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राजकुमार आनंद ने मंत्री पद से सीएम केजरीवाल को दोबारा भेजा इस्तीफा, बढ़ सकती हैं मुश्किलें - Rajkumar Anand resignation

RAJKUMAR ANAND RESIGNATION: राजकुमार आनंद ने सीएम केजरीवाल को दोबारा अपना इस्तीफा भेजा है. हालांकि बात यहीं खत्म नहीं हो जा रही, क्योंकि उन्होंने एमएलए पद से इस्तीफा नहीं दिया है. इस मामले में कहां फंस सकता है पेंच, आइए जानते हैं..

राजकुमार आनंद
राजकुमार आनंद (फाइल फोटो)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : May 15, 2024, 10:52 AM IST

नई दिल्ली: दिल्ली सरकार में पूर्व समाज कल्याण मंत्री राजकुमार आनंद ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को फिर से अपना इस्तीफा भेजा है. उन्होंने दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना से मिलकर यह भी आरोप लगाया है कि पहले उन्होंने जेल में उनके इस्तीफे पर हस्ताक्षर नहीं किया. शुक्रवार से अरविंद केजरीवाल जेल से बाहर हैं, लेकिन वह उनके इस्तीफे पर हस्ताक्षर नहीं कर रहे हैं.

राजकुमार आनंद आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और दिल्ली सरकार में समाज कल्याण मंत्री थे. उन्होंने 10 अप्रैल को अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी में भ्रष्टाचार का हवाला देते हुए अपने पद से इस्तीफा देकर पार्टी छोड़ दी थी. इसके बाद वह बहुजन समाज पार्टी में शामिल हो गए. बसपा के टिकट पर वह नई दिल्ली लोकसभा सीट से चुनाव भी लड़ रहे हैं. हालांकि मंत्री पद से उनका इस्तीफा अभी स्वीकार नहीं हुआ है.

उन्होंने एमएलए पद से इस्तीफा नहीं दिया है. ऐसे में उनकी मुश्किलें बढ़ सकती हैं. उन्होंने अपना इस्तीफा अरविंद केजरीवाल को भेजा था. बता दें की मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को परिवर्तन निदेशालय ने दिल्ली में स्थित शराब नीति घोटाले के आरोप में गिरफ्तार किया था, जिसके बाद वह जेल में थे. राजकुमार आनंद के इस्तीफे पर अरविंद केजरीवाल हस्ताक्षर नहीं कर सके थे. अब राजकुमार आनंद ने अरविंद केजरीवाल को दोबारा इस्तीफा भेजा है.

एलजी की अनुमति से हस्ताक्षर कर सकते हैं केजरीवाल: सीएम केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट ने सिर्फ चुनाव प्रचार के लिए अंतरिम जमानत दी है. वह बतौर मुख्यमंत्री किसी फाइल पर हस्ताक्षर नहीं कर सकते और न ही कोई निर्णय ले सकते हैं. बहुत इमरजेंसी होने या उपराज्यपाल से अनुमति लेने के बाद अरविंद केजरीवाल बतौर मुख्यमंत्री किसी फाइल पर हस्ताक्षर कर सकते हैं. अरविंद केजरीवाल को दो जून को कोर्ट ने आत्म समर्पण करने के लिए कहा है.

यह भी पढ़ें- राजकुमार आनंद ने ईटीवी भारत से की खास बातचीत, जानिए किन मुद्दों को लेकर जाएंगे जनता के बीच

दल बदल कानून के तहत पार्टी दे सकती है नोटिस: सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता प्रीतम कोठड़िया का कहना है कि राजकुमार आनंद ने मंत्री पद से इस्तीफा दिया है, लेकिन उन्होंने एमएलए पड़ से इस्तीफा नहीं दिया है. ऐसे में वह अभी भी आम आदमी पार्टी से विधायक हैं. किसी पार्टी से विधायक रहते हुए दूसरी पार्टी से टिकट लेकर सांसद का चुनाव लड़ना दल बदल कानून के अधीन आता है. ऐसे में पार्टी की ओर से एमएलए को नोटिस भी दिया जा सकता है. आम आदमी पार्टी भी कानूनी कार्रवाई के लिए कोर्ट जा सकती है या राजकुमार आनंद को नोटिस भी भेज सकती है.

