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क्रिप्टो करेंसी और पैसे डबल करने का शातिर खिलाड़ी नागालैंड से धराया, सिंगापुर-श्रीलंका से जुड़े तार - Ratlam Crypto Currency Fraud Case - RATLAM CRYPTO CURRENCY FRAUD CASE

रतलाम पुलिस ने MTFE क्रिप्टो करेंसी फ्रॉड मामले में एक और आरोपी को नागालैंड से गिरफ्तार किया गया है. इस मामले के तार मणिपुर व श्रीलंका सहित दूसरे देशों से जुड़े हुए हैं. वहीं रतलाम पुलिस को इस मामले में मणिपुर के रहने वाले 2 भाइयों की तलाश है.

RATLAM CRYPTO CURRENCY FRAUD CASE
रतलाम क्रिप्टो करेंसी फ्रॉड मामले के विदेशों से जुड़े तार (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Aug 28, 2024, 12:06 PM IST

Updated : Aug 28, 2024, 12:32 PM IST

रतलाम: मध्य प्रदेश और राजस्थान के कई निवेशकों के करोड़ों रुपए हजम करने वाली क्रिप्टो करेंसी ट्रेडिंग कंपनी एमटीएफई के करोड़ों के घोटाला मामले में पुलिस ने एक ओर आरोपी को नगालैंड से गिरफ्तार किया है. रतलाम पुलिस इस मामले में अब तक कुल 10 आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है. आरोपी के बताए बैंक खाते में क्रिप्टो करंसी अकाउंट से 5 करोड़ रुपए का ट्रांजैक्शन हुआ है. पुलिस ने आरोपी का बैंक अकाउंट फ्रीज करवाया है. जिसमें 5 लाख से अधिक राशि जमा है. रतलाम पुलिस ने प्रेस नोट जारी कर आरोपी की गिरफ्तारी की जानकारी दी है.

मणिपुर निवासी 2 आरोपियों की तलाश जारी

गौरतलब है कि, रतलाम पुलिस ने इस मामले का खुलासा बीते दिनों किया था. रतलाम पुलिस ने इंटरनेशनल क्रिप्टो एक्सचेंज बाइनेंस से संपर्क कर निवेशकों के 108 अलग-अलग करेंसी में जमा करीब 44 लाख रुपए रिकवर करने में सफलता प्राप्त की थी. रतलाम पुलिस अब इस फर्जी एमएलएम कंपनी के मुख्य सरगना इनाकू पेमे और मर्सी पेमे की गिरफ्तारी का प्रयास कर रही है. दोनों ही आरोपी मणिपुर के रहने वाले हैं. जिन्होंने पोंजी स्कीम में निवेशकों को फंसा कर उनके रुपए अलग-अलग क्रिप्टो एक्सचेंज में अकाउंट खुलवाकर जमा किए थे. गिरफ्तार आरोपी इन्हीं का सहयोगी बताया जा रहा है.

कैसे हुआ करोड़ों की ठगी का खुलासा

सबसे पहले अगस्त 2023 में रतलाम के जावरा पुलिस थाने में कुछ शिकायतकर्ताओं ने एमएलएम बिजनेस कंपनी एमटीएफई के विरुद्ध शिकायत दर्ज करवाई थी. जिसमें उनके द्वारा कंपनी में निवेश किए जाने और रुपए डूब जाने की शिकायत की गई थी. मामला जब रतलाम एसपी राहुल कुमार लोढा के संज्ञान में आया, तो उन्होंने इस मामले की गहराई से जांच की गई. इस क्षेत्र में कंपनी चला रहे नीमच निवासी हुजैफा जमाली और उसके अन्य साथियों को गिरफ्तार किया गया.

