ETV Bharat / state

जनसुनवाई में ऐसा भड़का बुजुर्ग, ADM की सिट्टी-पिट्टी हो गई गुम, फिर देना पड़ा ये आदेश - Ratlam public hearing Ruckus

author img

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jun 25, 2024, 4:04 PM IST

Updated : Jun 25, 2024, 4:11 PM IST

मंगलवार को रतलाम में आयोजित जनसुनवाई के दौरान एक बुजुर्ग व्यक्ति अधिकारियों पर भड़क गया. पीड़ित रहवासी ने कहा कि "मैं बीते 12 सालों से जमीन के सीमांकन के लिए यहां के चक्कर काट रहा हूं, इसके बाद भी मेरी सुनवाई नहीं हो रही है."

RATLAM PUBLIC HEARING RUCKUS
रतलाम में बुजुर्ग ने अधिकारियों को सुनाई खरी-खरी (Etv Bharat)

रतलाम। मध्य प्रदेश में जनसुनवाई के क्या हाल हैं, इसका अंदाजा रतलाम में चल रही जनसुनवाई से लगाया जा सकता है. यहां लंबे समय से हर मंगलवार को जनसुनवाई कक्ष का चक्कर काट रहे आवेदक काम नहीं होने की वजह से तंग आ चुके हैं. यही वजह है कि कुछ आवेदक जनसुनवाई में अधिकारियों पर भड़क रहे हैं तो कोई दुखी होकर रोने लगते हैं.

रतलाम में 12 सालों से जनसुनवाई में चक्कर काट रहे हैं कॉलोनी वासी (Etv Bharat)

अधिकारियों पर भड़का बुजुर्ग

12 सालों से सीमांकन का इंतजार कर रहे रतलाम के राजस्व कॉलोनी के रहवासी 25 जून को एक बार फिर जनसुनवाई में पहुंचे, लेकिन उन्हें मामला दिखवा लिए जाने का आश्वासन मिला. सब्र का बांध टूटा तो बुजुर्ग ने अधिकारियों को खरी-खरी सुना दी. बुजुर्ग ने सवाल पूछ लिया कि आखिर सीमांकन को करने में कितने मंगलवार और लगेंगे. इसके बाद जनसुनवाई कर रहे एडीएम मंडलोई ने आनन फानन में रतलाम शहर तहसीलदार को सीमांकन कर आवेदन का समाधान करने के निर्देश दिए.

12 सालों से सीमांकन का इंतजार

दरअसल, रतलाम जिले में जनसुनवाई का लगभग यही हाल है. राजस्व कॉलोनी के रहवासियों का यह मामला है. जिसमें सर्वे क्रमांक 141 / 1 व सर्वे क्रमांक 141/2 की जमीन का बाटांकन और सीमांकन अब तक नहीं हो सका है. वर्ष 2012 में राजस्व कॉलोनी के रहवासियों ने तत्कालीन कलेक्टर को जनसुनवाई में आवेदन दिया था. तत्कालीन कलेक्टर ने सीमांकन करवाने के निर्देश भी दिए, लेकिन ना तो इस सर्वे नंबर की जमीन का बाटांकन हो पाया और ना ही सीमांकन हो सका.

ये भी पढ़ें:

चिलचिलाती धूप में अचानक सड़क पर लेट गए अर्धनग्न बुजुर्ग, पुलिस वालों पर लगाए गंभीर आरोप

CEO ने जनसुनवाई में लिया टेस्ट, अब IIT की निशुल्क कोचिंग के बाद अर्पित पूरा करेगा सपना

पीड़ित व्यक्ति राधेश्याम परिहार ने बताया कि ''पिछले 12 सालों से सीमांकन के लिए परेशान हूं, लेकिन अभी तक सीमांकन नहीं हुआ है. 2012 में तत्कालीन कलेक्टर ने आदेश भी दिए थे, लेकिन हमारा काम नहीं हो सका''. बहरहाल जनसुनवाई में इस तरह के कई आवेदन लंबित हैं और निराकरण की कोई ठोस मॉनिटरिंग नहीं होने से आवेदक हर मंगलवार को अपनी समस्या को लेकर कलेक्ट्रेट के चक्कर लगाने को मजबूर हैं.

रतलाम। मध्य प्रदेश में जनसुनवाई के क्या हाल हैं, इसका अंदाजा रतलाम में चल रही जनसुनवाई से लगाया जा सकता है. यहां लंबे समय से हर मंगलवार को जनसुनवाई कक्ष का चक्कर काट रहे आवेदक काम नहीं होने की वजह से तंग आ चुके हैं. यही वजह है कि कुछ आवेदक जनसुनवाई में अधिकारियों पर भड़क रहे हैं तो कोई दुखी होकर रोने लगते हैं.

रतलाम में 12 सालों से जनसुनवाई में चक्कर काट रहे हैं कॉलोनी वासी (Etv Bharat)

अधिकारियों पर भड़का बुजुर्ग

12 सालों से सीमांकन का इंतजार कर रहे रतलाम के राजस्व कॉलोनी के रहवासी 25 जून को एक बार फिर जनसुनवाई में पहुंचे, लेकिन उन्हें मामला दिखवा लिए जाने का आश्वासन मिला. सब्र का बांध टूटा तो बुजुर्ग ने अधिकारियों को खरी-खरी सुना दी. बुजुर्ग ने सवाल पूछ लिया कि आखिर सीमांकन को करने में कितने मंगलवार और लगेंगे. इसके बाद जनसुनवाई कर रहे एडीएम मंडलोई ने आनन फानन में रतलाम शहर तहसीलदार को सीमांकन कर आवेदन का समाधान करने के निर्देश दिए.

12 सालों से सीमांकन का इंतजार

दरअसल, रतलाम जिले में जनसुनवाई का लगभग यही हाल है. राजस्व कॉलोनी के रहवासियों का यह मामला है. जिसमें सर्वे क्रमांक 141 / 1 व सर्वे क्रमांक 141/2 की जमीन का बाटांकन और सीमांकन अब तक नहीं हो सका है. वर्ष 2012 में राजस्व कॉलोनी के रहवासियों ने तत्कालीन कलेक्टर को जनसुनवाई में आवेदन दिया था. तत्कालीन कलेक्टर ने सीमांकन करवाने के निर्देश भी दिए, लेकिन ना तो इस सर्वे नंबर की जमीन का बाटांकन हो पाया और ना ही सीमांकन हो सका.

ये भी पढ़ें:

चिलचिलाती धूप में अचानक सड़क पर लेट गए अर्धनग्न बुजुर्ग, पुलिस वालों पर लगाए गंभीर आरोप

CEO ने जनसुनवाई में लिया टेस्ट, अब IIT की निशुल्क कोचिंग के बाद अर्पित पूरा करेगा सपना

पीड़ित व्यक्ति राधेश्याम परिहार ने बताया कि ''पिछले 12 सालों से सीमांकन के लिए परेशान हूं, लेकिन अभी तक सीमांकन नहीं हुआ है. 2012 में तत्कालीन कलेक्टर ने आदेश भी दिए थे, लेकिन हमारा काम नहीं हो सका''. बहरहाल जनसुनवाई में इस तरह के कई आवेदन लंबित हैं और निराकरण की कोई ठोस मॉनिटरिंग नहीं होने से आवेदक हर मंगलवार को अपनी समस्या को लेकर कलेक्ट्रेट के चक्कर लगाने को मजबूर हैं.

Last Updated : Jun 25, 2024, 4:11 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.