चित्तौड़गढ़. मंदबुद्धि युवती से दुष्कर्म के आरोपी को न्यायालय ने 10 साल का कारावास और अर्थ दंड सुनाया है. युवती को अपने घर में अकेला देखकर अधेड़ उम्र के आरोपी ने मानसिक रूप से अस्वस्थ होने के बावजूद उसे अपनी हवस का शिकार बना डाला. 10 दिन बाद घटना का पता चलने पर पीड़िता की मां के पुलिस थाने में रिपोर्ट देने के बाद अधेड़ की करतूत सामने आई. अपर जिला एवं सत्र न्यायालय क्रमांक 2 के पीठासीन अधिकारी विनोद कुमार बैरवा ने आरोपी को दोषी मानते हुए यह सजा दी है.
अपर लोक अभियोजक संख्या-2 अब्दुल सत्तार खान ने बताया कि पीड़िता की मां ने 12 जून, 2019 को गंगरार थाने में रिपोर्ट दी कि उनकी 23 साल की बेटी जो मानसिक रूप से अस्वस्थ है, उसे घर छोड़कर परिवार खेत पर काम करने गया था. 10 दिनों से बेटी किसी परेशानी में दिखाई दे रही थी. जब बेटी को समझा कर उसे सारी बात पूछी गई, तो उसने बताया कि गंगरार थाना क्षेत्र में रहने वाला 50 वर्षीय रतनलाल पुत्र दला अहीर जबरदस्ती घर में घुस आया और उसका मुंह दबाकर उसके साथ ज्यादती की. आरोपी ने रेप के बाद पीड़िता को धमकी भी दी कि किसी को बताने पर जान से मार डालेगा. पुलिस ने परिवादी और परिजनों के 161 में बयान लिए.
पीड़िता के बयान और FSL रिपोर्ट के आधार पर पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर कोर्ट में चालान पेश किया. कोर्ट ट्रायल के दौरान पीड़िता के पक्ष में 16 गवाह और 26 डॉक्यूमेंट्स पेश किए गए. पीठासीन अधिकारी बैरवा ने आरोपी को दोषी मानते हुए उसे 10 साल की सजा सुनाई. साथ ही 30 हजार रुपए का जुर्माना लगाया.