा. सभी कॉलेजों में जू की ओर से आमंत्रित पत्र भेजा जा रहा है. उन्होंने कहा, शोध को लेकर सरकार अपने स्तर से बेहतर प्रयास कर रही है. उसी दिशा में कदम बढ़ाते हुए अब जू के वन्यजीवों पर रिसर्च होगी.
जू में 15 बारहसिंघा और तीन गैंडे: कानपुर जू के प्रशासनिक अफसर नावेद इकराम ने बताया, मौजूदा समय में कानपुर जू के पास तीन गैंडे और 15 बारहसिंघा हैं. इन सभी पर शोध करने वाले छात्रों को अपनी पढ़ाई पूरी करने का अब मौका मिल सकेगा.
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