रतलाम। दवा निर्माता इप्का लेबोरेटरी में अस्थाई श्रमिकों ने काम बंद कर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है. कंपनी प्रबंधन से नाराज इन अस्थाई कर्मचारियों ने अनिश्चितकालीन हड़ताल करने की चेतावनी दे दी है. कम वेतन और 8 घंटे से अधिक ड्यूटी कराए जाने से नाराज ठेका श्रमिक सोमवार को जिला कलेक्ट्रेट पहुंच गए. श्रमिकों ने कंपनी प्रबंधन पर मजदूरों का शोषण किए जाने और विरोध प्रदर्शन को दबाए जाने की शिकायत की है.
बढ़ाये गये वेतन को किया कम
बताया जा रहा है कि श्रम मंत्रालय की गाइडलाइन के अनुसार बीते कुछ दिनों से ठेका श्रमिकों को 8 घंटे की शिफ्ट की राशि बढ़ाकर 454 रुपए प्रतिदिन दी जा रही थी. लेकिन मध्य प्रदेश टैक्सटाइल संगठन और पीथमपुर के कुछ उद्योग संगठनों ने इसे लेकर हाई कोर्ट में अपील कर स्टे ले लिया है. जिसके बाद अब श्रमिकों को पुरानी दर 391 रुपए प्रतिदिन पर ही वेतन प्राप्त होगा. इससे नाराज अस्थाई श्रमिक संगठनों ने विरोध शुरू कर दिया है.
कलेक्ट्रेट पहुंचकर किया विरोध प्रदर्शन
श्रमिकों ने कंपनी को सोमवार से काम बंद करने की चेतावनी दी थी. इसके बाद संभावित विरोध प्रदर्शन के चलते कंपनी के आसपास बड़ी मात्रा में पुलिस बल की तैनाती कर दी गई और श्रमिकों को प्रदर्शन करने से रोक दिया गया. प्रदर्शन करने से रोकने पर श्रमिक भड़क गए और रतलाम कलेक्ट्रेट पहुंचकर विरोध प्रदर्शन करने लगे. वहीं, श्रमिकों ने मांगे पूरी नहीं होने पर अनिश्चितकालीन हड़ताल करने की चेतावनी भी दी है.
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12 घंटे की शिफ्ट करने को मजबूर
कलेक्ट्रेट परिसर में धरने पर बैठे श्रमिकों ने बताया कि "हमें वेतन तो काम मिल ही रहा है और 8 घंटे की शिफ्ट की जगह 12 घंटे की शिफ्ट करवाई जाती है. वहीं, श्रमिकों के अधिकार की लड़ाई लड़ने भी नहीं दिया जा रहा है. हमें कंपनी के बाहर शांतिपूर्वक विरोध करने से रोका गया. वहीं, प्रशासन भी ठेका श्रमिकों की सुध नहीं ले रहा है."