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लखनऊ की सबसे बड़ी निजी कॉलोनी को लेकर रेरा ने दी बड़ी राहत, जानिए क्या मिली सहूलियत - Relief to Ansal API from RERA

उत्तर प्रदेश रेरा ने अंसल एपीआई की लखनऊ में सुशांत गोल्फ सिटी हाई-टेक टाउनशिप परियोजना के सम्बन्ध में आदेश का स्पष्टीकरण जारी किया है. रेरा ने टाउनशिप की पूर्ण परियोजनाओं के आवंटियों के नाम व रजिस्ट्री से रोक हटा दी है. Relief to Ansal API from RERA

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : May 8, 2024, 8:40 AM IST

लखनऊ : उत्तर प्रदेश रेरा ने सुशांत गोल्फ सिटी में हाई-टेक टाउनशिप परियोजना के सम्बन्ध में अपने करीब एक साल पुराने आदेश के सम्बन्ध में स्पष्टीकरण जारी किया है. रेरा ने कहा कि प्रोमोटर की ऐसी परियोजनाएं जिनका पूर्णता प्रमाण-पत्र रेरा लागू होने से पहले मिल गया था, उनके आवंटियों के नाम सेल डीड करने पर रोक नहीं है. रेरा के मुताबिक संतुष्टि इन्क्लेव-1 परियोजना- ब्लाॅक-ए, बी-1 व ब्लाॅक बी-2, पैराडाइज़ क्रिस्टल परियोजना- ब्लाॅक-ए, ब्लाॅक-बी, ब्लाॅक-ई तथा ब्लाॅक-एफ, तथा सेलेब्रिटी गार्डन परियोजना- ब्लाॅक/टावर नं.- 08, 09, 11 एवं इसी परियोजना के ब्लाॅक/टावर-एफ, जी व एच कुल तीन ब्लाॅक/टावर (110) फ्लैट का पूर्णता प्रमाण-पत्र रेरा से पहले जारी हो गया था. इन परियोजनाओं के आवंटियों के नाम रजिस्ट्री हो सकती है.

प्रोमोटर रेरा में पंजीकृत परियोजनाओं का पूर्णता प्रमाण-पत्र प्राप्त कर लेने तथा यूपी रेरा की वेबसाइट पर पूर्णता प्रमाण-पत्र अपलोड करने के पश्चात उन परियोजनाओं के आवंटियों के नाम रजिस्टर्ड सेल डीड कर सकते हैं. रेरा द्वारा यह स्पष्टीकरण प्रोमोटर तथा परियोजना के आवंटियों के आवेदन पर जारी किया गया है ताकि अगर परियोजना पूरी हो गई है तो उस परियोजना के आवंटियों को उनके अपार्टमेंट या प्लाॅट का कब्जा मिल जाए. प्रोमोटर की जिम्मेदारी होगी कि जिन आवंटियों के नाम रजिस्ट्री करते हैं, उनकी परियोजना की भूमि या इकाई के सम्बन्ध में स्वत्व या कब्जे का कोई विवाद न हो. इन पूर्ण परियोजनाओं में आवंटियों से प्राप्त धनराशि का उपयोग यूपी रेरा द्वारा प्रोमोटर की लखनऊ स्थित हाई-टेक टाउनशिप के ही आवंटियों के मामलों में रेरा द्वारा जारी वसूली प्रमाण-पत्रों के सापेक्ष भुगतान के लिए ही किया जाएगा.

रेरा ने यह भी स्पष्ट किया है कि पिछले साल के आदेश जांच पूरी होने तक यथावत प्रभावी रहेंगे और यदि प्रोमोटर इस आदेश की आड़ में रेरा अधिनियम के किन्हीं प्राविधानों या रेरा के आदेश के किसी भी अंश का उल्लंघन करता है तो कार्रवाई की जाएगी. यूपी रेरा अध्यक्ष संजय भूसरेड्डी ने बताया कि रेरा ने यह स्पष्टीकरण टाउनशिप के उन आवंटियों के हितों की सुरक्षा के लिए जारी किया है. जो लंबे समय से अपनी इकाई के कब्जे का इंतजार कर रहे हैं. जहां तक प्रोमोटर के विरुद्ध प्रचलित जांच का प्रश्न है, उसके सम्बन्ध में प्रोमोटर को आदेश दिए गए हैं कि शपथ-पत्र के साथ अपना उत्तर प्रस्तुत कर दें और प्रोमोटर को सुनकर रेरा अधिनियम तथा साक्ष्यों के आधार पर यथोचित निर्णय अलग से लिया जाएगा.