इस कंपनी के तार विदेशों से जुड़े

पुलिस पूछताछ में गिरफ्तार हुजैफा ने बताया कि "इस कंपनी को वेंडी नाम की एक विदेशी महिला चला रही है. रतलाम पुलिस की जांच में यह मामला क्रिप्टो करंसी ट्रेडिंग का सामने आया. पकड़े गए आरोपियों द्वारा निवेशकों का पैसा क्रिप्टो करंसी में लगाया गया था." बाद में इस फर्जी कंपनी के तार बैंगलोर, श्रीलंका, मलेशिया और सिंगापुर से जुड़े होना पाया गया. रतलाम पुलिस ने जिले के अलग-अलग शिकायतकर्ताओं के लाखों रुपए वापस लाने के प्रयास शुरू किए. जिसके लिए क्रिप्टो करंसी एक्सचेंज बाइनेंस से संपर्क किया गया और MTFE के अकाउंट को फ्रिज करवाया गया.

कैसे हुई ठगी

क्रिप्टो में निवेश करने और कुछ दिनों में ही रुपए डबल हो जाने का लालच दिखाकर निवेशकों को इस पोंजी स्कीम से जोड़ा गया. एमटीएफई ने श्रीलंका क्रिकेट प्रीमियर लीग 2023 का स्पॉन्सर बनकर और प्रचार-प्रसार दिखाकर लोगों का भरोसा जीता. इसके बाद अलग-अलग क्षेत्र में कंपनी ने अपने एजेंट बनाए और क्रिप्टो करेंसी ऑनलाइन अकाउंट खोलने शुरू किए. कुछ दिनों तक निवेशकों को उनके बढ़ते हुए रुपए भी फर्जी ऑनलाइन अकाउंट पर दिखाए गए. रुपए डबल होने की उम्मीद में छोटा-मोटा काम करने वाले लोग अपनी सारी पूंजी लगाते चले गए. पुलिस ने प्रेसनोट जारी कर बताया कि, "इस फर्जी कंपनी में देश में करीब 10 लाख से ज्यादा लोगों के एकाउंट है. जब मुनाफे का पैसा वापस लेने का समय आया, तो इस फर्जी कंपनी का खुलासा हुआ."

यहां पढ़ें...

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अब तक 10 की हुई गिरफ्तार

बहरहाल अंतरराष्ट्रीय स्तर के इस घोटाले की रतलाम पुलिस लगातार जांच करने में जुटी हुई है. अब तक इस मामले में 10 आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है. वहीं, फरार आरोपियों और इस कंपनी के मास्टरमाइंड की तलाश नेपाल और मणिपुर में की जा रही है.

रतलाम: मध्य प्रदेश और राजस्थान के कई निवेशकों के करोड़ों रुपए हजम करने वाली क्रिप्टो करेंसी ट्रेडिंग कंपनी एमटीएफई के करोड़ों के घोटाला मामले में पुलिस ने एक ओर आरोपी को नगालैंड से गिरफ्तार किया है. रतलाम पुलिस इस मामले में अब तक कुल 10 आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है. आरोपी के बताए बैंक खाते में क्रिप्टो करंसी अकाउंट से 5 करोड़ रुपए का ट्रांजैक्शन हुआ है. पुलिस ने आरोपी का बैंक अकाउंट फ्रीज करवाया है. जिसमें 5 लाख से अधिक राशि जमा है. रतलाम पुलिस ने प्रेस नोट जारी कर आरोपी की गिरफ्तारी की जानकारी दी है.

मणिपुर निवासी 2 आरोपियों की तलाश जारी

गौरतलब है कि, रतलाम पुलिस ने इस मामले का खुलासा बीते दिनों किया था. रतलाम पुलिस ने इंटरनेशनल क्रिप्टो एक्सचेंज बाइनेंस से संपर्क कर निवेशकों के 108 अलग-अलग करेंसी में जमा करीब 44 लाख रुपए रिकवर करने में सफलता प्राप्त की थी. रतलाम पुलिस अब इस फर्जी एमएलएम कंपनी के मुख्य सरगना इनाकू पेमे और मर्सी पेमे की गिरफ्तारी का प्रयास कर रही है. दोनों ही आरोपी मणिपुर के रहने वाले हैं. जिन्होंने पोंजी स्कीम में निवेशकों को फंसा कर उनके रुपए अलग-अलग क्रिप्टो एक्सचेंज में अकाउंट खुलवाकर जमा किए थे. गिरफ्तार आरोपी इन्हीं का सहयोगी बताया जा रहा है.

