वाराणसी : बाबा विश्वनाथ के आंगन में नवरात्र की धूम के साथ पहली बार रामलीला के मंचन का आयोजन किया जा रहा है. शुक्रवार को नवरात्र के दूसरे दिन रामलीला में प्रभु श्रीराम के विवाह प्रसंग का आयोजन किया गया. दूसरे दिन माता विशालाक्षी और ब्रह्मचारिणी देवी को 16 श्रृंगार और वस्त्र बाबा विश्वनाथ की तरफ से भेंट किए गए. मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी विश्व भूषण मिश्रा ने स्थापित कलश का पूजन किया.
मुख्य कार्यपालिका अधिकारी विश्व भूषण मिश्रा ने बताया कि काशी रंगमंच कला परिषद सिधौना गाजीपुर की तरफ से मंदिर चौक में रामलीला का मंचन किया जा रहा है. नवरात्र के दूसरे दिन रामलीला में मां सीता के स्वयंवर, धनुष भंग, परशुराम संवाद, प्रसंग का मंचन किया गया. इस दौरान बड़ी संख्या में वहां मौजूद श्रद्धालुओं ने भी रामलीला का आनंद लिया. रामलीला के दौरान जैसे ही धनुष टूटा मंदिर प्रांगण जय श्री राम के नारों से गूंज उठा. कलाकारों ने हिंदी के साथ बीच-बीच में अंग्रेजी में भी संवाद किया. इस दौरान उत्तर प्रदेश शासन में आयुष मंत्री दयाशंकर मिश्र दयाल ने रामलीला के मंचन की शुरुआत की.
आयुष मंत्री दयाशंकर मिश्र दयाल का कहना था कि काशी में रामलीला का अलग ही महत्व है और यहां के रामनगर की रामलीला विश्व पटल पर अपनी पहचान बन चुकी है. विश्वनाथ मंदिर में इस तरह से रामलीला का आयोजन किया जाना देश-विदेश में भगवान श्री राम की आस्था को और बढ़ाने के साथ ही धाम में आने वाले श्रद्धालुओं को एक अलग अनुभव देगा और अपनी सनातनी परंपरा को आगे बढ़ने का मौका धाम में रामलीला के जरिए मिलेगा.
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