जोधपुर. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत प्रचारक निंबाराम ने समाज में आज के वर्तमान युग में भी भेद भाव और छुआछूत को लेकर कड़ी टिप्पणी की है. निंबाराम ने कहा है कि एक और जहां हमारे वैज्ञानिक धरती पर बैठे-बैठे चांद के दक्षिणी ध्रुव पर विक्रम लैंडर को उतार रहे हैं, जिसे हम लाइव देख रहे हैं. दूसरी ओर एक आदमी दूसरे आदमी के हाथ लगाता है तो वह अछूत हो जाता है और हमें पानी का छींटा डालना पड़ता है. यह हिंदू की कथनी और करनी का भेद है.
जोधपुर के ओसियां क्षेत्र में रविवार को भगवान विश्वकर्मा महापुराण कथा और श्री विश्वकर्मा मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि अब समय ऐसा है अकेले नहीं चल सकते, सबको साथ लेकर चलना पड़ेगा. सबका साथ सबका विकास का नारा क्यों दिया, वो अलग प्रकार है, लेकिन यह स्पष्ट है कि अकेले अपने बल पर आगे नहीं बढ़ सकते. इसलिए सबको साथ लेकर चलना होगा. ऐसे में आज के समय में कितनी कुरीतियों हैं, जो रहनी चाहिए? कितनी ही रूढ़ियों को अब समाप्त कर देना चाहिए इस पर विचार कौन करेगा?
कथनी-करनी में भेद बहुत ज्यादा हो गया : निंबाराम ने कहा कि वर्तमान में हमारी कथनी और करनी में भेद हो गया है. मंदिर भी हमारे अलग-अलग हैं. जाति के अनुसार मंदिर बन गए हैं, जिसमें यह प्रवेश करेगा, वह नहीं करेगा. इससे ऊपर उठने की आवश्यकता इसलिए है कि अब समय तकनीक का है, जिसमें हमारे वैज्ञानिक चांद पर विक्रम लैंडर उतार रहे हैं और दूसरी ओर हम किसी व्यक्ति के छू जाने से खुद को अछूत मान लेते हैं. हमें इसे समाप्त करना पड़ेगा. तब सनातन सुरक्षित रहेगा. तब ही हिंदू की जय जयकार होगी और जब हिंदू की जय जयकार होगी तब सुथारों की भी जय-जयकार होगी.
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उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के बयान पर भी अप्रत्यक्ष निशाना साधते हुए कहा कि हिंदू बड़ा शब्द है जो हम सबको बांध कर रखता है. यह हमारी बड़ी पहचान है और बड़ी लकीर खड़ी होनी चाहिए. जिन लोगों को हिंदू से दुख है, दर्द है. जो हिंदू को हिंसक मानते हैं, आंतकवादी कहते हैं, वो नासमझ लोग हैं. ऐसे लोगों के बल पर समाज आगे नहीं बढ़ा है.