झालावाड़. जिले पॉस्को कोर्ट संख्या 2 के विशिष्ट न्यायाधीश बृजेश पवार ने चार साल की मासूम के साथ अप्राकृतिक दुष्कर्म के मामले में फैसला सुनाते हुए आरोपी को 20 साल कठोर कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही आरोपी को एक लाख के अर्थदंड से भी दंडित किया है. न्यायधीश ने आरोपी द्वारा अर्थ दंड की राशि न चुकाने पर एक वर्ष अतिरिक्त कारावास की सजा का फैसला सुनाया है.
मामले में जानकारी देते हुए पॉस्को कोर्ट के विशिष्ट लोक अभियोजक रामहेतार गुर्जर ने बताया कि जिले के भवानी मंडी कस्बे में 26 मार्च, 2023 को घर में खेल रही चार साल की मासूम को बंद कमरे में ले जाकर आरोपी ने उसके साथ अप्राकृतिक दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया था.
इसे भी पढ़ें - नाबालिग से रेप: आरोपी पड़ोसी को 20 साल के कठोर कारावास की सजा
घटना के बाद पीड़िता नाबालिग के परिजनों ने भवानी मंडी थाना में आरोपी के खिलाफ शिकायत दी थी, जिसके आधार पर पुलिस ने मामला दर्ज कर बच्ची का मेडिकल मुआयना कराया था. इसके बाद मामले की जांच में जुटी पुलिस ने भवानी मंडी निवासी आरोपी को 19 मई, 2023 को गिरफ्तार कर न्यायालय के समक्ष पेश किया था. उसके बाद से आरोपी न्यायिक अभिरक्षा में चल रहा था. लोक अभियोजक ने बताया कि विशिष्ट न्यायाधीश ने मामले की गंभीरता को समझते हुए चालान पेश होने के मात्र आठ माह के भीतर ही आरोपी को 20 साल कठोर कारावास की सजा सुनाई है.
इसे भी पढ़ें - पहले युवती से दोस्ती फिर दोस्तों के साथ सामूहिक दुष्कर्म, अब कोर्ट ने पांचों को सुनाई आजीवन कारावास की सजा
विशिष्ट लोक अभियोजक रामहेतार गुर्जर ने बताया कि आरोपी पर जुर्माने के रूप में एक लाख रुपए का अर्थ दंड भी लगाया गया है. अर्थ दंड की राशि न चुकाए जाने पर आरोपी को एक साल अतिरिक्त कारावास की सजा सुनाई है. उन्होंने कहा कि इस पूरे मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से 15 गवाह व 24 दस्तावेज पेश किए गए थे, जिनको आधार मानते हुए विशिष्ट न्यायाधीश बृजेश पवार ने आरोपी को 20 साल कठोर कारावास की सजा सुनाई है. इसके साथ ही पीड़िता के परिजनों को विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से 6 लाख रुपए की आर्थिक सहायता राशि देने का भी आदेश दिया है.