रतलाम: साइबर ठग अब ठगी के नए नए तरीके और मौके ढूंढ रहे हैं. रतलाम पुलिस ने एडवाइजरी जारी कर लोगों को नए साल पर मिलने वाले बधाई संदेशों से सावधान रहने को कहा है. आगामी नववर्ष पर साइबर ठग शुभकामना संदेश के रूप में APK फाइल (एंड्रॉइड पैकेज किट) या लिंक भेजकर ठगी कर रहे हैं. यही नहीं नववर्ष के उपलक्ष्य में बड़े ब्रांड की वस्तुओं पर डिस्काउंट ऑफर के मैसेज भेज कर भी साइबर ठगी की जा रही है.
साइबर धोखाधड़ी से ऐसे बचे
साइबर ठग मोबाइल फोन का रिमोट एक्सेस प्राप्त कर आपकी बैंक डिटेल और ओटीपी हासिल कर बैंक अकाउंट साफ कर रहे हैं. रतलाम पुलिस ने ऐसे फ्रॉड मैसेज से बचने को लेकर एडवाइजरी जारी की है. रतलाम पुलिस अधीक्षक अमित कुमार ने बताया कि "साइबर ठगी करने वाले लोग हर बार तरीका बदलकर लोगों से ठगी कर रहे हैं. नववर्ष के समय, लोगों को शुभकामना संदेशों और ऑफरों के माध्यम से साइबर धोखाधड़ी हो रही है."
डाउनलोड न करें APK फाइल
एसपी अमित कुमार ने कहा कि "फ्राॅडस्टर्स अनजान नंबर्स से व्हाट्सएप या अन्य सोशल मीडिया पर शुभकामना संदेशों के साथ लिंक अटैच कर या कोई APK फाइल अटैच कर भेजते है, जिन पर क्लिक करने से लोगों का फोन का एक्सेस साइबर अपराधियों के पास चला जाता है. साइबर फ्रॉड के ताजा मामलों में नववर्ष की बधाई और ऑफर के फ्रॉड मैसेज आ रहे हैं.
बुकिंग करने से पहले करें जांच
रतलाम एसपी ने लोगों से अपील की है कि "नववर्ष ऑफर के नाम पर सोशल मीडिया आदि पर दिए गए विज्ञापन पर भरोसा न करें और ना ही विज्ञापन में दिए गए लिंक, मोबाइल नंबर्स, वेबसाइट्स पर कोई जानकारी शेयर करे. न्यू ईयर पर आउटिंग करने वाले आम लोग भी ऑनलाइन बुकिंग के नाम पर फर्जी वेबसाइट पर भी कोई जानकारी नहीं दें और ना ही इस तरह की वेबसाइट्स से कोई बुकिंग करें. होटल और ट्रैवल की बुकिंग के लिए भी प्रमाणित वेबसाइट्स और मोबाइल नंबर्स पर ही बुकिंग करें.
साइबर अपराध से बचने के लिए यह रखें सावधानी
- संदिग्ध लिंक पर क्लिक करने से बचें. अनजान नंबरों या अज्ञात ईमेल पतों से प्राप्त संदेशों में शामिल लिंक पर क्लिक न करें. संदिग्ध लिंक के माध्यम से व्यक्तिगत या बैंकिंग जानकारी न दें.
- अविश्वसनीय ऑफ़र और स्कीम से सतर्क रहें. "फ्री गिफ्ट", "लकी ड्रा" या "कैशबैक" जैसे ऑफर में धोखाधड़ी हो सकती है. केवल प्रमाणित वेबसाइट या प्लेटफॉर्म से ऑफर का लाभ उठाएं.
- पर्सनल डिटेल्स शेयर न करें. अनजान नंबर से कॉल, ईमेल, या संदेश के माध्यम से कोई भी बैंक डिटेल, पासवर्ड, ओटीपी, या अन्य संवेदनशील जानकारी साझा नहीं करें. आपकी बैंक और अन्य शासकीय संस्थाएं ऐसी जानकारी कभी नहीं मांगती हैं.
- सोशल मीडिया पर सतर्क रहें. सोशल मीडिया पर अनजान प्रोफाइल से प्राप्त संदेशों को अनदेखा करें. सोशल मीडिया पर मिलने वाले ऑफर्स पर विश्वास न करें.
- APK फाइल से सावधान रहें. शुभकामना संदेशों के साथ जुड़ी APK फाइल ओपन न करें. APK फाइल इंस्टॉल करने से आपके फोन का एक्सेस साइबर अपराधियों के पास जा सकता है.
- केवल विश्वसनीय ऐप्स का ही उपयोग करें. आधिकारिक ऐप स्टोर से ही कोई भी ऐप डाउनलोड करें. संदिग्ध या अनुमति मांगने वाले ऐप्स को इंस्टॉल करने से बचें.
- होटल, बस, ट्रेन आदि बुकिंग से पूर्व वेबसाइट की जांच करें. बुकिंग के लिए साइबर अपराधियों द्वारा फर्जी वेबसाइट्स बनाई गई होती है. जिनके माध्यम से बुकिंग करने पर आप साइबर धोखाधड़ी का शिकार हो जाते हैं. बुकिंग करने से पहले वेबसाइट्स और दिए गए मोबाइल नंबर की सत्यता की जानकारी प्राप्त करने के बाद ही बुकिंग करें.
- प्रमाणित ई कॉमर्स वेबसाइट्स का ही उपयोग करें. नव वर्ष पर किसी भी प्रकार के ऑफर का लाभ उठाने के लिए प्रमाणित ई कॉमर्स वेबसाइट्स का ही उपयोग करें. अनजान वेबसाइट्स से कोई भी खरीददारी नहीं करें.
- धोखाधड़ी की पहचान और रिपोर्ट करें. यदि आपको संदेह होता है कि आप किसी धोखाधड़ी का शिकार हो सकते हैं, तो तुरंत संबंधित थाना या साइबर अपराध शाखा से संपर्क करें.
साइबर हेल्पलाइन पर दर्ज कराएं शिकायत
पुलिस द्वारा जारी की गई एडवाइजरी की बातों का ध्यान रखकर लोग नववर्ष पर साइबर ठगी का शिकार होने से बच सकते हैं. यदि साइबर ठगी के शिकार होते हैं, तो तत्काल 1930 साइबर हेल्पलाइन पर कॉल कर शिकायत दर्ज करवाए.