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गजब! 67 की उम्र में युवाओं वाला जज्बा, रक्तदान में लगाया शतक, फायदे जानकर हो जाएंगे हैरान - World Blood Donor Day 2024

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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jun 14, 2024, 7:58 PM IST

रतलाम के समाजसेवी व रक्तदान के क्षेत्र में मशहूर गोविंद काकानी ने विश्व रक्तदाता दिवस के मौके पर अपना 101 वां रक्तदान किया है. गोविंद ने पहली बार 1980 में रक्तदान किया था. तब से लेकर वह आज तक लगातार स्वास्थ्य के क्षेत्र में समाजसेवा कर रहे हैं.

WORLD BLOOD DONOR DAY 2024
रक्तदान करते हुए गोविंद काकानी (Etv Bharat)

रतलाम। 14 जून को विश्व रक्तदाता दिवस के मौके पर रतलाम के समाजसेवी और स्वास्थ्य के क्षेत्र में निरंतर सेवा दे रहे गोविंद काकानी ने 101 वीं बार रक्तदान किया है. आमतौर पर लोगों में यह भ्रांति होती है कि रक्तदान किया तो शरीर में कमजोरी आ जाएगी, लेकिन 101 बार रक्तदान कर चुके गोविंद काकानी इस भ्रांति को गलत साबित कर रहे है. वह 67 वर्ष की आयु में हर तरह से स्वस्थ होकर लगातार रक्तदान के क्षेत्र में कार्य कर रहे हैं.

67 की उम्र में युवाओं वाला जज्बा, रक्तदान में लगाया शतक, फायदे जानकर हो जाएंगे हैरान (Etv Bharat)

1980 में किया था पहली बार रक्तदान

गोविंद काकानी मानव सेवा समिति से जुड़े हुए हैं और ब्लड डोनेशन से लेकर हर प्रकार की स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए सेवा देते हैं. गोविंद काकानी ने 1980 में पुणे में पहली बार रक्तदान किया था. जिसके बाद वह इस मिशन से जुड़ गए और नियमित अंतराल पर अपना रक्तदान करते आए हैं. यही नहीं गोविंद काकानी मानव सेवा समिति के माध्यम से लोगों को रक्तदान के लिए प्रेरित भी करते हैं और 24 घंटे रक्त की आवश्यकता पड़ने पर मरीजों के लिए रक्त उपलब्ध कराने का पुनीत कार्य भी कार्य करते हैं.

गोविंद काकानी ने बताए रक्तदान के फायदे

गोविंद काकानी रक्तदान के मामले में 44 वर्षों के अपने अनुभव के आधार पर बताते हैं कि ''रक्तदान का सबसे बड़ा फायदा यह है कि हर तीन चार महीने में आपके रक्त की निशुल्क जांच हो जाती है. जिससे आपको यह जानकारी मिल जाती है कि आपको हेपेटाइटिस, एचआईवी, मलेरिया या कोई अन्य संक्रामक बीमारी है कि नहीं. नियमित रूप से रक्तदान करने से शरीर में नए रक्त का निर्माण होता है, जिससे स्फूर्ति और ऊर्जा बनी रहती है. डायबिटीज, ब्लड प्रेशर और हार्ट संबंधित समस्या होने की संभावना बिल्कुल नहीं होती है. नियमित रूप से रक्तदान करने पर जरूरतमंदों के लिए खासकर थैलेसीमिया से पीड़ित मरीजों के लिए ब्लड बैंकों में रक्त की कमी नहीं पड़ती है. इसके साथ ही हजारों लोगों की दुआएं मिलती हैं, जिससे रक्तदान करने वाले व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक बनी रहती है.''

समाज सेवा का कार्य करते हैं गोविंद काकानी

दरअसल, रतलाम के समाजसेवी गोविंद काकानी कई क्षेत्रों में समाज सेवा का कार्य करते हैं. जिले में थैलेसीमिया से पीड़ित बच्चों के लिए रक्तदान करवाने से लेकर जरुरी दवाएं उपलब्ध करवाने तक. रतलाम जिले में कोरोना संक्रमण के दौरान कोविड वार्ड में संक्रमित मरीजों के बीच जाकर उन्हें प्रोत्साहित करने का कार्य भी गोविंद काकानी कर चुके हैं. विश्व रक्तदाता दिवस के मौके पर गोविंद काकानी ने युवाओं से मानव सेवा समिति ब्लड बैंक में रक्तदान करवाया और पहली बार के रक्तदाताओं को प्रोत्साहित भी किया.