यह भी पढ़ें- लोकसभा चुनाव के बीच BSP में शामिल हुए पूर्व मंत्री राजकुमार आनंद, इस सीट से लड़ेंगे चुनाव

नई दिल्ली: दिल्ली सरकार में पूर्व समाज कल्याण मंत्री राजकुमार आनंद ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को फिर से अपना इस्तीफा भेजा है. उन्होंने दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना से मिलकर यह भी आरोप लगाया है कि पहले उन्होंने जेल में उनके इस्तीफे पर हस्ताक्षर नहीं किया. शुक्रवार से अरविंद केजरीवाल जेल से बाहर हैं, लेकिन वह उनके इस्तीफे पर हस्ताक्षर नहीं कर रहे हैं.

राजकुमार आनंद आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और दिल्ली सरकार में समाज कल्याण मंत्री थे. उन्होंने 10 अप्रैल को अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी में भ्रष्टाचार का हवाला देते हुए अपने पद से इस्तीफा देकर पार्टी छोड़ दी थी. इसके बाद वह बहुजन समाज पार्टी में शामिल हो गए. बसपा के टिकट पर वह नई दिल्ली लोकसभा सीट से चुनाव भी लड़ रहे हैं. हालांकि मंत्री पद से उनका इस्तीफा अभी स्वीकार नहीं हुआ है.

उन्होंने एमएलए पद से इस्तीफा नहीं दिया है. ऐसे में उनकी मुश्किलें बढ़ सकती हैं. उन्होंने अपना इस्तीफा अरविंद केजरीवाल को भेजा था. बता दें की मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को परिवर्तन निदेशालय ने दिल्ली में स्थित शराब नीति घोटाले के आरोप में गिरफ्तार किया था, जिसके बाद वह जेल में थे. राजकुमार आनंद के इस्तीफे पर अरविंद केजरीवाल हस्ताक्षर नहीं कर सके थे. अब राजकुमार आनंद ने अरविंद केजरीवाल को दोबारा इस्तीफा भेजा है.

एलजी की अनुमति से हस्ताक्षर कर सकते हैं केजरीवाल: सीएम केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट ने सिर्फ चुनाव प्रचार के लिए अंतरिम जमानत दी है. वह बतौर मुख्यमंत्री किसी फाइल पर हस्ताक्षर नहीं कर सकते और न ही कोई निर्णय ले सकते हैं. बहुत इमरजेंसी होने या उपराज्यपाल से अनुमति लेने के बाद अरविंद केजरीवाल बतौर मुख्यमंत्री किसी फाइल पर हस्ताक्षर कर सकते हैं. अरविंद केजरीवाल को दो जून को कोर्ट ने आत्म समर्पण करने के लिए कहा है.

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दल बदल कानून के तहत पार्टी दे सकती है नोटिस: सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता प्रीतम कोठड़िया का कहना है कि राजकुमार आनंद ने मंत्री पद से इस्तीफा दिया है, लेकिन उन्होंने एमएलए पड़ से इस्तीफा नहीं दिया है. ऐसे में वह अभी भी आम आदमी पार्टी से विधायक हैं. किसी पार्टी से विधायक रहते हुए दूसरी पार्टी से टिकट लेकर सांसद का चुनाव लड़ना दल बदल कानून के अधीन आता है. ऐसे में पार्टी की ओर से एमएलए को नोटिस भी दिया जा सकता है. आम आदमी पार्टी भी कानूनी कार्रवाई के लिए कोर्ट जा सकती है या राजकुमार आनंद को नोटिस भी भेज सकती है.

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