ETV Bharat / state

एमएसपी पर उपज बेचने के लिए रजिस्ट्रेशन शुरू, एक जनआधार पर एक पंजीयन होगा, बायोमैट्रिक की जगह अब ओटीपी लागू - REGISTRATION FOR MSP

सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य पर उपज खरीद की प्रक्रिया तय कर दी है. इसके लिए किसानों के पंजीयन का काम शुरू हो गया है.

Registration for MSP
एमएसपी पर उपज बेचने के लिए रजिस्ट्रेशन शुरू (Photo ETV Bharat Kota)
author img

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Oct 16, 2024, 7:10 PM IST

कोटा: राज्य सरकार ने सोयाबीन और उड़द के न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद के लिए रजिस्ट्रेशन शुरू कर दिए हैं, लेकिन खरीद कब से शुरू होगी, यह घोषणा नहीं की गई. रजिस्ट्रेशन भी इस बार बायोमैट्रिक वेरिफिकेशन की जगह जन आधार के रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर आने वाले ओटीपी से होगा. पति-पत्नी का भी रजिस्ट्रेशन एक ही होगा.

राजफैड के कार्यवाहक क्षेत्रीय अधिकारी विष्णु दत्त शर्मा ने बताया कि जारी किए गए सर्कुलर के अनुसार 15 अक्टूबर से उड़द, मूंग, सोयाबीन और 18 अक्टूबर से मूंगफली की खरीद शुरू होने की प्रस्तावित तारीख दी गई थी, लेकिन अभी इनके लिए आदेश जारी नहीं किए गए हैं. ऐसे में खरीद फिलहाल शुरू नहीं हुई है, जबकि इसके लिए रजिस्ट्रेशन हो रहे हैं. उन्होंने बताया कि इस बार किसानों को राहत देने के लिए बायोमैट्रिक की जगह सीधा जन आधार पर पंजीकृत मोबाइल नंबर पर ओटीपी आएगा, लेकिन इसके लिए जन आधार आवश्यक है.

पढ़ें: सरकार ने शुरू नहीं की सोयाबीन व उड़द की MSP खरीद, किसान हर दिन उठा रहे करोड़ों का घाटा

सरकार ने दिया खरीद का लक्ष्य: विष्णु शर्मा का कहना था कि उपज का 25 फीसदी खरीद का लक्ष्य सरकार ने दिया है. ऐसे में जिन किसानों का पहले रजिस्ट्रेशन होगा, उनका माल पहले खरीदा जाएगा. उन्हें उस क्रम के अनुसार ही टोकन जारी किए जाएंगे. वहीं, रजिस्ट्रेशन में किसान ऑनलाइन गिरदावरी के जरिए भी रजिस्ट्रेशन कर सकता है. ऑनलाइन गिरदावरी नहीं होने पर ऑफलाइन गिरदावरी स्वीकार्य होगी, लेकिन इसपर पटवारी के हस्ताक्षर, सील और मोबाइल नंबर जरूरी है. ऑफलाइन गिरदावरी के साथ पी 35 फॉर्म की भी डिमांड की गई है. इसके साथ ही गिरदावरी में रकबा भी हेक्टेयर में होना जरूरी है, यह रकबा अगर बीघा में है तो रजिस्ट्रेशन नहीं होगा. गिरदावरी और पी 35 फॉर्म में बोई गई फसल और रकबा स्पष्ट नजर आना चाहिए.

रजिस्ट्रेशन करने का भी समय, 31 रुपए शुल्क: क्षेत्रीय अधिकारी शर्मा ने बताया कि किसान ईमित्र के जरिए रजिस्ट्रेशन करा सकेंगे. इसके लिए सुबह 9:00 बजे से शाम 7:00 का समय तय किया गया है. इसके अलावा रजिस्ट्रेशन का शुल्क भी विभाग ने 31 रुपए तय किया है.

यह भी पढ़ें: बाजरा MSP खरीद मामले में हाईकोर्ट ने कृषि सचिव को किया तलब, सरकार ने कही ये बात

जन आधार में सीडेड बैंक पासबुक जरूरी: उन्होंने बताया कि एक जन आधार पर एक पंजीकरण मान्य होगा. जन आधार में महिला मुखिया होने के कारण पति का नाम होने की स्थिति में एक ही पंजीकरण स्वीकार किया जाएगा. पंजीकरण के साथ बैंक पासबुक भी देनी होगी. यह पासबुक भी जन आधार कार्ड में सीडेड होनी चाहिए. ईमित्र संचालक को भी बैंक पासबुक के सीडेड होने के बाद ही रजिस्ट्रेशन करना होगा. दूसरी तरफ बटाईदार या खेत दोनों में से एक ही फसल को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर बेच सकता है. बटाईदार को अपना माल बेचने के लिए खेत मालिक से किया हुआ अनुबंध का एफिडेविट प्रस्तुत करना होगा.

उड़द बेचने में कोई सीमा नहीं, सोयाबीन 25 क्विंटल तक: विष्णु दत्त शर्मा का यह भी कहना था कि उड़द में इस बार खरीद की कोई लिमिट नहीं रखी गई है. किसान अपनी उपज का कितना भी माल सरकार को तुलवा सकता है, जबकि सोयाबीन में बीते सालों की तरह इस बार भी लिमिट है. एक किसान का केवल 25 क्विंटल सोयाबीन ही खरीद केंद्र पर लिया जाएगा. शर्मा के अनुसार दो दिन में झालावाड़ जिले में सर्वाधिक रजिस्ट्रेशन किए जा रहे हैं. जबकि बूंदी में सबसे कम रजिस्ट्रेशन है. बारां और कोटा में रजिस्ट्रेशन बूंदी से थोड़े ठीक-ठाक हो रहे हैं.

