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श्रीराम के ननिहाल से बागेश्वर धाम पहुंचा भक्तों का दल, जानिए- क्या है रामनामी संप्रदाय की खासियत - Bageshwar Dham Ramnami Team - BAGESHWAR DHAM RAMNAMI TEAM

भगवान श्री राम के ननिहाल से रामनामी सम्प्रदाय का दल बागेश्वर धाम पहुंचा. पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री ने धाम में मौजूद भक्तों को रामनामी संप्रदाय के बारे में जानकारी दी. रामनामी संप्रदाय के लोगों में भगवान श्रीराम के प्रति इतनी भक्ति है कि उन्होंने अपने बदन में श्री राम का नाम और छवि गुदवाई है.

Bageshwar Dham Ramnami Team
भगवान श्री राम के ननिहाल से रामनामी सम्प्रदाय का दल (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Sep 20, 2024, 6:19 PM IST

Updated : Sep 20, 2024, 6:49 PM IST

छतरपुर। बागेश्वर धाम सिद्धपीठ में शुक्रवार को भगवान श्रीराम के ननिहाल छत्तीसगढ़ के चन्द्रखुड़ी नगरी से आए रामनामी सम्प्रदाय के लोगों का आत्मीय स्वागत किया गया. इस मौके पर बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा "यह सम्प्रदाय अपने रोम-रोम में भगवान श्रीराम को बसाए है. इसलिए यह हमेशा अतिप्रिय होना चाहिए." बता दें कि रामनामी सम्प्रदाय के लोग गहनों के स्थान पर गोदना से गहनों की आकृति शरीर में उकेरे हैं. साथ ही राम नाम भी शरीर में उकेरे हैं. इन लोगों ने बताया कि वे भगवान राम को अपने शरीर में बसाए हैं.

रामनामी संप्रदाय के लोगों के रोम-रोम में राम

रामनामी सम्प्रदाय के लोगों का कहना है कि भगवान श्रीराम उनके रोम-रोम में बसे हैं. समूह में शामिल महिला ने बताया कि उन्होंने शरीर में इसलिए गहनों की आकृति बनवाई है ताकि उनकी मृत्यु होने के बावजूद शरीर से गहने न उतर सकें. इन लोगों से धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री ने कहा "बालाजी से मिलने आया रामनामी सम्प्रदाय अत्यंत सौभाग्यशाली है. रामजी का ननिहाल इनका गांव है. माता कौशल्या की कृपा इस सम्प्रदाय पर हमेशा बनी रहे." उल्लेखनीय है कि रामनामी सम्प्रदाय मूर्ति पूजा पर भरोसा नहीं करता. इनका मानना है कि शरीर ही मंदिर है और शरीर में जो रामनाम अंकित कराया है वहीं भगवान विराजमान हैं. रामनामी सम्प्रदाय के लोगों ने बाबा बागेश्वर महाराज को मोर के पंखों से बनी टोपी और शॉल भेंट की.

श्रीराम के ननिहाल से बागेश्वर धाम पहुंचा भक्तों का दल (ETV BHARAT)

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सनातन एकता पदयात्रा के लिए पंजीयन कल से

दरअसल, सनातन एकता पदयात्रा के लिए पंजीयन की शुरुआत हो चुकी है. आने वाले 21 से 29 नवंबर तक चलने वाली सनातन एकता पदयात्रा के पंजीयन शुरू हो गए हैं. बागेश्वर धाम के सेवादार चक्रेश सुल्लेरे ने बताया "21 नवंबर से बागेश्वर धाम से पीठाधीश्वर धीरेन्द्र महाराज की यात्रा लाखों लोगों की उपस्थिति मे शुरू होगी. यह यात्रा 29 नवंबर को रामराजा सरकार की नगरी ओरछा धाम पहुंचेगी. यात्रा में शामिल होने के लिए पंजीयन अनिवार्य किया गया है, जो व्यक्ति यात्रा में शामिल होना चाहता है वह बागेश्वर धाम के कार्यालय क्रमांक 5 में संपर्क कर अपना रजिस्ट्रेशन करा सकता है. रजिस्ट्रेशन के लिए आधार कार्ड एवं मोबाइल नंबर की जरूरत पड़ेगी.अभी ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन हो रहे हैं जल्द ही यह सुविधा ऑनलाइन कर दी जाएगी."

छतरपुर। बागेश्वर धाम सिद्धपीठ में शुक्रवार को भगवान श्रीराम के ननिहाल छत्तीसगढ़ के चन्द्रखुड़ी नगरी से आए रामनामी सम्प्रदाय के लोगों का आत्मीय स्वागत किया गया. इस मौके पर बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा "यह सम्प्रदाय अपने रोम-रोम में भगवान श्रीराम को बसाए है. इसलिए यह हमेशा अतिप्रिय होना चाहिए." बता दें कि रामनामी सम्प्रदाय के लोग गहनों के स्थान पर गोदना से गहनों की आकृति शरीर में उकेरे हैं. साथ ही राम नाम भी शरीर में उकेरे हैं. इन लोगों ने बताया कि वे भगवान राम को अपने शरीर में बसाए हैं.

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रामनामी सम्प्रदाय के लोगों का कहना है कि भगवान श्रीराम उनके रोम-रोम में बसे हैं. समूह में शामिल महिला ने बताया कि उन्होंने शरीर में इसलिए गहनों की आकृति बनवाई है ताकि उनकी मृत्यु होने के बावजूद शरीर से गहने न उतर सकें. इन लोगों से धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री ने कहा "बालाजी से मिलने आया रामनामी सम्प्रदाय अत्यंत सौभाग्यशाली है. रामजी का ननिहाल इनका गांव है. माता कौशल्या की कृपा इस सम्प्रदाय पर हमेशा बनी रहे." उल्लेखनीय है कि रामनामी सम्प्रदाय मूर्ति पूजा पर भरोसा नहीं करता. इनका मानना है कि शरीर ही मंदिर है और शरीर में जो रामनाम अंकित कराया है वहीं भगवान विराजमान हैं. रामनामी सम्प्रदाय के लोगों ने बाबा बागेश्वर महाराज को मोर के पंखों से बनी टोपी और शॉल भेंट की.

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दरअसल, सनातन एकता पदयात्रा के लिए पंजीयन की शुरुआत हो चुकी है. आने वाले 21 से 29 नवंबर तक चलने वाली सनातन एकता पदयात्रा के पंजीयन शुरू हो गए हैं. बागेश्वर धाम के सेवादार चक्रेश सुल्लेरे ने बताया "21 नवंबर से बागेश्वर धाम से पीठाधीश्वर धीरेन्द्र महाराज की यात्रा लाखों लोगों की उपस्थिति मे शुरू होगी. यह यात्रा 29 नवंबर को रामराजा सरकार की नगरी ओरछा धाम पहुंचेगी. यात्रा में शामिल होने के लिए पंजीयन अनिवार्य किया गया है, जो व्यक्ति यात्रा में शामिल होना चाहता है वह बागेश्वर धाम के कार्यालय क्रमांक 5 में संपर्क कर अपना रजिस्ट्रेशन करा सकता है. रजिस्ट्रेशन के लिए आधार कार्ड एवं मोबाइल नंबर की जरूरत पड़ेगी.अभी ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन हो रहे हैं जल्द ही यह सुविधा ऑनलाइन कर दी जाएगी."

Last Updated : Sep 20, 2024, 6:49 PM IST
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