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दीदी के देवर ने साली से किया दुष्कर्म, नाबालिग ने बच्चे को दिया जन्म, दोषी को हुई 20 साल की सजा - Rape case of a minor

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jul 23, 2024, 8:37 AM IST

Rapist gets 20 years jail in Champawat चंपावत में नाबालिग से दुष्कर्म और बच्चे को जन्म देने के मामले में आरोपी दोष सिद्ध हो गया है. विशेष सत्र न्यायालय ने दोषी को 20 साल की सजा और 25 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है. घटना के अनुसार दीदी की ससुराल गई नाबालिग से दीदी के देवर ने दुष्कर्म किया था. इससे कारण वो गर्भवती हुई और एक बच्चे को जन्म दिया था. Champawat crime news

Champawat crime news
चंपावत अपराध समाचार (ETV Bharat Graphics)

चंपावत: विशेष सत्र न्यायाधीश अनुज कुमार संगल की कोर्ट ने नाबालिग से दुष्कर्म के आरोपी को दोषी पाया है. दोषी को 20 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है. इसके साथ ही दोषी पर 25 हजार रुपए का अर्थ दंड भी लगाया गया है. कोर्ट ने तीन साल बाद पॉक्सो एक्ट के मामले में फैसला सुनाया है.

वर्ष 2021 में लोहाघाट थाने में जिला समन्वयक चाइल्ड हेल्पलाइन चंपावत ने तहरीर देकर बताया कि पीड़िता पिछले दो वर्ष से अपनी बहन के साथ रह रही थी. पीड़िता के बहन के देवर ने लगभग नौ माह पूर्व नाबालिग पीड़िता के साथ अपने घर में बहला फुसलाकर शारीरिक संबंध बनाए. इससे पीड़िता गर्भवती हो गई.

पीड़िता के गर्भवती होने के बाद परिवार वालों के हाथ पैर फूल गए. उसकी तबीयत खराब होने पर डॉक्टर को दिखाया. डॉक्टर ने गर्भवती होने की बात कही. 2020 में उसने हल्द्वानी के एक अस्पताल में बच्चे को जन्म दिया. मामला एक नाबालिग से संबंधित होने के कारण चाइल्ड हेल्प लाइन नैनीताल ने संज्ञान लेकर घटनास्थल चंपावत से संबंधित प्रकरण रेफर कर दिया. पूरे मामले में लोहाघाट थाना पुलिस ने आरोपी रोहित के खिलाफ धारा 376 और पॉक्सो एक्ट में मामला दर्ज पर आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेजने की कार्रवाई की.

3 साल तक चली इस कार्रवाई के बाद विशेष सत्र न्यायाधीश अनुज कुमार संगल की कोर्ट ने आरोपी को दोषी पाते हुए 20 साल की कठोर कारावास और 25 हजार का अर्थ दंड लगाया है. अर्थ दंड जमा नहीं करने की स्थिति में 3 महीने का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा.
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चंपावत: विशेष सत्र न्यायाधीश अनुज कुमार संगल की कोर्ट ने नाबालिग से दुष्कर्म के आरोपी को दोषी पाया है. दोषी को 20 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है. इसके साथ ही दोषी पर 25 हजार रुपए का अर्थ दंड भी लगाया गया है. कोर्ट ने तीन साल बाद पॉक्सो एक्ट के मामले में फैसला सुनाया है.

वर्ष 2021 में लोहाघाट थाने में जिला समन्वयक चाइल्ड हेल्पलाइन चंपावत ने तहरीर देकर बताया कि पीड़िता पिछले दो वर्ष से अपनी बहन के साथ रह रही थी. पीड़िता के बहन के देवर ने लगभग नौ माह पूर्व नाबालिग पीड़िता के साथ अपने घर में बहला फुसलाकर शारीरिक संबंध बनाए. इससे पीड़िता गर्भवती हो गई.

पीड़िता के गर्भवती होने के बाद परिवार वालों के हाथ पैर फूल गए. उसकी तबीयत खराब होने पर डॉक्टर को दिखाया. डॉक्टर ने गर्भवती होने की बात कही. 2020 में उसने हल्द्वानी के एक अस्पताल में बच्चे को जन्म दिया. मामला एक नाबालिग से संबंधित होने के कारण चाइल्ड हेल्प लाइन नैनीताल ने संज्ञान लेकर घटनास्थल चंपावत से संबंधित प्रकरण रेफर कर दिया. पूरे मामले में लोहाघाट थाना पुलिस ने आरोपी रोहित के खिलाफ धारा 376 और पॉक्सो एक्ट में मामला दर्ज पर आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेजने की कार्रवाई की.

3 साल तक चली इस कार्रवाई के बाद विशेष सत्र न्यायाधीश अनुज कुमार संगल की कोर्ट ने आरोपी को दोषी पाते हुए 20 साल की कठोर कारावास और 25 हजार का अर्थ दंड लगाया है. अर्थ दंड जमा नहीं करने की स्थिति में 3 महीने का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा.
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