रतलाम। 14 जून को विश्व रक्तदाता दिवस के मौके पर रतलाम के समाजसेवी और स्वास्थ्य के क्षेत्र में निरंतर सेवा दे रहे गोविंद काकानी ने 101 वीं बार रक्तदान किया है. आमतौर पर लोगों में यह भ्रांति होती है कि रक्तदान किया तो शरीर में कमजोरी आ जाएगी, लेकिन 101 बार रक्तदान कर चुके गोविंद काकानी इस भ्रांति को गलत साबित कर रहे है. वह 67 वर्ष की आयु में हर तरह से स्वस्थ होकर लगातार रक्तदान के क्षेत्र में कार्य कर रहे हैं.

67 की उम्र में युवाओं वाला जज्बा, रक्तदान में लगाया शतक, फायदे जानकर हो जाएंगे हैरान (Etv Bharat)

1980 में किया था पहली बार रक्तदान

गोविंद काकानी मानव सेवा समिति से जुड़े हुए हैं और ब्लड डोनेशन से लेकर हर प्रकार की स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए सेवा देते हैं. गोविंद काकानी ने 1980 में पुणे में पहली बार रक्तदान किया था. जिसके बाद वह इस मिशन से जुड़ गए और नियमित अंतराल पर अपना रक्तदान करते आए हैं. यही नहीं गोविंद काकानी मानव सेवा समिति के माध्यम से लोगों को रक्तदान के लिए प्रेरित भी करते हैं और 24 घंटे रक्त की आवश्यकता पड़ने पर मरीजों के लिए रक्त उपलब्ध कराने का पुनीत कार्य भी कार्य करते हैं.

गोविंद काकानी ने बताए रक्तदान के फायदे

गोविंद काकानी रक्तदान के मामले में 44 वर्षों के अपने अनुभव के आधार पर बताते हैं कि ''रक्तदान का सबसे बड़ा फायदा यह है कि हर तीन चार महीने में आपके रक्त की निशुल्क जांच हो जाती है. जिससे आपको यह जानकारी मिल जाती है कि आपको हेपेटाइटिस, एचआईवी, मलेरिया या कोई अन्य संक्रामक बीमारी है कि नहीं. नियमित रूप से रक्तदान करने से शरीर में नए रक्त का निर्माण होता है, जिससे स्फूर्ति और ऊर्जा बनी रहती है. डायबिटीज, ब्लड प्रेशर और हार्ट संबंधित समस्या होने की संभावना बिल्कुल नहीं होती है. नियमित रूप से रक्तदान करने पर जरूरतमंदों के लिए खासकर थैलेसीमिया से पीड़ित मरीजों के लिए ब्लड बैंकों में रक्त की कमी नहीं पड़ती है. इसके साथ ही हजारों लोगों की दुआएं मिलती हैं, जिससे रक्तदान करने वाले व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक बनी रहती है.''

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समाज सेवा का कार्य करते हैं गोविंद काकानी

दरअसल, रतलाम के समाजसेवी गोविंद काकानी कई क्षेत्रों में समाज सेवा का कार्य करते हैं. जिले में थैलेसीमिया से पीड़ित बच्चों के लिए रक्तदान करवाने से लेकर जरुरी दवाएं उपलब्ध करवाने तक. रतलाम जिले में कोरोना संक्रमण के दौरान कोविड वार्ड में संक्रमित मरीजों के बीच जाकर उन्हें प्रोत्साहित करने का कार्य भी गोविंद काकानी कर चुके हैं. विश्व रक्तदाता दिवस के मौके पर गोविंद काकानी ने युवाओं से मानव सेवा समिति ब्लड बैंक में रक्तदान करवाया और पहली बार के रक्तदाताओं को प्रोत्साहित भी किया.

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