राजनांदगांव: राजनांदगांव लोकसभा सीट छत्तीसगढ़ की हाई प्रोफाइल सीटों में से एक है. लोकसभा निर्वाचन 2024 के दूसरे चरण के तहत 26 अप्रैल को राजनांदगांव लोकसभा सीट पर वोटिंग होनी है. भाजपा ने वर्तमान सांसद संतोष पांडे को दोबारा मौका दिया है. लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के इस सीट से चुनावी मैदान में उतरने से राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है.
राजनांदगांव लोकसभा का समीकरण: पिछले 15 सालों से राजनांदगांव लोकसभा सीट बीजेपी का गढ़ रहा है. लगातार भाजपा के प्रत्याशी यहां से जीतते आए हैं. उससे पहले कांग्रेस प्रत्याशी देवव्रत सिंह इस सीट से कांग्रेस से सांसद रहे. यहां साहू, यादव, लोधी समाज का दबदबा रहा है. राजनांदगांव लोकसभा सीट में कुल आठ विधानसभा क्षेत्र शामिल है. जिसमें राजनांदगांव, डोंगरगांव, खुज्जी, मोहला मानपुर, डोंगरगढ़, खैरागढ़, कवर्धा, पंडरिया शामिल हैं. इन 8 विधानसभा सीटों में 5 सीटों पर कांग्रेस के विधायक चुनकर विधानसभा पहुंचे हैं, जबकि तीन विधानसभा सीटों पर भाजपा के विधायक हैं. वर्तमान में भाजपा सांसद संतोष पांडे यहां चुनावी मैदान में है. कांग्रेस के लिए इस सीट पर जीतना बड़ा चुनौती है.
राजनांदगांव लोकसभा सीट की डेमोग्राफी: राजनांदगांव लोकसभा क्षेत्र की जनसंख्या 18,65,157 है. इस लोकसभा क्षेत्र में कुल 2330 मतदान केंद्र बनाए गए हैं. जिसमें पुरुष मतदाताओं की संख्या 9,28,329 है. महिला मतदाताओं की संख्या 9,36,837 और अन्य मतदाता 9 है. पिछले 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी संतोष पांडे के सामने कांग्रेस प्रत्याशी भोलाराम साहू चुनावी मैदान में थे. लोकसभा चुनाव 2019 में भाजपा के संतोष पांडे ने 6,62,387 वोट के साथ जीत हासिल किया. वहीं कांग्रेस के भोलाराम साहू 5,50,421 वोट के साथ दूसरे नंबर पर रहे. इस बार राजनांदगांव लोकसभा सीट से कुल 15 प्रत्याशी मैदान में हैं.
भूपेश बघेल सबसे अमीर प्रत्याशी: नामांकन के दौरान भरे घोषणा पत्र के अनुसार, पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रत्याशी भूपेश बघेल ने स्नातकोत्तर तक की पढ़ाई की है,तो वहीं भाजपा प्रत्याशी संतोष पांडे ने बीए एलएलबी तक की पढ़ाई की है. पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से ज्यादा चल संपत्ति उनकी पत्नी की है. 1 करोड़ 30 लाख 56 हजार उनकी चल संपत्ति है तो उनकी पत्नी के नाम पर 2 करोड़ 79 लाख 62 हजार रुपए की चल संपत्ति है. इसके साथ ही कैश राशि भूपेश बघेल के पास 8 लाख 93 हजार रुपये और उनकी पत्नी के पास 2 लाख 16 हजार 498 रुपए है. अचल संपत्ति की बात की जाए तो 21 करोड़ 29 लाख 99 हजार रुपए की अचल संपत्ति है. जिसमें से 8 करोड़ 99 लाख रुपए की जमीन जायदाद पत्नी के नाम पर है. भूपेश बघेल के पास 6 लाख रुपए कीमत का 10 तोला सोना और पत्नी के पास 40 तोला सोना और 21 किलो चांदी है. भूपेश बघेल पर 14 लाख 88 हजार रुपए कर्ज और पत्नी के नाम 11 लाख 92 हजार रुपए का कर्ज भी है.
