ETV Bharat / state

पत्थर ने लगायी धनवार में आग, चुनाव से पहले गरमा गयी राजनीति, विधायक और पूर्व विधायक आमने-सामने - Illegal stone mining in Dhanwar - ILLEGAL STONE MINING IN DHANWAR

Politics over illegal stone mining in Dhanwar. धनवार विधानसभा क्षेत्र की राजनीति में गरमाहट आ गई है. यहां एक युवक ने क्षेत्र के पूर्व विधायक पर पत्थर खनन का आरोप लगाया है, जिसकी जांच के लिए विधायक सह भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने अनुशंसा की है. इस पूरी शिकायत पर भाकपा माले के नेता आक्रामक हैं और साफ तौर पर कह रहे हैं कि चुनाव की आहट से बाबूलाल बौखला गए हैं.

Politics over illegal stone mining in Dhanwar
पूर्व विधायक राजकुमार यादव और विधायक बाबूलाल मरांडी (ईटीवी भारत)
author img

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Jul 12, 2024, 2:13 PM IST

गिरिडीह: बिहार और कोडरमा के सीमाने पर बसा है गावां प्रखंड. गिरिडीह जिले का यह प्रखंड धनवार विधानसभा क्षेत्र में आता है. यह इलाका अभ्रक, सफेद कीमती पत्थर और काले पत्थर के लिए जाना जाता है. इस इलाके में वैध पत्थर खदानों के साथ-साथ बड़े पैमाने पर अवैध खनन भी होता रहा है. अब इस खनन को लेकर इस इलाके की राजनीति गरमा गई है. यहां के तराई-भगतगढ़वा निवासी सचिन यादव और मनोज यादव ने पूर्व विधायक राजकुमार यादव पर माफियाओं को संरक्षण देते हुए पत्थर का अवैध खनन करवाने का आरोप लगाया है. उनका यह भी आरोप है कि अमझर में भी अवैध तरीके से खदान का संचालन किया जा रहा है. सचिन के इन आरोपों पर इलाके के विधायक और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने जांच की अनुशंसा की है.

जानकारी देते संवाददाता अमरनाथ सिन्हा (ईटीवी भारत)

इस अनुशंसा के बाद धनवार की राजनीति पूरी तरह गरमा गई है. चूंकि राजकुमार यादव इस इलाके के दिग्गज नेता हैं. 2014 के चुनाव में भी राजकुमार यहां से जीते थे. 2019 के चुनाव में राजकुमार को बाबूलाल ने हरा दिया था. यूं कहें तो राजकुमार इस सीट पर हमेशा से चुनौती देते रहे हैं. बाबूलाल द्वारा जांच की अनुशंसा के बाद अब राजकुमार यादव भी इस मुद्दे पर मुखर हो गए हैं.

क्या कहना है शिकायतकर्ता का

शिकायतकर्ता सचिन का कहना है कि गावां प्रखंड में पांच अवैध खदानें चल रही हैं. ये खदानें उपरैली कन्हाई, अमझर, तारापुर में चल रही हैं. तारापुर में लीज समाप्त होने के बाद भी खनन हो रहा है. उन्होंने कहा कि इसके अलावा अमझर में भी अवैध खनन हो रहा है. उनका कहना है कि पूरे मामले की जांच होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि अब जब उन्होंने शिकायत की है तो उन पर रंगदारी मांगने और अवैध खनन करवाने का आरोप लगाया जा रहा है, जो गलत है.

'चुनाव देख बौखला गए हैं बाबूलाल'

इस बीच पूर्व विधायक राजकुमार यादव ने अवैध खनन करवाने और संरक्षण देने के आरोपों को पूरी तरह निराधार बताया. उन्होंने कहा कि बाबूलाल मरांडी अपनी लोकप्रियता और चुनाव नजदीक आने से घबरा गए हैं. यही वजह है कि एक आम आदमी के झूठे और भ्रामक आरोप पर जांच की अनुशंसा की गई. वे किसी भी तरह की जांच के लिए तैयार हैं लेकिन लोगों को सच्चाई भी बताई जानी चाहिए.

