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चमत्कार या साधना शक्ति! एक साथ दिए 200 सवालों के जवाब, वो भी 30 मिनट में

रतलाम में जैन संत चंद्रप्रभ चंद्रसागर जी ने महाशतावधान पूर्ण किया है. वह 200 प्रश्नों को स्मरण रख जवाब देने वाले महाशतावधानी बन गए.

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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : 2 hours ago

Updated : 1 hours ago

Jain Saint Mahashatavadhan
जैन संत चंद्रप्रभ चंद्रसागर बने महाशतावधानी (ETV BHARAT)

रतलाम। आज के दौर में हम दो-चार कामों या फिर बातों को याद रखने के लिए मोबाइल या कागज पेन का सहारा लेते हैं. छोटी-छोटी गणनाओं के लिए कैलकुलेटर का इस्तेमाल करते हैं. लेकिन यदि कोई 200 प्रश्न और उनके उत्तर को याद कर, उसे किसी भी क्रम, क्रम बदलकर या बीच में सें किसी भी क्रम सें दोहरा दें तो इसे आप क्या कहेंगे. कह सकते हैं कि ये अध्यात्म की शक्ति का चमत्कार है. ये चमत्कार देखा गया रतलाम में. जहां 24 वर्षीय जैन संत ने सरस्वती साधना के अद्भुत दर्शन आम लोगों को करवाए.

जैन संत चंद्रप्रभ चंद्रसागर बने महाशतावधानी

दरअसल, रतलाम में जैन संत चंद्रप्रभ चंद्रसागर जी ने महाशतावधान पूर्ण किया है. जिसके बाद वह 200 प्रश्नों को स्मरण रख उनका जवाब देने वाले महाशतावधानी व्यक्तित्व बन गए हैं. इससे पूर्व मुंबई और बेंगलुरु में हुए महाशतावधान कार्यक्रम में 100- 100 प्रश्नों के जवाब संत श्री ने दिए थे. श्रीचंद्रप्रभ चंद्रसागर जी महाराज की सरस्वती साधना ने एक बार फिर सबको हैरत में डाल दिया. कार्यक्रम की शुरुआत में जैन संत से 200 अलग-अलग लोगों ने सवाल पूछे. प्रश्न पूछने की प्रक्रिया में 3 घंटे लगे.

एक साथ दिए 200 सवालों के जवाब, वो भी 30 मिनट में (ETV BHARAT)

उलटे क्रम में भी जस के तस दोहरा दिए सभी सवाल

संत श्री ने एक क्रम में सभी 200 सवाल और उनके जवाब दोहरा दिए. जैन संत को सभी 200 सवालों के जवाब देने और उल्टे क्रम में भी जवाब देने में सिर्फ 30 मिनट का समय लगा. इतना ही नहीं, जैन संत सीधा उल्टा या किसी भी क्रम से पूछने पर सभी सवालों के सटीक जवाब देते नजर आए. कई बार तो 10-10 लोगों से गणित के कठिन कैलकुलेशन कर उन अंकों को भी याद किया गया. वहीं तीन-तीन अंकों के कैलकुलेशन को भी मन में ही गणना कर और सटीक जवाब देकर जैन संत ने सभी को हैरत में डाल दिया.

Jain Saint Mahashatavadhan
महाशतावधान कार्यक्रम में मौजूद लोग (ETV BHARAT)

कार्यक्रम में शामिल लोग गणना देखकर रह गए दंग

चंद्रप्रभ चंद्रसागर जी महाराज साहब का यह शतावधान कार्यक्रम जिसने भी देखा तो दंग रह गया. स्मरण शक्ति और स्वाध्याय के इस दुर्लभ संयोग को देखकर लोग दांतों तले उंगलियां दबाने पर मजबूर हो गए. बाहर निकलते ही लोग इसे अद्वितीय कार्यक्रम बता रहे थे. इस महाशतावधान के दर्शन करवाने का उद्देश्य देश की युवा पीढ़ी और विद्यार्थियों को प्राचीन शिक्षा पद्धति और सरस्वती वंदना की शक्ति से परिचय करवाना है. गौरतलब है कि प्राचीन काल में जैन और वैदिक परंपरा में ऐसा सुनने को मिलता था कि विद्यार्थी गुरु के मुख से आगम या वेद ग्रंथ एक ही बार, सुनकर याद रख लेते थे. लेकिन आज के समय ऐसी याददाश्त असंभव है.

