रतलाम। लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद केंद्र में सरकार के गठन के लिए प्रक्रिया भी जारी है, लेकिन इस नतीजे ने अधिकांश एग्जिट पोल को फेल कर दिया है. भाजपा की प्रचंड जीत न होने का दुख भाजपा के कार्यकर्ताओं को भी है लेकिन यहां भाजपा कार्यकर्ताओं से ज्यादा रतलाम सट्टा बाजार के सट्टेबाज औरा खाईवाल सदमे में हैं. भाजपा के सीटों के मामले में 400 पार ,300 पार और 272 पार जाने के सभी दांव फेल हो गए हैं. रतलाम सट्टा बाजार का मध्य प्रदेश, छिंदवाड़ा ,राजगढ़ और रतलाम झाबुआ लोकसभा सीट को लेकर आकलन तो सही बैठा लेकिन भाजपा के फाइनल आंकड़े को लेकर 90% से ज्यादा सट्टेबाजों का अनुमान फेल हो गया. यही वजह है की रतलाम का सट्टा बाजार अब सदमे में है.
करोड़ों रुपये के दांव फेल
हर छोटे-बड़े सट्टेबाज ने भाजपा के 400 पार, 370 पार, 300 पार और 272 पार पर दांव लगाए थे. लेकिन सट्टेबाजों के यह सभी दांव उलटे पड़ गए. नाम नहीं छापने की शर्त पर रतलाम सट्टा बाजार के एक खाईवाल ने बताया कि भाजपा और इंडिया गठबंधन के खराब प्रदर्शन ने सट्टेबाजों की कमर तोड़कर रख दी है. अकेले रतलाम सट्टा बाजार में 10 करोड़ रुपये से ज्यादा के दांव फेल हो गए. किसी ने भी भाजपा के 240 पर सिमट जाने की उम्मीद भी नहीं की थी. यही वजह रही की सभी ने सबसे ज्यादा दांव भाजपा के 272 और 300 के बीच में रहने के लगाए थे लेकिन यह आंकड़ा फेल होते ही रतलाम सट्टा बाजार धड़ाम हो गया.
सीटों के अनुमान पर लगा था सबसे ज्यादा सट्टा
रतलाम के सट्टा बाजार में स्थानीय सीट रतलाम झाबुआ लोकसभा पर हार और जीत पर दांव लगाए गए थे.वहीं,मध्य प्रदेश में भाजपा को कितनी सीट पर भी सट्टेबाजों ने दांव लगाए थे. लोकसभा चुनाव के फाइनल आंकड़ों यानी भाजपा-एनडीए को कितनी सीट और कांग्रेस इंडिया गठबंधन को कितनी सीटें मिलने जा रही है इस पर सट्टा लगाने वालों की संख्या सबसे अधिक थी. खासकर भाजपा के 400 पार, 370 पार, 300 पार और 272 पार पर करोड़ों का सट्टा लगा था.
ये भी पढ़ें: |
सदमे में सट्टा लगाने वाले और हारने वाले
किसी को भी इस बात की कतई उम्मीद नहीं थी कि भाजपा बहुमत का आंकड़ा पार नहीं करेगी और 240 सीट पर ही रुक जाएगी. नतीजे आने के बाद सट्टा लगाने वाले और हारने वाले दोनों सदमे में हैं. बहरहाल भाजपा कार्यकर्ताओं को कम से कम इस बात का संतोष है कि उनके नेता नरेन्द्र मोदी तीसरी बार शपथ लेने जा रहे हैं. लेकिन लाखों और करोड़ रुपये स्वाहा होने के बाद रतलाम के सट्टेबाज बेहद दुखी हैं.