रांची: हिमाचल प्रदेश में मंगलवार को हुए अप्रत्याशित राजनीतिक घटनाक्रम में राज्यसभा उम्मीदवार के रूप में अभिषेक मनु सिंघवी की हुई हार और कई कांग्रेसी विधायक को हरियाणा ले जाने की खबर पर झारखंड कांग्रेस के विधायकों ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. विधायकों ने कहा कि अब सवाल यह होना चाहिए कि कैसे ईडी, सीबीआई, आईटी का भय दिखाकर लोकतंत्र की हत्या की जा रही है.
कांग्रेस में बदलाव होते तो वह यहां के लोगों के हित में होताः दीपिका पांडेय सिंह
विधायक दीपिका पांडेय सिंह ने कहा कि पूरे देश में लोग किस परिस्थिति में भाजपा में जा रहे हैं यह किसी से छुपा नहीं है. दीपिका पांडेय सिंह ने कहा कि मीडिया को यह सवाल उठाना चाहिए कि क्या लोभ लालच में ऐसा कर रहे हैं. झारखंड में कांग्रेसी विधायकों की नाराजगी पर दीपिका पांडेय सिंह ने कहा कि हमारी नाराजगी किस बात को लेकर थी. आज राज्य में सबसे बड़ी समस्या रोजगार की है और हम क्या कर पा रहे हैं. सिर्फ हाथ पर हाथ रख कर बैठने और मामले को षड्यंत्र के तहत कोर्ट में ले जाएं, पेपर लीक हो जाए तो इन सब पर विचार करने की जरूरत है. दीपिका पांडेय सिंह ने कहा कि कांग्रेस की विचारधारा को सभी विधायक समझते हैं लेकिन अगर उस विचारधारा से अलग होकर अगर कुछ व्यक्तिगत होता है तब परेशानी आती है. वहीं हर मुद्दे पर बयानबाजी करने वाले विधायक डॉ इरफान अंसारी हिमाचल मुद्दे पर मीडिया के सवाल से पहली बार बचते दिखे.
हम नाराज नहीं थे, सिर्फ असंतोष थाः नमन विक्सल कोंगाड़ी
कांग्रेस के 12 नाराज विधायकों में से एक नमन विक्सल कोंगाड़ी ने कहा कि झारखंड के 12 विधायक नाराज नहीं थे बल्कि उनमें असंतोष था. उन्होंने कहा कि यह असंतोष स्वाभाविक भी है. हिमाचल की घटना लोकतंत्र को कमजोर करने वाली है. वहीं उमाशंकर अकेला ने कहा कि वह नाराज नहीं हैं. हमलोग अपनी बात कहने दिल्ली गए थे और यहां राज्यसभा की एक-एक सीट भाजपा और महागठबंधन जीतेगा. विधायक भूषण बाड़ा ने कहा कि झारखंड में हिमाचल जैसा नहीं होगा.
हिमाचल में राजनीति का भद्दा चेहरा दिखा, नैतिकता के पतन की पराकाष्ठाः जेएमएम
हिमाचल की घटना को भारतीय राजनीति में भाजपा पोषित पतन की पराकाष्ठा बताते हुए झामुमो के विधायक सुदिव्य कुमार सोनू ने कहा कि यह भारतीय राजनीति में पतन की पराकाष्ठा है. उन्होंने कहा कि झारखंड में राज्यसभा चुनाव पर इसका कोई असर नहीं पड़ेगा.
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