रतलाम: मध्य प्रदेश में सोयाबीन की एमएसपी को लेकर सोशल मीडिया पर चलाई गई एक मुहिम अब बड़े आंदोलन का रूप लेने जा रही है. रतलाम, धार और उज्जैन जिले के बाद अब मंदसौर एवं नीमच सहित मालवा के कई जिलों में सोयाबीन उत्पादक किसानों ने सोयाबीन पंचायत बुलाना शुरू कर दी है. वहीं, किसान आंदोलन के प्रमुख नेता रहे राकेश टिकैत ने भी इस मुहिम का समर्थन किया है साथ ही कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान को राकेश टिकैत ने पत्र लिखकर सोयाबीन की एमएसपी 6000 रुपये से अधिक किए जाने की मांग की है.
सोयाबीन की एमएसपी 6000 रुपये किये जाने की मांग
सोशल मीडिया के बाद अब यह आंदोलन सड़क पर भी शुरू हो चुका है. अभी गांव-गांव में सोयाबीन पंचायत लगाई जा रही है. इसके बाद एक से 7 सितंबर तक सभी ग्रामीण क्षेत्र के लोग जिला प्रशासन को सोयाबीन के दाम 6000 रुपये प्रति क्विंटल किए जाने की मांग को लेकर ज्ञापन देंगे. इसके बाद मंदसौर या रतलाम में सोयाबीन उत्पादक किसानों का बड़ा प्रदर्शन होने जा रहा है. मालवा क्षेत्र के किसान नेता आसपास के जिलों में सोयाबीन पंचायत लगाकर आंदोलन के लिए किसानों का समर्थन जुटा रहे हैं. वहीं, संयुक्त किसान मोर्चा के बड़े नेता भी सितंबर के दूसरे हफ्ते में होने वाले बड़े आंदोलन में पहुंच सकते हैं.
सोया किसानों की बदहाली की पहली तस्वीर मंदसौर से सामने आई थी
दरअसल, सोया प्रदेश के नाम से मशहूर मध्य प्रदेश में सोयाबीन उत्पादक किसानों की बदहाली की पहली तस्वीर मंदसौर से सामने आई थी. जहां पर कम दाम मिलने पर निराश किसानों ने अपनी खेत में खड़ी फसल पर रोटावेटर चला दिया था. इसके बाद रतलाम के किसानों ने सोशल मीडिया पर मुहिम चलाकर सोयाबीन के न्यूनतम दाम 6000 रुपये प्रति क्विंटल किए जाने की मांग मध्य प्रदेश सरकार और केंद्र सरकार से की थी. धीरे-धीरे यह मुहिम सोशल मीडिया पर ट्रेंड करने लगी और इसे लेकर रील और कई पोस्ट अलग-अलग सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वायरल होने लगी.
संयुक्त किसान मोर्चा के नेता राकेश टिकैत ने किया समर्थन
मालवा के कई जिलों में किसानों ने रैली और जुलूस निकालकर प्रदर्शन भी किए हैं. वहीं, गांव गांव जाकर अब सोयाबीन पंचायत भी लगाई जा रही है. किसान नेता डीपी धाकड़ ने बताया कि "किसान की एक बीघे में सोयाबीन उत्पादन की लागत 10 हजार से 12 हजार रूपए तक है. जिससे किसानों की लागत भी सोयाबीन के वर्तमान के दाम में नहीं निकल पा रही है. केंद्र सरकार घटिया क्वालिटी का तेल आयात कर सोयाबीन के दाम लगातार गिरा रही है. सोयाबीन का न्यूनतम समर्थन मूल्य 6000 रुपये प्रति क्विंटल होना चाहिए. इसके लिए सभी सोयाबीन उत्पादक किसान और संयुक्त किसान मोर्चा मध्य प्रदेश में बड़ा आंदोलन करने जा रहे हैं." डीपी धाकड़ ने बताया कि संयुक्त किसान मोर्चा के बड़े नेता राकेश टिकैत और पूनम पंडित जी सहित अन्य नेताओं ने एमपी के सोयाबीन उत्पादक किसानों की इस मांग को समर्थन दिया है और उन्हें इस आंदोलन के लिए मालवा क्षेत्र में आमंत्रित किया जाएगा.
बाइट _01_ डीपी धाकड़ (किसान नेता )