गयाः रक्षाबंधन 19 अगस्त को है. इसे लेकर बहनें अपने भाइयों के लिए राखियों की खरीदारी कर रही हैं. गया में राखियों की बाजार सज गया है. सबसे ज्यादा डिमांड अयोध्या राममंदिर में विराजमान श्रीराम की प्रतिमा वाली राखियों की है. यह इतनी तेजी से बिक रही है कि इसका स्टॉक कम गया है. डिमांड अभी बनी हुई है
गुजराती राखियों की डिमांडः इस बार बाजारों में गुजराती और रुद्राक्ष राखियों की भी डिमांड है. बाजारों में गुजराती राखियां भी है जो मध्य मूल्य पर उपलब्ध है. गुजराती राखी को लोग काफी पसंद कर रहे हैं. इसमें जड़ी मोती जो लगे होते हैं, वह कलात्मक तरीके से होते हैं. ओम, भगवान गणेश, राधे कृष्णा, श्रीराम व अन्य देवी देवताओं वाली राखियां भी काफी बिक रही है.
"इस बार अयोध्या में राम मंदिर के चलते राम जी की राखी ज्यादा बिक रही है. दो तरह की राखियां आई थी जो अयोध्या में राम मंदिर की तर्ज पर थी. इसमें प्रभु श्री राम की अयोध्या में स्थापित प्रतिमा वाली के रूप में राखियां थी जो काफी बिकी है." -सौरभ कुमार गुप्ता, राखी विक्रेता
चांदी की राखी सौभाग्य का प्रतीकः दूसरी ओर चांदी की राखी की भी डिमांड अन्य सालों की अपेक्षा इस साल ज्यादा है. चांदी की राखी सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है. इसलिए चांदी की राखी बहने अपने भाइयों को बांधती है. रुद्राक्ष वाली राखियां और गुजराती राखी भी बाजारों में बिक रही है.
10 रुपए से 5000 तक की राखी उपलब्धः गया के बाजार में चांदी की राखियां 500 से लेकर 5000 तक के मूल्य की उपलब्ध है. धागे वाली राखियां जिसमें विभिन्न जड़ी मोती गूंथी राखियां की कीमत ₹10 से लेकर 600 तक के बीच है. ₹500 वाली राखी में रुद्राक्ष वाली राखी और गुजराती राखी है. अन्य देवी देवता की प्रतिमा लगी धागों वाली राखियां उपलब्ध है.
"चांदी के राखियो की डिमांड इस बार ज्यादा है. चांदी की राखियो की धार्मिक मान्यता है. इससे सौभाग्य की वृद्धि होती है. चांदी की राखी बांधने से भाई के ऊपर ग्रह दोष टल जाता है. चांदी की राखियां ज्यादा महंगी नहीं होती है इसके कारण हर कोई इसे खरीद सकता है." -नीरज कुमार वर्मा, आभूषण विक्रेता
चांदी की राखी खरीद रही बहनेंः चांदी की राखियों की भी डिमांड बढ़ी है. इसे लेकर रक्षाबंधन के त्योहार के बीच आभूषण दुकानों में खरीदारों की भीड़ उमड़ रही है. बहने अपने भाईयों के लिए चांदी की राखी खरीद रही है. चांदी की राखियां का मूल्य कम होता है. गरीब, मध्यम वर्ग के लोग आराम से खरीद सकते हैं. ऐसे में जब चांदी की राखियों की मान्यता धार्मिक तौर पर हो तो इसकी खरीददारी बहनें कर रही है.
"रक्षाबंधन के त्योहार में हर बनना चाहती है कि चांदी की राखी अपने भाई की कलाई पर बांधे. सावन पूर्णिमा के दिन रक्षाबंधन है. इसलिए मैं चांदी की राखी खरीददारी कर रही हूं. चांदी की राखी बांधने से भाई की आयु लंबी होती है. वहीं, कई तरह के ग्रह भी दूर होते हैं. इसी को लेकर अपने भाई की कलाई पर धागे वाली राखी के साथ-साथ चांदी की राखी भी बांधूंगी." -गुड़िया कुमारी
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