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आध्यात्मिक शक्ति बढ़ाकर संभव कुछ भी

वहीं, कलियुग में भी ऋषियों की इस परंपरा के दर्शन यह महाशतावधान कार्यक्रम विश्व को करवा रहा है. महाराज साहब डॉ. अजीत चंद्र सागर जी महाराज ने बताया "यह साधना केवल जैन संत ही नहीं बल्कि देश की युवा पीढ़ी और विद्यार्थी भी कर सकते हैं और देश की उन्नति और आध्यात्मिक शक्ति में बढ़ोतरी कर सकते हैं. सरस्वती साधना रिसर्च फाउंडेशन के माध्यम से विद्यार्थियों एवं युवाओं के लिए इस साधना को सीखने का अवसर प्रदान किया जा रहा है."

रतलाम। आज के दौर में हम दो-चार कामों या फिर बातों को याद रखने के लिए मोबाइल या कागज पेन का सहारा लेते हैं. छोटी-छोटी गणनाओं के लिए कैलकुलेटर का इस्तेमाल करते हैं. लेकिन यदि कोई 200 प्रश्न और उनके उत्तर को याद कर, उसे किसी भी क्रम, क्रम बदलकर या बीच में सें किसी भी क्रम सें दोहरा दें तो इसे आप क्या कहेंगे. कह सकते हैं कि ये अध्यात्म की शक्ति का चमत्कार है. ये चमत्कार देखा गया रतलाम में. जहां 24 वर्षीय जैन संत ने सरस्वती साधना के अद्भुत दर्शन आम लोगों को करवाए.

जैन संत चंद्रप्रभ चंद्रसागर बने महाशतावधानी

दरअसल, रतलाम में जैन संत चंद्रप्रभ चंद्रसागर जी ने महाशतावधान पूर्ण किया है. जिसके बाद वह 200 प्रश्नों को स्मरण रख उनका जवाब देने वाले महाशतावधानी व्यक्तित्व बन गए हैं. इससे पूर्व मुंबई और बेंगलुरु में हुए महाशतावधान कार्यक्रम में 100- 100 प्रश्नों के जवाब संत श्री ने दिए थे. श्रीचंद्रप्रभ चंद्रसागर जी महाराज की सरस्वती साधना ने एक बार फिर सबको हैरत में डाल दिया. कार्यक्रम की शुरुआत में जैन संत से 200 अलग-अलग लोगों ने सवाल पूछे. प्रश्न पूछने की प्रक्रिया में 3 घंटे लगे.

एक साथ दिए 200 सवालों के जवाब, वो भी 30 मिनट में (ETV BHARAT)

उलटे क्रम में भी जस के तस दोहरा दिए सभी सवाल

संत श्री ने एक क्रम में सभी 200 सवाल और उनके जवाब दोहरा दिए. जैन संत को सभी 200 सवालों के जवाब देने और उल्टे क्रम में भी जवाब देने में सिर्फ 30 मिनट का समय लगा. इतना ही नहीं, जैन संत सीधा उल्टा या किसी भी क्रम से पूछने पर सभी सवालों के सटीक जवाब देते नजर आए. कई बार तो 10-10 लोगों से गणित के कठिन कैलकुलेशन कर उन अंकों को भी याद किया गया. वहीं तीन-तीन अंकों के कैलकुलेशन को भी मन में ही गणना कर और सटीक जवाब देकर जैन संत ने सभी को हैरत में डाल दिया.

Jain Saint Mahashatavadhan
महाशतावधान कार्यक्रम में मौजूद लोग (ETV BHARAT)

कार्यक्रम में शामिल लोग गणना देखकर रह गए दंग

चंद्रप्रभ चंद्रसागर जी महाराज साहब का यह शतावधान कार्यक्रम जिसने भी देखा तो दंग रह गया. स्मरण शक्ति और स्वाध्याय के इस दुर्लभ संयोग को देखकर लोग दांतों तले उंगलियां दबाने पर मजबूर हो गए. बाहर निकलते ही लोग इसे अद्वितीय कार्यक्रम बता रहे थे. इस महाशतावधान के दर्शन करवाने का उद्देश्य देश की युवा पीढ़ी और विद्यार्थियों को प्राचीन शिक्षा पद्धति और सरस्वती वंदना की शक्ति से परिचय करवाना है. गौरतलब है कि प्राचीन काल में जैन और वैदिक परंपरा में ऐसा सुनने को मिलता था कि विद्यार्थी गुरु के मुख से आगम या वेद ग्रंथ एक ही बार, सुनकर याद रख लेते थे. लेकिन आज के समय ऐसी याददाश्त असंभव है.

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