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राज्य स्थापना दिवस पर याद आई देहरादून की 'दागदार' घटना, 20 करोड़ की डकैती से दहली थी राजधानी, पुलिस के हाथ आज भी खाली

उत्तराखंड राज्य स्थापना दिवस 2023 के दिन देहरादून में पड़ी थी प्रदेश की सबसे बड़ी डकैती. आज भी पूरा खुलासा नहीं कर पाई पुलिस.

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रिलायंस ज्वैलरी शोरूम डकैती (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Nov 9, 2024, 7:53 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड राज्य स्थापना दिवस पर एक साल पहले आज ही के दिन यानी 9 नवंबर को एक घटना घटी थी, जिसने एक साल बाद भी पुलिस का दामन नहीं छोड़ा था. एक साल पहले 9 नवंबर को सुबह करीब 10 बजे राजधानी देहरादून में पुलिस मुख्यालय और उत्तराखंड सचिवालय में मात्र 100 मीटर की दूरी पर उत्तराखंड में सबसे बड़ी डकैती डाली गई थी. बड़ी बात ये है कि उसी दिन देहरादून में देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू मौजूद थी और वारदात से कुछ किमी दूर ही उनका कार्यक्रम चल रहा था.

इस वारदात का देहरादून पुलिस ने खुलासा तो कर दिया तो और कई बदमाशों को गिरफ्तारी भी किया था, लेकिन डकैती के करोड़ों रुपए का माल एक साल बाद भी बरामद नहीं हो पाया. यानी करोड़ की ज्वेलरी कहां गई यह आज भी पुलिस नहीं जानती.

उत्तराखंड राज्य स्थापना दिवस 9 नवंबर 2023 को रिलायंस ज्वैलरी स्टोर पर हुई डकैती फिर चर्चाओं में है. इस डकैती को उत्तराखंड की अब तक की सबसे बड़ी डकैती माना गया है. करीब 20 मिनट में ही 20 करोड़ की डकैती करने के बाद बदमाश बड़ी आसानी से फरार हो गए थे, लेकिन एक साल बाद भी ये रहस्य बना हुआ है कि बदमाश करोड़ों रुपए की ज्वेलरी कहां ले गए.

बड़ी बात यह है कि ज्वेलरी स्टोर पर हुई इस डकैती के बाद पुलिस ने बड़े-बड़े दावे किए थे. कभी इस डकैती को खुद के लिए चुनौती कहा गया तो कभी कुछ ही घंटे में पूरा मामला खोलने की बातें सामने आने लगी, लेकिन हैरत की बात यह है कि आज ही के दिन यानी ठीक 1 साल पहले हुई इस डकैती में अब तक बरामदगी को लेकर पुलिस के हाथ खाली है.

उत्तराखंड के इतिहास की सबसे बड़ी डकैती आज भी पुलिस के दामन पर बड़ा दाग बनी हुई है. इस दौरान उत्तराखंड पुलिस ने दूसरे राज्यों में भी दबिश दी और कई लोगों की गिरफ्तारी भी की. इतना ही नहीं समय-समय पर बदमाशों की गिरफ्तारी के जरिए मामले का खुलासा करने का दावा भी किया गया. लेकिन करोड़ों की वह ज्वेलरी कहां चली गई इसका जवाब आज भी पुलिस के पास नहीं है. उत्तराखंड का राज्य स्थापना दिवस अब राज्य की सबसे बड़ी डकैती का भी गवाह बन गया है और राज्य स्थापना दिवस के दिन उस डकैती की अनसुलझी कहानी आज 1 साल बाद भी नहीं सुलझाई जा सकी है. हालांकि जब मीडिया इस बारे में देहरादून एसएसपी अजय सिंह ने सवाल किया तो उन्होंने इस मामले पर कुछ भी टिप्पणी करने से इंकार कर दिया.

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देहरादून: उत्तराखंड राज्य स्थापना दिवस पर एक साल पहले आज ही के दिन यानी 9 नवंबर को एक घटना घटी थी, जिसने एक साल बाद भी पुलिस का दामन नहीं छोड़ा था. एक साल पहले 9 नवंबर को सुबह करीब 10 बजे राजधानी देहरादून में पुलिस मुख्यालय और उत्तराखंड सचिवालय में मात्र 100 मीटर की दूरी पर उत्तराखंड में सबसे बड़ी डकैती डाली गई थी. बड़ी बात ये है कि उसी दिन देहरादून में देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू मौजूद थी और वारदात से कुछ किमी दूर ही उनका कार्यक्रम चल रहा था.

इस वारदात का देहरादून पुलिस ने खुलासा तो कर दिया तो और कई बदमाशों को गिरफ्तारी भी किया था, लेकिन डकैती के करोड़ों रुपए का माल एक साल बाद भी बरामद नहीं हो पाया. यानी करोड़ की ज्वेलरी कहां गई यह आज भी पुलिस नहीं जानती.

उत्तराखंड राज्य स्थापना दिवस 9 नवंबर 2023 को रिलायंस ज्वैलरी स्टोर पर हुई डकैती फिर चर्चाओं में है. इस डकैती को उत्तराखंड की अब तक की सबसे बड़ी डकैती माना गया है. करीब 20 मिनट में ही 20 करोड़ की डकैती करने के बाद बदमाश बड़ी आसानी से फरार हो गए थे, लेकिन एक साल बाद भी ये रहस्य बना हुआ है कि बदमाश करोड़ों रुपए की ज्वेलरी कहां ले गए.

बड़ी बात यह है कि ज्वेलरी स्टोर पर हुई इस डकैती के बाद पुलिस ने बड़े-बड़े दावे किए थे. कभी इस डकैती को खुद के लिए चुनौती कहा गया तो कभी कुछ ही घंटे में पूरा मामला खोलने की बातें सामने आने लगी, लेकिन हैरत की बात यह है कि आज ही के दिन यानी ठीक 1 साल पहले हुई इस डकैती में अब तक बरामदगी को लेकर पुलिस के हाथ खाली है.

उत्तराखंड के इतिहास की सबसे बड़ी डकैती आज भी पुलिस के दामन पर बड़ा दाग बनी हुई है. इस दौरान उत्तराखंड पुलिस ने दूसरे राज्यों में भी दबिश दी और कई लोगों की गिरफ्तारी भी की. इतना ही नहीं समय-समय पर बदमाशों की गिरफ्तारी के जरिए मामले का खुलासा करने का दावा भी किया गया. लेकिन करोड़ों की वह ज्वेलरी कहां चली गई इसका जवाब आज भी पुलिस के पास नहीं है. उत्तराखंड का राज्य स्थापना दिवस अब राज्य की सबसे बड़ी डकैती का भी गवाह बन गया है और राज्य स्थापना दिवस के दिन उस डकैती की अनसुलझी कहानी आज 1 साल बाद भी नहीं सुलझाई जा सकी है. हालांकि जब मीडिया इस बारे में देहरादून एसएसपी अजय सिंह ने सवाल किया तो उन्होंने इस मामले पर कुछ भी टिप्पणी करने से इंकार कर दिया.

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