उन्होंने कहा कि तारापुर में जहां अवैध खदान संचालन का आरोप लगाया जा रहा है, वहां खनन होता ही नहीं है. यह खदान मेरी पत्नी के नाम पर थी. मार्च 2022 में ही खनन पट्टा समाप्त हो गया था और अधिकार क्षेत्र सरकार को सौंप दिया गया था. 12 जनवरी 2024 को खनन विभाग ने स्वामित्व स्वच्छता प्रमाण पत्र भी जारी कर दिया. जब खनन पट्टा ही सरकार को वापस कर दिया गया है तो खनन कैसे हो सकता है. इसकी जांच होनी चाहिए.

अमझर में लोगों को मिला है रोजगार

पूर्व विधायक राजकुमार यादव का कहना है कि शिकायतकर्ता खुद अवैध काम में संलिप्त हैं और दूसरों को बदनाम करने में लगे हैं. उनका कहना है कि मेसर्स कात्यायनी अमझर में वैध तरीके से खनन कार्य कर रही हैं. यहां के लोगों को रोजगार भी मिला है. यहां के लोगों ने साफ कहा है कि उन्हें इस खदान से कोई परेशानी नहीं है. जब यहां अवैध खनन नहीं हो रहा है तो इस गांव से 10 किलोमीटर दूर रहने वाले युवाओं को परेशानी क्यों हो रही है.

सबकुछ वैध, मांगी जा रही है रंगदारी : ओझा

दूसरी ओर मेसर्स कात्यायनी के प्रोपराइटर राजकुमार ओझा का कहना है कि मैं वैध खनन लीज लेकर काम कर रहा हूं. मुझे आईएसआई, सीटीओ, डीजीएमएस डीजीपीएस, झारखंड सरकार से वैध खनन लीज मिली है. मुझसे सिर्फ फिरौती मांगी जा रही है और नहीं देने पर झूठे आरोप लगाकर अधिकारियों को गुमराह करने की कोशिश की जा रही है. जबकि इसकी सच्चाई खनन विभाग से ही पता चल सकती है कि मुझे खनन लीज मिली है या नहीं. उन्होंने कहा कि मैं हर तरह की जांच में सहयोग करूंगा.

यह भी पढ़ें:

Giridih Mines Accident: असुरक्षित खदान से खनन करने का दे दिया गया पट्टा, असुरक्षा के माहौल में काम कर रहे थे मजदूर

बरही कोडरमा फोरलेन निर्माण में नियमों की अनदेखी, पहाड़ों से पत्थर तोड़ भेजा जा रहा बिहार

झारखंड में बीजेपी ने लगाया खनिज लूट का आरोप, हेमंत सोरेन से मांगा इस्तीफा

गिरिडीह: बिहार और कोडरमा के सीमाने पर बसा है गावां प्रखंड. गिरिडीह जिले का यह प्रखंड धनवार विधानसभा क्षेत्र में आता है. यह इलाका अभ्रक, सफेद कीमती पत्थर और काले पत्थर के लिए जाना जाता है. इस इलाके में वैध पत्थर खदानों के साथ-साथ बड़े पैमाने पर अवैध खनन भी होता रहा है. अब इस खनन को लेकर इस इलाके की राजनीति गरमा गई है. यहां के तराई-भगतगढ़वा निवासी सचिन यादव और मनोज यादव ने पूर्व विधायक राजकुमार यादव पर माफियाओं को संरक्षण देते हुए पत्थर का अवैध खनन करवाने का आरोप लगाया है. उनका यह भी आरोप है कि अमझर में भी अवैध तरीके से खदान का संचालन किया जा रहा है. सचिन के इन आरोपों पर इलाके के विधायक और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने जांच की अनुशंसा की है.

जानकारी देते संवाददाता अमरनाथ सिन्हा (ईटीवी भारत)

इस अनुशंसा के बाद धनवार की राजनीति पूरी तरह गरमा गई है. चूंकि राजकुमार यादव इस इलाके के दिग्गज नेता हैं. 2014 के चुनाव में भी राजकुमार यहां से जीते थे. 2019 के चुनाव में राजकुमार को बाबूलाल ने हरा दिया था. यूं कहें तो राजकुमार इस सीट पर हमेशा से चुनौती देते रहे हैं. बाबूलाल द्वारा जांच की अनुशंसा के बाद अब राजकुमार यादव भी इस मुद्दे पर मुखर हो गए हैं.

