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एक भक्त ऐसा भी, 22 साल में 1 लाख 86 हजार बार श्रीराम नाम व स्तोत्र लिखा, अयोध्या में भगवान को करेंगे अर्पित - सुनील कुमार

Ram Bhakt Sunil Kumar: बिहार के मुजफ्फरपुर के रहने वाले रामभक्त सुनील कुमार पिछले 22 साल से भगवान श्रीराम का नाम और स्तोत्र लिखते आ रहे हैं. अब तक 1 लाख 86 हजार से ज्यादा बार इसे लिख चुके हैं. पढ़ें पूरी खबर.

मुजफ्फरपुर के रामभक्त सुनील कुमार
मुजफ्फरपुर के रामभक्त सुनील कुमार
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Feb 21, 2024, 6:35 AM IST

मुजफ्फरपुर के रामभक्त सुनील कुमार से बातचीत

मुजफ्फरपुरः कहते हैं भगवान किसी भी रूप मिल सकते हैं. इनके रूप अनेक हैं. ठीक इसी प्रकार भक्त के भी अनेक रूप देखने को मिलते हैं. इसी अनेक रूप में एक रूप मुजफ्फरपुर के सुनील कुमार का है, जो अनोखे तरीके से भगवान की भक्ति में पिछले 22 साल से लीन हैं. इनकी भक्ति से लोग अचंभित हैं. सुनील कुमार पिछले 22 साल से भगवान राम का स्तोत्र लिख रहे हैं. अब तक 1 लाख 86 हजार 840 बार लिख चुके हैं.

रिटायरमेंट के बाद लिए प्रणः सुनील कुमार मूल रूप से मुजफ्फरपुर शहर के पड़ाव पोखर लेन नंबर एक के रहने वाले हैं. ईटीवी भारत से बात करते हुए उन्होंने बताया कि साल 2002 में वे पशुपालन विभाग से रिटायर हुए थे. उनके मन में काफी समय से तमन्ना थी कि अयोध्या में भगवान राम का मंदिर बने. रिटायरमेंट के बाद उन्होंने प्रण लिया कि वे भगवान का स्तोत्र लिखेंगे.

भगवान को करेंगे अर्पितः सुनील बताते हैं कि 2002 से ही उन्होंने इसकी शुरुआत कर दी. वे तब से रोज भगवान राम का नाम और स्तोत्र लिख रहे हैं. अब अयोध्या में मंदिर भी बन चुका है. भगवान रामलला की प्राण प्रतिष्ठा भी हो चुकी है. पूरा देश राममय हो गया था. सुनील कुमार इससे काफी खुश थे. उन्होंने मई में अयोध्या राम मंदिर जाने का प्लान भी बनाया है. उन्होंने बताया कि मई में भगवान राम की शरण में जाकर लिखे गए राम नाम और स्तोत्र को अर्पित करेंगे.

कलम कॉपी के साथ भक्ति में लीन: जब ईटीवी भारत संवाददाता ने उनसे पूछा कि यह प्रेरणा कहां से मिली? इसपर उन्होंने बताया कि जब वे रिटायर हो रहे थे. उस वक्त उन्हें विभाग की ओर से रामचरित मानस भेंट किया गया. उसी दिन उन्होंने संकल्प ले लिया कि जब तक भगवान राम का मंदिर नहीं बनेगा तब वे राम नाम और स्तोत्र लिखते रहेंगे. तब से रोज वे रोज कलम कॉपी के साथ भगवान की भक्ति में लीन हैं.

"2002 से मैने यह लिखना शुरू किया. एक लाख 86 हजार 440 बार अब तक राम नाम लिख चुके हैं. रिटायमेंट के दौरान ही इसकी शुरुआत की. मन में आस्था थी कि अयोध्या में भगवान राम का मंदिर बनेगा. उसी समय से लिखना शुरू किए. अब भगवान का मंदिर बन गया है. मई में अयोध्या जाएंगे. वहीं इसे जमा करेंगे." -सुनील कुमार, रामभक्त

मई में भगवाम रामलला का दर्शन करेंगेः उन्होंने बताया की उनकी एक बेटी है, जो दिल्ली में बैंक में कार्यरत है. बताते हैं कि वे शुरू से अध्यात्म की ओर आकर्षित रहे है. अभी ज्योतिष का भी काम करते हैं. अब उनका सपना साकार हुआ है. अब राम मंदिर बन चुका है. उन्होंने बताया कि पूरे परिवार के साथ वे अयोध्या जाएंगे और भगवाम रामलला का दर्शन करेंगे.

