राजनांदगांव/दुर्ग : छत्तीसगढ़ में झमाझम हुई बारिश का असर पर दुर्ग और राजनांदगांव जैसे नदी किनारे बसे शहरों पर भी पड़ा है. शिवनाथ नदी का जलस्तर बढ़ने से दुर्ग और राजनांदगांव में बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं. राजनांदगांव शहर के नगर निगम क्षेत्र के वार्ड नंबर 51 हल्दी में बारिश मुसीबत का सबब बनते जा रहा है. जिले के मोगरा बैराज,घुमरिया बैराज,सूखा नाला बैराज और अन्य बैराजों से हजारों की क्यूसेक पानी छोड़ा गया है. जिसके कारण शिवनाथ नदी अपने उफान पर है,शिवनाथ नदी के किनारे बसे हल्दी वार्ड में पानी घुस गया है. इसके कारण यह पानी लोगों के घरों स्कूलों और मुख्य गलियों में भी बह रहा है.
निचले इलाकों में घुसा पानी :हल्दी के शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला में भी पानी घुस गया है. जहां स्कूल को फिलहाल बंद कर दिया गया है. गलियों समेत लोगों के घरों में भी पानी भरने से लोग काफी परेशान हैं. प्रशासन ने जिले के नदी किनारे वाले क्षेत्रों में अलर्ट जारी किया है. लोगों से शिवनाथ नदी किनारे नहीं जाने अपील की गई है. इसके साथ ही लगातार रुक-रुक कर हो रही बारिश ने लोगों को और भी परेशानी में डाल दिया है.
''लगातार बारिश होने से जिले के कई गांव में बाढ़ की स्थिति है. मोहारा,हल्दी जैसे वार्डों में घरों और गलियों में पानी घुसा है. स्कूल भी पानी की वजह से बंद हैं.''- तुरूर निषाद,स्थानीय निवासी
जिले के मोंगरा बैराज से 72000 क्यूसेक,सुखानाला बैराज से 43000 क्यूसेक,घुमरिया नाला से 11914 क्यूसेक,खातूटोला से 20208 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है.जिले में पिछले 24 घंटे में 1071.8 मिली मीटर वर्षा हुई है. पानी के कारण लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. बाढ़ की स्थिति बनी हुई है शिवनाथ नदी का पानी घरों में घुस जाने से लोग परेशान हैं.
राजनांदगांव दुर्ग मार्ग प्रभावित : शिवनाथ नदी में बाढ़ जैसे हालात बनने का असर राजनांदगांव के पड़ोसी जिलों में भी पड़ा है. बारिश की वजह से राजनांदगाव दुर्ग मुख्य मार्ग बंद है. गंज पारा मंदिर के पास पानी भरने से स्थिति भयावह हो गई है. रोड ब्लॉक होने से 10 हजार लोगों का आवागमन अवरुद्ध हुआ है. वहीं शिवनाथ नदी के मुहाने पर बसे 40 से ज्यादा गांवों में अलर्ट जारी किया गया है.
दुर्ग के गंजपारा में कॉलोनियां और बस्ती पूरी तरह जलमग्न हो चुकी है.दुर्ग जिले के 15 से ज्यादा गांव का संपर्क जिला मुख्यालय से टूट चुका है. आपको बता दें कि मोगरा बैराज सूखा नाला और तांदुला से लगभग 3 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया था.जिसके बाद शिवनाथ नदी पूरी तरह उफान पर आ गई.तो वहीं उफनती शिवनाथ खतरे के निशान से 10 फीट ऊपर तक बह रही नदी जाने वाले रास्तों को पूरी तरह बंद कर दिया गया है.