जयपुर. राजधानी में एक और दो जून को राजमिडसाइकोन कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया जाएगा. इसमें देश भर से आए मनोचिकित्सक शामिल होंगे. राजमिडसाइकोंन कॉन्फ्रेंस की थीम कंसल्टेशन लाइजन साइकियाट्री रखी गई है. इसमें मेडिकल कॉलेज एवं जनरल हॉस्पिटल के मनोचिकित्सकों की आपसी भागीदारी के बारे में विस्तारपूर्वक चर्चा की जाएगी.
इंडियन साइकियाट्रिक सोसाइटी राजस्थान चैप्टर के अध्यक्ष डॉ अखिलेश जैन ने बताया कि कॉन्फ्रेंस में मनोचिकित्सकों का दूसरे विभागों जैसे मेडिसिन, कार्डियोलॉजी, न्यूरोलॉजी, एंडोक्रिनोलॉजी के साथ कैसे आपस में सामंजस्य बिठाया जा सकता है और कैसे आवश्यकता अनुसार मनोरोगियों को रेफर किया जा सकता है, इसको लेकर चर्चा होगी. इसके अलावा नशारोगों के उपचार पर भी पैनल डिस्कशन एवं ओपन हाउस चर्चा की जाएगी. इसमें रिटायर्ड जज, अधिवक्ता एवं सीनियर मनोचिकित्सकों का पैनल रहेगा.
दवाओं को लेकर चर्चा : वहीं, राजमिडसाइकोन 2024 के अध्यक्ष डॉ अनिल ताम्बी एवं तुषार जगावत ने बताया कि इस कॉन्फ्रेंस में मनोचिकित्सकों द्वारा डीएडिक्शन एवं अन्य मनोरोगों के उपचार के लिए आवश्यकता अनुसार जो दवाइयां दी जाती हैं, जैसे कि नार्कोटिक व बेंज़ोडाइज़िपिंस दवाईयों को लेकर जो भ्रम की स्थिति है, उस पर ओपन हाउस चर्चा के लिए रिटायर्ड जज, अधिवक्ता व सीनियर मनोचिकित्सक एवं पीजी स्टूडेंट्स विस्तारपूर्वक विचार विमर्श करेंगे. कॉन्फ्रेंस के दौरान सिंपोजियम, गेस्ट लेक्चर, ओपन हाऊस डिस्कशन, पैनल डिस्कशन, पीजी क्वीज होगा. इसमें पीजी रेजिडेंट्स द्वारा पेपर व पोस्टर भी प्रस्तुत किए जाएंगे. इस कॉन्फ्रेंस में देश के विभिन्न भागों से लगभग 200 मनोविशेषज्ञ भाग लेंगे, जिसमें लगभग 100 पीजी रेजिडेंट्स भी शामिल हैं.