कानपुर : फर्रुखाबाद जिले में तेंदुए के आतंक का आखिरकार अंत हुआ. कानपुर जू से गई रेस्क्यू टीम ने कड़ी मशक्कत के बाद तेंदुए को बेहोश कर पकड़ लिया. सोमवार को देर रात टीम तेंदुए को रेस्क्यू कर कानपुर जू ले आई. डॉक्टरों की एक टीम तेंदुए की पूरी तरह से निगरानी व देख रेख कर रही है. ईटीवी भारत की टीम सोमवार को कानपुर जू पहुंची और बाड़े में कैद तेंदुए के बारे जानकारी करने की कोशिश की. इस दौरान पता चला कि तेंदुए का स्वभाव बहुत ही आक्रामक है. तेंदुआ बाड़े के अंदर से भी अटैक करने की पूरी तरह से कोशिश कर रहा है.
बता दें कि फर्रुखाबाद जिले के मऊ दरवाजा थाना क्षेत्र के ग्राम जसमई के पास आदमखोर तेंदुए के हमले से करीब 20 लोग घायल हो गए थे. जैसे ही इस बात की सूचना वन विभाग की टीम व आलाधिकारियों तक पहुंची तो इस आदमखोर तेंदुए को पकड़ने के लिए सर्च अभियान चलाया गया. फर्रुखाबाद जिले में वन विभाग की टीम के द्वारा जगह-जगह पर जाल बिछाया गया, हालांकि कई घंटे की मेहनत के बाद भी जब तेंदुआ उनके हाथ नहीं लगा तो वन विभाग टीम के कानपुर चिड़ियाघर से मदद मांगी गई. इसके बाद तुरंत कानपुर से वन्य जीव चिकित्सक डॉ नासिर के नेतृत्व में एक टीम तत्काल फर्रुखाबाद के लिए रवाना की गई. कानपुर जू से पहुंची टीम ने काफी कड़ी मशक्कत के बाद घेराबंदी कर डॉट गन से ट्रेंकुलाइज कर बेहोश किया और फिर उसे पकड़ लिया. इसके बाद टीम उसे कानपुर जू ले आई है, जहां पर उसे एक अलग बाड़े में रखा गया है।
कई लोगों पर तेंदुए ने किया हमला : कानपुर जू के मुख्य चिकित्सा अधिकारी अनुराग सिंह ने ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान बताया कि, फर्रुखाबाद जिले में आदमखोर तेंदुए ने करीब 15-20 लोगों पर हमला कर उन्हें घायल कर दिया था. तेंदुए ने जिन लोगों पर हमला किया था उनमें दो छात्र व वन विभाग की टीम जो तेंदुए को रेस्क्यू करने के लिए गई थी, उसमें वन विभाग के दरोगा, फॉरेस्ट गार्ड व फॉरेस्टर समेत कुल चार लोग भी घायल हुए थे. इसके बाद इस आदमखोर तेंदुए को पकड़ने के लिए उनके पास चीफ का फोन आया था. जिसके बाद कानपुर जू से एक टीम तेंदुए को रेस्क्यू करने के लिए तत्काल रवाना कर दी गई थी. रेस्क्यू टीम तेंदुए को चिड़ियाघर लेकर आई है, जहां पर इसे एक अलग बाड़े में रखकर 14 दिन के लिए क्वॉरेंटाइन किया गया है. यहां डॉक्टरों की एक टीम के द्वारा उसकी पूरी तरह से देख रेख भी की जा रही है.
डॉक्टर कर रहे तेंदुए की देखरेख : कानपुर जू के क्षेत्रीय वन अधिकारी नावेद इकराम ने ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान बताया कि, फर्रुखाबाद जिले से रेस्क्यू करके कानपुर जू लाए गए तेंदुए को अस्पताल के अंदर एक बाड़े में रखा गया है. उन्होंने बताया कि, तेंदुए के दो केनाइन दांत टूटे पाए गए हैं और उसे कुछ अंदरूनी छोटें भी आई हैं, जिनकी डॉक्टरों की टीम के द्वारा जांच की जा रही है. फिलहाल तेंदुए का जो स्वभाव है, वह बड़े के अंदर भी बेहद आक्रामक है. वह अटैक करने की पूरी तरह से कोशिश कर रहा है. इस वजह से किसी को भी उसके पास नहीं जाने दिया जा रहा है, हालांकि वह अपनी डाइट प्रॉपर तरीके से ले रहा है. सोमवार सुबह ही उसने दो किलो मुर्गे का मांस खाया है.
उन्होंने बताया कि जिस तेंदुए को रेस्क्यू करके यहां लाया गया है, उसकी उम्र 8 साल है. औसतन तेंदुए की जो उम्र होती है, वह 15 से 20 साल होती है. ऐसे में यह कहा जा सकता है कि यह तेंदुआ अभी काफी जवान है. अभी इस तेंदुए को 72 घंटे एक ऑब्जर्वेशन में रखा गया है. इसकी पूरी तरह से जांच होने के बाद ही इसके डाइट शेड्यूल को भी धीरे-धीरे बढ़ाया जाएगा, वहीं शासन स्तर पर फैसला आने के बाद ही यह स्पष्ट हो सकेगा कि इस कानपुर जू में ही रखना है या फिर इसे कहीं बाहर भेजा जाएगा.
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