रामपुर : टांडा के खलखेड़ गांव में वन विभाग ने पुलिस और स्थानीय लोगों की मदद से तेंदुए को पकड़ लिया. तेंदुआ कई लोगों को घायल कर चुका था. इससे ग्रामीण काफी दिनों से दहशत में थे. रविवार को तेंदुआ शिकारियों की ओर से जंगली जानवरों को पकड़ने के लिए लगाए गए शिकंजे (खाबड़) में फंस गया. जानकारी मिलने पर टीम पहुंची तो तेंदुआ शिकंजा तोड़कर फरार हो गया. करीब 10 घंटे तक चले लंबे रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद उसे ट्रेंकुलाइज किया जा सका. इसके बाद उसे पिंजरे में बंद किया जा सका. दो महीने में 3 तेंदुए पकड़े जा चुके हैं.
टांडा के खलखेड़ गांव में शिकारियों ने जंगली जानवरों को पकड़ने के लिए शिकंजा (खाबड़) लगा रखा था. इसमें तेंदुआ फंस गया. रविवार की सुबह खेत की ओर निकले ग्रामीणों ने इसकी जानकारी वन विभाग को दी. मौके पर ग्रामीणों की भीड़ जुट गई. कुछ ही देर में पुलिस और वन विभाग की टीम पहुंच गई. ग्रामीणों की भीड़ और शोर सुनाकर तेंदुए ने लोहे का शिकंजा भी तोड़ दिया. इससे वह घायल भी हो गया. इससे बाद वह धान के खेत में छिप गया.
इसके बाद वन विभाग की टीम ने जाल फैलाया. स्थानीय वन विभाग की टीम के अलावा पीलीभीत से भी वाइल्डलाइफ एक्सपर्ट भी पहुंच गए. डीएफओ रामपुर राजीव कुमार ने बताया कि धान के खेत में पानी भरा हुआ था. तेंदुए के पैर में शिकंजा भी फंसा हुआ था. पानी में उसे ट्रेंकुलाइज करना आसान नहीं था, क्योंकि ऐसी स्थिति में उसके फेफड़ों में पानी जानी की संभावना थी. सुबह से टीमें लगी थीं. वाइल्डलाइफ एक्सपर्ट डॉक्टर दक्ष भी पीलीभीत से पहुंचे थे. ड्रोन से भी तेंदुए की हरकतों पर नजर रखी जा रही थी. जेसीबी भी मंगवाई गई थी.
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शाम करीब 5 बजे के आसपास धन के खेत में टीम के 20 लोगों के अलावा कुछ ग्रामीण भी हाथ में लाठी-डंडे लेकर खेत में घुसे. इस दौरान तेंदुआ गुर्राता रहा. वह खेत में कभी इस दिशा में तो कभी दूसरी दिशा में दौड़ता रहा. उसने टीम पर हमला करने की भी कोशिश की. जैसे ही वह हमले की कोशिश करता लोग दूर भाग जाते थे. वहीं दूसरी तरफ 10 से ज्यादा लोग जाल लेकर खड़े थे. करीब 10 घंटे की मशक्कत के बाद उसे ट्रेंकुलाइज किया जा सका. इसके बाद उसे जाल में लपेटकर पिंजरे में डाला गया.
डीएफओ ने बताया कि दो महीने में तीसरा तेंदुआ पकड़ा गया. और होंगे तो वह भी पकड़े जाएंगे. सोमवार को तेंदुए को पीलीभीत रेंज के जंगल में छोड़ा जाएगा. यह टीम का नौवां सफल ऑपरेशन था. वहीं स्थानीय लोगों के अनुसार तेंदुआ समेत अन्य जंगली जानवरों के हमले में इलाके के करीब 4 लोग घायल हो गए थे. इससे ग्रामीण दहशत में थे. तेंदुए के पकड़े जाने के बाद उन्हें राहत मिली है.
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