संतोष पांडे से ज्यादा उनकी पत्नी पर कर्ज: भाजपा प्रत्याशी संतोष पांडे के नाम पर एक बाइक है. उनके पास कैश 1 लाख 8 हजार रुपए और पत्नी के नाम पर 75 हजार रूपये है. स्वयं के नाम पर 01 करोड़ 94 लाख रुपए और पत्नी के नाम पर 1 करोड़ 80 लाख रुपए की अचल संपत्ति है. वहीं उन पर 2 लाख 37 हजार रुपए का कर्ज है, जबकि पत्नी के नाम पर 29 लाख 92 हजार रुपए का कर्ज है. उनके पास 120 ग्राम सोना, पत्नी के पास 370 ग्राम सोना और 5 किलो चांदी है. चल संपत्ति संतोष पांडे के नाम पर 26 लाख 11 हजार रुपए और पत्नी के नाम पर चल संपत्ति 28 लाख 64 हजार रुपए है.
"संतोष पांडे के खिलाफ ग्रामीण क्षेत्रों में नाराजगी": वरिष्ठ पत्रकार दीपांकर खोबरागड़े का कहना है कि, "राजनांदगांव लोकसभा एक बहुत बड़ा क्षेत्र है. राजनांदगांव से बीजेपी सांसद संतोष पांडे के खिलाफ ग्रामीण क्षेत्रों में नाराजगी दिखाई दे रही है. पिछले विधानसभा चुनाव में यहां के आठ में से 5 विधानसभा में कांग्रेस और 3 विधानसभा सीटों पर बीजेपी ने जीत दर्ज की है. इस लिहाज से कांग्रेस को ऐसा लगाता है कि उनके जीते पांच विधानसभा क्षेत्रों में उन्हें बढ़त बनानी है और बीजेपी को लगता है कि कांग्रेस के 5 के अलावा अपनी तीनों विधानसभा क्षेत्रों में बढ़त बना के रखनी है.
"यह चुनाव रोचक है. ग्रामीण और शहरी जनता की राय में समानता नजर नहीं आ रही है. ग्रामीण अपनी कृषि और बेराजगारी को लेकर लामबंद हैं तो शहरी जनता में मोदी फैक्टर नजर आ रही है." - दीपांकर खोबरागड़े, वरिष्ठ पत्रकार
"भूपेश बघेल का चेहरा बना किसान हितैषी": वरिष्ठ पत्रकार खेमराज वर्मा ने कहा, "एक तरफ कांग्रेस से भूपेश बघेल है तो दूसरी तरफ बीजेपी से संतोष पांडे हैं. फूपेश के चुनाव लड़ने से यहां का मुकाबला रोचक हो गया है. यहां सभी प्रत्याशी सुबह से लेकर रात तक प्रचार में जुटे हुए हैं. शहरी क्षेत्र बीजेपी के पक्ष में दिख रहा है. वहीं ग्रामीण क्षेत्र पूरी तरह से कांग्रेस के पक्ष में दिखाई दे रही है."
"एंटी इनकम्बेंसी की बात करेंते 10 साल से केंद्र में बीजेपी की सरकार है. लोगों में चर्चा है कि शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार की बात न करके बीजेपी धर्म की बातच कर रही है. वहीं भूपेश बघेल का चेहरा किसान हितैषी चेहरा बन गया है. इसलिए मुकाबला कड़ा है." - खेमराज वर्मा, वरिष्ठ पत्रकार
राजनांदगांव लोकसभा सीट पर सभी की नजर टिकी हुई है. लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण के तहत 26 अप्रैल को यहां मतदान होने हैं. दोनों प्रमुख पार्टियां अपनी जीत के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रही हैं. बहरहाल, यह आने वाला समय ही बताएगा कि कौन इस सीट पर बाजी मारता है.