क्या कहना है शिकायतकर्ता का

शिकायतकर्ता सचिन का कहना है कि गावां प्रखंड में पांच अवैध खदानें चल रही हैं. ये खदानें उपरैली कन्हाई, अमझर, तारापुर में चल रही हैं. तारापुर में लीज समाप्त होने के बाद भी खनन हो रहा है. उन्होंने कहा कि इसके अलावा अमझर में भी अवैध खनन हो रहा है. उनका कहना है कि पूरे मामले की जांच होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि अब जब उन्होंने शिकायत की है तो उन पर रंगदारी मांगने और अवैध खनन करवाने का आरोप लगाया जा रहा है, जो गलत है.

'चुनाव देख बौखला गए हैं बाबूलाल'

इस बीच पूर्व विधायक राजकुमार यादव ने अवैध खनन करवाने और संरक्षण देने के आरोपों को पूरी तरह निराधार बताया. उन्होंने कहा कि बाबूलाल मरांडी अपनी लोकप्रियता और चुनाव नजदीक आने से घबरा गए हैं. यही वजह है कि एक आम आदमी के झूठे और भ्रामक आरोप पर जांच की अनुशंसा की गई. वे किसी भी तरह की जांच के लिए तैयार हैं लेकिन लोगों को सच्चाई भी बताई जानी चाहिए.

उन्होंने कहा कि तारापुर में जहां अवैध खदान संचालन का आरोप लगाया जा रहा है, वहां खनन होता ही नहीं है. यह खदान मेरी पत्नी के नाम पर थी. मार्च 2022 में ही खनन पट्टा समाप्त हो गया था और अधिकार क्षेत्र सरकार को सौंप दिया गया था. 12 जनवरी 2024 को खनन विभाग ने स्वामित्व स्वच्छता प्रमाण पत्र भी जारी कर दिया. जब खनन पट्टा ही सरकार को वापस कर दिया गया है तो खनन कैसे हो सकता है. इसकी जांच होनी चाहिए.

अमझर में लोगों को मिला है रोजगार

पूर्व विधायक राजकुमार यादव का कहना है कि शिकायतकर्ता खुद अवैध काम में संलिप्त हैं और दूसरों को बदनाम करने में लगे हैं. उनका कहना है कि मेसर्स कात्यायनी अमझर में वैध तरीके से खनन कार्य कर रही हैं. यहां के लोगों को रोजगार भी मिला है. यहां के लोगों ने साफ कहा है कि उन्हें इस खदान से कोई परेशानी नहीं है. जब यहां अवैध खनन नहीं हो रहा है तो इस गांव से 10 किलोमीटर दूर रहने वाले युवाओं को परेशानी क्यों हो रही है.

सबकुछ वैध, मांगी जा रही है रंगदारी : ओझा

दूसरी ओर मेसर्स कात्यायनी के प्रोपराइटर राजकुमार ओझा का कहना है कि मैं वैध खनन लीज लेकर काम कर रहा हूं. मुझे आईएसआई, सीटीओ, डीजीएमएस डीजीपीएस, झारखंड सरकार से वैध खनन लीज मिली है. मुझसे सिर्फ फिरौती मांगी जा रही है और नहीं देने पर झूठे आरोप लगाकर अधिकारियों को गुमराह करने की कोशिश की जा रही है. जबकि इसकी सच्चाई खनन विभाग से ही पता चल सकती है कि मुझे खनन लीज मिली है या नहीं. उन्होंने कहा कि मैं हर तरह की जांच में सहयोग करूंगा.

यह भी पढ़ें:

Giridih Mines Accident: असुरक्षित खदान से खनन करने का दे दिया गया पट्टा, असुरक्षा के माहौल में काम कर रहे थे मजदूर

बरही कोडरमा फोरलेन निर्माण में नियमों की अनदेखी, पहाड़ों से पत्थर तोड़ भेजा जा रहा बिहार

झारखंड में बीजेपी ने लगाया खनिज लूट का आरोप, हेमंत सोरेन से मांगा इस्तीफा

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.