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जड़ माहू की जकड़न में किसानों की फसलें, गेहूं उत्पादक ऐसे करें बचाव, बढ़ेगा प्रोडक्शन - WHEAT WORM ROOT APHID

गेहूं में लगने वाला जड़ माहू कीड़ा किसानों के लिए मुसीबत बन गया है. कृषि विभाग ने किसानों के लिए खास एडवाइजरी जारी की है.

Wheat crop insecticide Wheat worm root aphid
गेहूं पर जड़ माहू कीड़े का अटैक (ETV Bharat (Graphics))
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Nov 25, 2024, 7:00 PM IST

Updated : Nov 26, 2024, 4:50 PM IST

रतलाम: मध्य प्रदेश में रबी के सीजन में सबसे ज्यादा गेहूं की फसल बोई जाती है. एमपी के अधिकांश जिलों में गेहूं की बुवाई का कार्य 75% से अधिक पूर्ण भी हो चुका है. लेकिन गेहूं की बुवाई करते ही किसानों को कम बढ़वार और कीड़ा लगने की समस्या का सामना करना पड़ रहा है. आमतौर पर गेहूं की फसल में कीटनाशक के स्प्रे की आवश्यकता नहीं पड़ती है. लेकिन इस बार फसल की शुरुआत में ही किसान कीटनाशक का प्रयोग करने को मजबूर हैं. खासकर यह समस्या उन खेतों में अधिक देखी जा रही है, जहां गेहूं की बुवाई 15 नवंबर के पहले ही कर दी गई है. इस समस्या से निपटने के लिए कृषि विभाग ने एडवाइजरी जारी की है.

गेहूं की जड़ों को खा रहा है कीड़ा जड़ माहू

दरअसल, हाल ही में गेहूं की बुवाई करने वाले किसानों को गेहूं में समस्या का सामना करना पड़ रहा है. गेहूं की जड़ों में लगने वाले कीड़े की वजह से गेहूं का पौधा सूख रहा है. कृषि विशेषज्ञों के अनुसार यह कीड़ा जड़ माहू है. इसकी रोकथाम के लिए किसानों को नीम तेल का स्प्रे करने की सलाह दी जा रही है. वहीं, समस्या अधिक होने पर कीटनाशक का प्रयोग.

Wheat worm root aphid
गेहूं में लगने वाला जड़ माहू कीड़ा (ETV Bharat)

किसानों के लिए एडवाइजरी

कृषि अधिकारी अथवा कृषि विशेषज्ञ की सलाह लेकर ही गेहूं के खेत में कुछ करें. कृषि विभाग की उपसंचालक नीलम सिंह ने बताया कि "रतलाम क्षेत्र में गेहूं की फसल में जड़ माहू की समस्या देखी जा रही है. इससे बचाव के लिए किसान 2 से 3 ml नीम ऑयल प्रति लीटर पानी में घोलकर इस्तेमाल करें. वहीं, समस्या अधिक होने पर फिफ्रोनिल 2 ml प्रति लीटर पानी में घोलकर इस्तेमाल करें. 1 हेक्टेयर में करीब 500 लीटर पानी में अनुशंसित दवा घोलकर स्प्रे करें जिससे उसकी नमी पौधे की जड़ों तक पहुंचे."

Ratlam Wheat crop insecticide
गेहूं में जड़ माहू कीड़े का प्रकोप (ETV Bharat)

बहरहाल, कृषि अधिकारी ने गेहूं उत्पादकों को अत्यधिक मात्रा में कीटनाशक के प्रयोग से बचने और समस्या आने पर स्थानीय कृषि अधिकारी और कृषि वेज्ञानिकों से सलाह लेकर ही दवाई का स्प्रे करने के निर्देश दिए हैं.

रतलाम: मध्य प्रदेश में रबी के सीजन में सबसे ज्यादा गेहूं की फसल बोई जाती है. एमपी के अधिकांश जिलों में गेहूं की बुवाई का कार्य 75% से अधिक पूर्ण भी हो चुका है. लेकिन गेहूं की बुवाई करते ही किसानों को कम बढ़वार और कीड़ा लगने की समस्या का सामना करना पड़ रहा है. आमतौर पर गेहूं की फसल में कीटनाशक के स्प्रे की आवश्यकता नहीं पड़ती है. लेकिन इस बार फसल की शुरुआत में ही किसान कीटनाशक का प्रयोग करने को मजबूर हैं. खासकर यह समस्या उन खेतों में अधिक देखी जा रही है, जहां गेहूं की बुवाई 15 नवंबर के पहले ही कर दी गई है. इस समस्या से निपटने के लिए कृषि विभाग ने एडवाइजरी जारी की है.

गेहूं की जड़ों को खा रहा है कीड़ा जड़ माहू

दरअसल, हाल ही में गेहूं की बुवाई करने वाले किसानों को गेहूं में समस्या का सामना करना पड़ रहा है. गेहूं की जड़ों में लगने वाले कीड़े की वजह से गेहूं का पौधा सूख रहा है. कृषि विशेषज्ञों के अनुसार यह कीड़ा जड़ माहू है. इसकी रोकथाम के लिए किसानों को नीम तेल का स्प्रे करने की सलाह दी जा रही है. वहीं, समस्या अधिक होने पर कीटनाशक का प्रयोग.

Wheat worm root aphid
गेहूं में लगने वाला जड़ माहू कीड़ा (ETV Bharat)

किसानों के लिए एडवाइजरी

कृषि अधिकारी अथवा कृषि विशेषज्ञ की सलाह लेकर ही गेहूं के खेत में कुछ करें. कृषि विभाग की उपसंचालक नीलम सिंह ने बताया कि "रतलाम क्षेत्र में गेहूं की फसल में जड़ माहू की समस्या देखी जा रही है. इससे बचाव के लिए किसान 2 से 3 ml नीम ऑयल प्रति लीटर पानी में घोलकर इस्तेमाल करें. वहीं, समस्या अधिक होने पर फिफ्रोनिल 2 ml प्रति लीटर पानी में घोलकर इस्तेमाल करें. 1 हेक्टेयर में करीब 500 लीटर पानी में अनुशंसित दवा घोलकर स्प्रे करें जिससे उसकी नमी पौधे की जड़ों तक पहुंचे."

Ratlam Wheat crop insecticide
गेहूं में जड़ माहू कीड़े का प्रकोप (ETV Bharat)

बहरहाल, कृषि अधिकारी ने गेहूं उत्पादकों को अत्यधिक मात्रा में कीटनाशक के प्रयोग से बचने और समस्या आने पर स्थानीय कृषि अधिकारी और कृषि वेज्ञानिकों से सलाह लेकर ही दवाई का स्प्रे करने के निर्देश दिए हैं.

Last Updated : Nov 26, 2024, 4:50 PM IST
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