कैसे हुआ करोड़ों की ठगी का खुलासा

सबसे पहले अगस्त 2023 में रतलाम के जावरा पुलिस थाने में कुछ शिकायतकर्ताओं ने एमएलएम बिजनेस कंपनी एमटीएफई के विरुद्ध शिकायत दर्ज करवाई थी. जिसमें उनके द्वारा कंपनी में निवेश किए जाने और रुपए डूब जाने की शिकायत की गई थी. मामला जब रतलाम एसपी राहुल कुमार लोढा के संज्ञान में आया, तो उन्होंने इस मामले की गहराई से जांच की गई. इस क्षेत्र में कंपनी चला रहे नीमच निवासी हुजैफा जमाली और उसके अन्य साथियों को गिरफ्तार किया गया.

इस कंपनी के तार विदेशों से जुड़े

पुलिस पूछताछ में गिरफ्तार हुजैफा ने बताया कि "इस कंपनी को वेंडी नाम की एक विदेशी महिला चला रही है. रतलाम पुलिस की जांच में यह मामला क्रिप्टो करंसी ट्रेडिंग का सामने आया. पकड़े गए आरोपियों द्वारा निवेशकों का पैसा क्रिप्टो करंसी में लगाया गया था." बाद में इस फर्जी कंपनी के तार बैंगलोर, श्रीलंका, मलेशिया और सिंगापुर से जुड़े होना पाया गया. रतलाम पुलिस ने जिले के अलग-अलग शिकायतकर्ताओं के लाखों रुपए वापस लाने के प्रयास शुरू किए. जिसके लिए क्रिप्टो करंसी एक्सचेंज बाइनेंस से संपर्क किया गया और MTFE के अकाउंट को फ्रिज करवाया गया.

कैसे हुई ठगी

क्रिप्टो में निवेश करने और कुछ दिनों में ही रुपए डबल हो जाने का लालच दिखाकर निवेशकों को इस पोंजी स्कीम से जोड़ा गया. एमटीएफई ने श्रीलंका क्रिकेट प्रीमियर लीग 2023 का स्पॉन्सर बनकर और प्रचार-प्रसार दिखाकर लोगों का भरोसा जीता. इसके बाद अलग-अलग क्षेत्र में कंपनी ने अपने एजेंट बनाए और क्रिप्टो करेंसी ऑनलाइन अकाउंट खोलने शुरू किए. कुछ दिनों तक निवेशकों को उनके बढ़ते हुए रुपए भी फर्जी ऑनलाइन अकाउंट पर दिखाए गए. रुपए डबल होने की उम्मीद में छोटा-मोटा काम करने वाले लोग अपनी सारी पूंजी लगाते चले गए. पुलिस ने प्रेसनोट जारी कर बताया कि, "इस फर्जी कंपनी में देश में करीब 10 लाख से ज्यादा लोगों के एकाउंट है. जब मुनाफे का पैसा वापस लेने का समय आया, तो इस फर्जी कंपनी का खुलासा हुआ."

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अब तक 10 की हुई गिरफ्तार

बहरहाल अंतरराष्ट्रीय स्तर के इस घोटाले की रतलाम पुलिस लगातार जांच करने में जुटी हुई है. अब तक इस मामले में 10 आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है. वहीं, फरार आरोपियों और इस कंपनी के मास्टरमाइंड की तलाश नेपाल और मणिपुर में की जा रही है.

Last Updated : Aug 28, 2024, 12:32 PM IST
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