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मुजफ्फरपुर के रामभक्त सुनील कुमार से बातचीत

मुजफ्फरपुरः कहते हैं भगवान किसी भी रूप मिल सकते हैं. इनके रूप अनेक हैं. ठीक इसी प्रकार भक्त के भी अनेक रूप देखने को मिलते हैं. इसी अनेक रूप में एक रूप मुजफ्फरपुर के सुनील कुमार का है, जो अनोखे तरीके से भगवान की भक्ति में पिछले 22 साल से लीन हैं. इनकी भक्ति से लोग अचंभित हैं. सुनील कुमार पिछले 22 साल से भगवान राम का स्तोत्र लिख रहे हैं. अब तक 1 लाख 86 हजार 840 बार लिख चुके हैं.

रिटायरमेंट के बाद लिए प्रणः सुनील कुमार मूल रूप से मुजफ्फरपुर शहर के पड़ाव पोखर लेन नंबर एक के रहने वाले हैं. ईटीवी भारत से बात करते हुए उन्होंने बताया कि साल 2002 में वे पशुपालन विभाग से रिटायर हुए थे. उनके मन में काफी समय से तमन्ना थी कि अयोध्या में भगवान राम का मंदिर बने. रिटायरमेंट के बाद उन्होंने प्रण लिया कि वे भगवान का स्तोत्र लिखेंगे.

भगवान को करेंगे अर्पितः सुनील बताते हैं कि 2002 से ही उन्होंने इसकी शुरुआत कर दी. वे तब से रोज भगवान राम का नाम और स्तोत्र लिख रहे हैं. अब अयोध्या में मंदिर भी बन चुका है. भगवान रामलला की प्राण प्रतिष्ठा भी हो चुकी है. पूरा देश राममय हो गया था. सुनील कुमार इससे काफी खुश थे. उन्होंने मई में अयोध्या राम मंदिर जाने का प्लान भी बनाया है. उन्होंने बताया कि मई में भगवान राम की शरण में जाकर लिखे गए राम नाम और स्तोत्र को अर्पित करेंगे.

कलम कॉपी के साथ भक्ति में लीन: जब ईटीवी भारत संवाददाता ने उनसे पूछा कि यह प्रेरणा कहां से मिली? इसपर उन्होंने बताया कि जब वे रिटायर हो रहे थे. उस वक्त उन्हें विभाग की ओर से रामचरित मानस भेंट किया गया. उसी दिन उन्होंने संकल्प ले लिया कि जब तक भगवान राम का मंदिर नहीं बनेगा तब वे राम नाम और स्तोत्र लिखते रहेंगे. तब से रोज वे रोज कलम कॉपी के साथ भगवान की भक्ति में लीन हैं.

"2002 से मैने यह लिखना शुरू किया. एक लाख 86 हजार 440 बार अब तक राम नाम लिख चुके हैं. रिटायमेंट के दौरान ही इसकी शुरुआत की. मन में आस्था थी कि अयोध्या में भगवान राम का मंदिर बनेगा. उसी समय से लिखना शुरू किए. अब भगवान का मंदिर बन गया है. मई में अयोध्या जाएंगे. वहीं इसे जमा करेंगे." -सुनील कुमार, रामभक्त

मई में भगवाम रामलला का दर्शन करेंगेः उन्होंने बताया की उनकी एक बेटी है, जो दिल्ली में बैंक में कार्यरत है. बताते हैं कि वे शुरू से अध्यात्म की ओर आकर्षित रहे है. अभी ज्योतिष का भी काम करते हैं. अब उनका सपना साकार हुआ है. अब राम मंदिर बन चुका है. उन्होंने बताया कि पूरे परिवार के साथ वे अयोध्या जाएंगे और भगवाम रामलला का दर्शन करेंगे.

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