लखनऊ : उत्तर प्रदेश रेरा ने सुशांत गोल्फ सिटी में हाई-टेक टाउनशिप परियोजना के सम्बन्ध में अपने करीब एक साल पुराने आदेश के सम्बन्ध में स्पष्टीकरण जारी किया है. रेरा ने कहा कि प्रोमोटर की ऐसी परियोजनाएं जिनका पूर्णता प्रमाण-पत्र रेरा लागू होने से पहले मिल गया था, उनके आवंटियों के नाम सेल डीड करने पर रोक नहीं है. रेरा के मुताबिक संतुष्टि इन्क्लेव-1 परियोजना- ब्लाॅक-ए, बी-1 व ब्लाॅक बी-2, पैराडाइज़ क्रिस्टल परियोजना- ब्लाॅक-ए, ब्लाॅक-बी, ब्लाॅक-ई तथा ब्लाॅक-एफ, तथा सेलेब्रिटी गार्डन परियोजना- ब्लाॅक/टावर नं.- 08, 09, 11 एवं इसी परियोजना के ब्लाॅक/टावर-एफ, जी व एच कुल तीन ब्लाॅक/टावर (110) फ्लैट का पूर्णता प्रमाण-पत्र रेरा से पहले जारी हो गया था. इन परियोजनाओं के आवंटियों के नाम रजिस्ट्री हो सकती है.

प्रोमोटर रेरा में पंजीकृत परियोजनाओं का पूर्णता प्रमाण-पत्र प्राप्त कर लेने तथा यूपी रेरा की वेबसाइट पर पूर्णता प्रमाण-पत्र अपलोड करने के पश्चात उन परियोजनाओं के आवंटियों के नाम रजिस्टर्ड सेल डीड कर सकते हैं. रेरा द्वारा यह स्पष्टीकरण प्रोमोटर तथा परियोजना के आवंटियों के आवेदन पर जारी किया गया है ताकि अगर परियोजना पूरी हो गई है तो उस परियोजना के आवंटियों को उनके अपार्टमेंट या प्लाॅट का कब्जा मिल जाए. प्रोमोटर की जिम्मेदारी होगी कि जिन आवंटियों के नाम रजिस्ट्री करते हैं, उनकी परियोजना की भूमि या इकाई के सम्बन्ध में स्वत्व या कब्जे का कोई विवाद न हो. इन पूर्ण परियोजनाओं में आवंटियों से प्राप्त धनराशि का उपयोग यूपी रेरा द्वारा प्रोमोटर की लखनऊ स्थित हाई-टेक टाउनशिप के ही आवंटियों के मामलों में रेरा द्वारा जारी वसूली प्रमाण-पत्रों के सापेक्ष भुगतान के लिए ही किया जाएगा.

रेरा ने यह भी स्पष्ट किया है कि पिछले साल के आदेश जांच पूरी होने तक यथावत प्रभावी रहेंगे और यदि प्रोमोटर इस आदेश की आड़ में रेरा अधिनियम के किन्हीं प्राविधानों या रेरा के आदेश के किसी भी अंश का उल्लंघन करता है तो कार्रवाई की जाएगी. यूपी रेरा अध्यक्ष संजय भूसरेड्डी ने बताया कि रेरा ने यह स्पष्टीकरण टाउनशिप के उन आवंटियों के हितों की सुरक्षा के लिए जारी किया है. जो लंबे समय से अपनी इकाई के कब्जे का इंतजार कर रहे हैं. जहां तक प्रोमोटर के विरुद्ध प्रचलित जांच का प्रश्न है, उसके सम्बन्ध में प्रोमोटर को आदेश दिए गए हैं कि शपथ-पत्र के साथ अपना उत्तर प्रस्तुत कर दें और प्रोमोटर को सुनकर रेरा अधिनियम तथा साक्ष्यों के आधार पर यथोचित निर्णय अलग से लिया जाएगा.

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