कोटा: राज्य सरकार ने सोयाबीन और उड़द के न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद के लिए रजिस्ट्रेशन शुरू कर दिए हैं, लेकिन खरीद कब से शुरू होगी, यह घोषणा नहीं की गई. रजिस्ट्रेशन भी इस बार बायोमैट्रिक वेरिफिकेशन की जगह जन आधार के रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर आने वाले ओटीपी से होगा. पति-पत्नी का भी रजिस्ट्रेशन एक ही होगा.

राजफैड के कार्यवाहक क्षेत्रीय अधिकारी विष्णु दत्त शर्मा ने बताया कि जारी किए गए सर्कुलर के अनुसार 15 अक्टूबर से उड़द, मूंग, सोयाबीन और 18 अक्टूबर से मूंगफली की खरीद शुरू होने की प्रस्तावित तारीख दी गई थी, लेकिन अभी इनके लिए आदेश जारी नहीं किए गए हैं. ऐसे में खरीद फिलहाल शुरू नहीं हुई है, जबकि इसके लिए रजिस्ट्रेशन हो रहे हैं. उन्होंने बताया कि इस बार किसानों को राहत देने के लिए बायोमैट्रिक की जगह सीधा जन आधार पर पंजीकृत मोबाइल नंबर पर ओटीपी आएगा, लेकिन इसके लिए जन आधार आवश्यक है.

पढ़ें: सरकार ने शुरू नहीं की सोयाबीन व उड़द की MSP खरीद, किसान हर दिन उठा रहे करोड़ों का घाटा

सरकार ने दिया खरीद का लक्ष्य: विष्णु शर्मा का कहना था कि उपज का 25 फीसदी खरीद का लक्ष्य सरकार ने दिया है. ऐसे में जिन किसानों का पहले रजिस्ट्रेशन होगा, उनका माल पहले खरीदा जाएगा. उन्हें उस क्रम के अनुसार ही टोकन जारी किए जाएंगे. वहीं, रजिस्ट्रेशन में किसान ऑनलाइन गिरदावरी के जरिए भी रजिस्ट्रेशन कर सकता है. ऑनलाइन गिरदावरी नहीं होने पर ऑफलाइन गिरदावरी स्वीकार्य होगी, लेकिन इसपर पटवारी के हस्ताक्षर, सील और मोबाइल नंबर जरूरी है. ऑफलाइन गिरदावरी के साथ पी 35 फॉर्म की भी डिमांड की गई है. इसके साथ ही गिरदावरी में रकबा भी हेक्टेयर में होना जरूरी है, यह रकबा अगर बीघा में है तो रजिस्ट्रेशन नहीं होगा. गिरदावरी और पी 35 फॉर्म में बोई गई फसल और रकबा स्पष्ट नजर आना चाहिए.

रजिस्ट्रेशन करने का भी समय, 31 रुपए शुल्क: क्षेत्रीय अधिकारी शर्मा ने बताया कि किसान ईमित्र के जरिए रजिस्ट्रेशन करा सकेंगे. इसके लिए सुबह 9:00 बजे से शाम 7:00 का समय तय किया गया है. इसके अलावा रजिस्ट्रेशन का शुल्क भी विभाग ने 31 रुपए तय किया है.

यह भी पढ़ें: बाजरा MSP खरीद मामले में हाईकोर्ट ने कृषि सचिव को किया तलब, सरकार ने कही ये बात

जन आधार में सीडेड बैंक पासबुक जरूरी: उन्होंने बताया कि एक जन आधार पर एक पंजीकरण मान्य होगा. जन आधार में महिला मुखिया होने के कारण पति का नाम होने की स्थिति में एक ही पंजीकरण स्वीकार किया जाएगा. पंजीकरण के साथ बैंक पासबुक भी देनी होगी. यह पासबुक भी जन आधार कार्ड में सीडेड होनी चाहिए. ईमित्र संचालक को भी बैंक पासबुक के सीडेड होने के बाद ही रजिस्ट्रेशन करना होगा. दूसरी तरफ बटाईदार या खेत दोनों में से एक ही फसल को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर बेच सकता है. बटाईदार को अपना माल बेचने के लिए खेत मालिक से किया हुआ अनुबंध का एफिडेविट प्रस्तुत करना होगा.

उड़द बेचने में कोई सीमा नहीं, सोयाबीन 25 क्विंटल तक: विष्णु दत्त शर्मा का यह भी कहना था कि उड़द में इस बार खरीद की कोई लिमिट नहीं रखी गई है. किसान अपनी उपज का कितना भी माल सरकार को तुलवा सकता है, जबकि सोयाबीन में बीते सालों की तरह इस बार भी लिमिट है. एक किसान का केवल 25 क्विंटल सोयाबीन ही खरीद केंद्र पर लिया जाएगा. शर्मा के अनुसार दो दिन में झालावाड़ जिले में सर्वाधिक रजिस्ट्रेशन किए जा रहे हैं. जबकि बूंदी में सबसे कम रजिस्ट्रेशन है. बारां और कोटा में रजिस्ट्रेशन बूंदी से थोड़े ठीक-ठाक हो रहे हैं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.