सरगुजा: आषाढ़ महीने के पहले दिन उदयपुर के रामगढ़ स्थित विश्व की सबसे पुरानी नाट्यशाला में दो दिवसीय रामगढ़ महोत्सव शुरू हो रहा है. दो दिवसीय रामगढ़ महोत्सव में कई सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है. इस आयोजन के मुख्य अतिथि सरगुजा लोकसभा क्षेत्र के सांसद चिंतामणी महाराज होंगे.
रामगढ़ महोत्सव में आज का कार्यक्रम: रामगढ़ महोत्सव के पहले दिन 22 जून को राष्ट्रीय शोध संगोष्ठी का आयोजन होगा. इस सेमिनार में रिसर्चर अपने शोध का वर्णन करेंगे. इसके बाद स्थानीय कलाकारों के लिए कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया है. रामगढ़ महोत्सव के शुभारंभ अवसर पर शास्त्रीय नृत्य गीत-संगीत के साथ महोत्सव का रंगारंग कार्यक्रम होगा.
23 जून को रामगढ़ महोत्सव में क्या होगा: महोत्सव के दूसरे दिन स्थानीय कलाकारोंं, बच्चों, युवाओं और बाहरी कलाकारों की तरफ से सांस्कृति प्रस्तुति दी जाएगी. इस दौरान शास्त्रीय गीत-संगीत,नर्तक दल भी प्रस्तुति देंगे.
कहां है विश्व की पुरानी नाट्यशाला: अंबिकापुर शहर से 45 किलोमीटर दूर उदयपुर से 3 किलोमीटर अंदर रामगढ़ है. रामगढ़ में कई प्राचीन गुफाएं हैं. शोधकर्ताओं ने इन गुफाओं में से एक को सबसे प्राचीन नाट्यशाला माना है. माना जाता है कि भगवान राम ने इस नाट्यशाला को बनवाया था.
रामगढ़ में पड़े थे भगवान राम के चरण: माना जाता है कि वनवास के दौरान प्रभु श्री राम रामगढ़ पहुंचे थे. राम के रामगढ़ आने का प्रमाण आध्यात्म रामायण में मिलता है. आध्यात्म रामायण के मुताबिक महर्षि जमदग्नि ने भगवान शंकर का बाण 'प्रास्थलिक' श्रीराम को दिया था. इस बाण का उपयोग राम ने रावण के साथ हुए युद्ध में किया. प्रास्थलिक की मदद से ही रावण का विनाश माना जाता है. रामगढ़ के निकट स्थित महेशपुर वनस्थली ही महर्षि जमदग्नि की तपोभूमि थी. इन प्रमाणों से राम के रामगढ़ आने की बातों को बल मिलता है.