रतलाम: रतलाम में मदरसों की जांच के मामले में राष्ट्रीय बाल अधिकार एवं संरक्षण आयोग (NCPCR) के अध्यक्ष का एक्स पर एक पोस्ट सामने आया है. जिसमें रतलाम अपर कलेक्टर शालिनी श्रीवास्तव की कार्य प्रणाली को लेकर सवाल खड़े किए हैं. बाल आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर अपने पोस्ट में प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा अवैध रूप से संचालित मदरसे को क्लीन चिट देने का आरोप लगाया है.
मध्यप्रदेश बाल आयोग की सदस्य ने निरीक्षण के दौरान रतलाम में एक अवैध मदरसे में लड़कियों के कमरों में कैमरे लगे पाये हैं ।
— प्रियंक कानूनगो Priyank Kanoongo (@KanoongoPriyank) August 6, 2024
दूसरे शहरों/राज्यों से ला कर लड़कियों को वहाँ रख कर उनको स्कूल नहीं भेजा जा रहा है यह संविधान का उल्लंघन है।
इस मामले में बाल आयोग सदस्य ने कैमरे की… pic.twitter.com/mET0HSKBrv
मदरसे की जांच में ऐसे किया गया दावा
मध्य प्रदेश बाल आयोग की सदस्य डॉ. निवेदिता शर्मा ने बीते दिनों खाचरोद रोड स्थित दारुल उलूम मदरसे का निरीक्षण किया था. जिसमें उन्होंने कहा था कि बिना अनुमति के चल रहे मदरसे में नाबालिग बालिकाओं को असुविधाजनक स्थिति में रखा गया है. बताया जा रहा है कि इसकी जानकारी जिला प्रशासन को भी दी गई थी. इसके बाद रतलाम एडीएम शालिनी श्रीवास्तव भी मदरसे का निरीक्षण करने पहुंची थी. जिसमें उन्होंने मदरसे में कोई गंभीर अनियमितता नहीं पाए जाने की बात कही.
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मदरसे की जांच पर खड़े किए सवाल
इस मामले पर राष्ट्रीय बाल आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने अपने एक्स अकाउंट पर एक पोस्ट में जिला प्रशासन और मदरसे का निरीक्षण करने वाली अपर कलेक्टर की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए हैं. वहीं, इसको लेकर रतलाम कलेक्टर राजेश बाथम ने कहा कि "राज्य बाल आयोग की सदस्य के द्वारा निरीक्षण की कोई रिपोर्ट जिला प्रशासन को प्राप्त नहीं हुई है. शहर के अन्य मदरसों पर निरीक्षण एवं जांच रिपोर्ट के आधार पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी."