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राजीविका योजना से महिलाओं के हुनर को मिली पहचान, घर संभालने के साथ कर रही कमाई - Rajivika Scheme

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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : 2 hours ago

राज्य सरकार की राजिविका मिशन योजना की सहायता से प्रदेश की महिलाएं अपने सपनों को उड़ान दे रही हैं. ऐसा ही अलवर का एक महिला समूह है, जिसमें महिलाएं हैंडीक्राफ्ट व लकड़ी से बने हुए प्रोडक्ट बनाकर और उन्हें बेचकर अच्छी कमाई कर रही हैं.

राजिविका मिशन योजना
राजिविका मिशन योजना (ETV Bharat GFX)

अलवर : बढ़ते जमाने के साथ अब अलवर जिले की महिलाएं भी समय के साथ कदम से कदम मिलाकर चलने को तैयार हैं. प्रदेश में महिलाओं के सपने को पंख लगाने का काम राज्य सरकार की राजिविका मिशन योजना कर रही है. इसके तहत अलवर जिले में कई महिलाएं अपने पैरों पर खड़ी हुई हैं, जिससे अब घर का चूल्हा चौका संभालने के साथ ही महिलाएं घर के खर्चे में भी हाथ बंटा रही हैं. अलवर शहर की मीरा सैनी को भी इस स्कीम के जरिए अपने सपनों को पूरा करने का मौका मिला. उन्होंने 2018 में अपने काम की शुरुआत की. शुरुआत में उन्होंने हैंडीक्राफ्ट व लकड़ी से बने हुए प्रोडक्ट बनाए. अब मीरा सैनी अन्य महिलाओं के लिए प्रेरणा बन रही हैं.

मीरा सैनी ने बताया कि उन्होंने 2018 में एक छोटे स्तर पर काम की शुरुआत की थी. आज उनके बनाए हुए आइटम राजस्थान के कई जिलों तक पहुंच रहे हैं. उन्होंने बताया कि वे लकड़ी के हैंडीक्राफ्ट (खिलौने), पेंटिंग और सजावटी सामान बनाने का काम करती हैं. शुरुआत में उन्होंने अकेले इस काम की शुरुआत की, लेकिन आज उनके साथ करीब 10 महिलाएं जुड़ी हैं. पहले ये महिलाएं घर में चूल्हा-चौका सहित घर का अन्य कार्य करती थी, लेकिन आज वह उनके समूह से जुड़कर घर के काम के साथ-साथ कमाई भी कर रही हैं और घर के खर्चों में हाथ बंटा रही हैं.

इसे भी पढ़ें- बूंदी में राजीविका के राजसखी कैफे का शुभारंभ, महिलाएं करेंगी संचालन

5 हजार तक के प्रोडक्ट : मीरा सैनी ने कहा कि जब उन्होंने इस काम की शुरुआत की, तब उन्हें अंदाजा नहीं था यह काम इतना सफल होगा, लेकिन राजीविका के साथ जुड़कर उन्हें अपने नाम से पहचान मिली. आज उनके पास 5 हजार रुपए तक के उत्पाद तैयार होते हैं, जिनकी लोगों में भी खासी डिमांड है. मीरा सैनी ने बताया कि जब महिला काम की शुरुआत करती है तो उन्हें कई दिक्कतों का सामना करना पड़ता है, लेकिन उनके साथ ऐसा नहीं हुआ. शुरुआती समय से ही उनके परिवार के लोगों ने उनकी हौसला अफजाई की. उन्होंने कहा कि परिवार समय-समय पर उनके काम में हाथ भी बंटाता है. इससे उन्हें काफी मदद मिलती है. उनका कहना है कि जब परिजनों का सपोर्ट रहता है तो निश्चित ही व्यक्ति सफलता हासिल करता है.

पेंटिंग पर लकड़ी के बुरादे से कारीगरी : मीरा सैनी ने बताया कि लकड़ी से बने उत्पाद व पेंटिंग को हाथ से बनाया जाता है. हालांकि, इसके लिए उन्होंने अलवर के बाजार से मशीन भी खरीदी है, लेकिन पेंटिंग पर होने वाली लकड़ी के बुरादे की कारीगरी वे हाथ से करती हैं जो कि लोगों को काफी पसंद आती है.

अलवर : बढ़ते जमाने के साथ अब अलवर जिले की महिलाएं भी समय के साथ कदम से कदम मिलाकर चलने को तैयार हैं. प्रदेश में महिलाओं के सपने को पंख लगाने का काम राज्य सरकार की राजिविका मिशन योजना कर रही है. इसके तहत अलवर जिले में कई महिलाएं अपने पैरों पर खड़ी हुई हैं, जिससे अब घर का चूल्हा चौका संभालने के साथ ही महिलाएं घर के खर्चे में भी हाथ बंटा रही हैं. अलवर शहर की मीरा सैनी को भी इस स्कीम के जरिए अपने सपनों को पूरा करने का मौका मिला. उन्होंने 2018 में अपने काम की शुरुआत की. शुरुआत में उन्होंने हैंडीक्राफ्ट व लकड़ी से बने हुए प्रोडक्ट बनाए. अब मीरा सैनी अन्य महिलाओं के लिए प्रेरणा बन रही हैं.

मीरा सैनी ने बताया कि उन्होंने 2018 में एक छोटे स्तर पर काम की शुरुआत की थी. आज उनके बनाए हुए आइटम राजस्थान के कई जिलों तक पहुंच रहे हैं. उन्होंने बताया कि वे लकड़ी के हैंडीक्राफ्ट (खिलौने), पेंटिंग और सजावटी सामान बनाने का काम करती हैं. शुरुआत में उन्होंने अकेले इस काम की शुरुआत की, लेकिन आज उनके साथ करीब 10 महिलाएं जुड़ी हैं. पहले ये महिलाएं घर में चूल्हा-चौका सहित घर का अन्य कार्य करती थी, लेकिन आज वह उनके समूह से जुड़कर घर के काम के साथ-साथ कमाई भी कर रही हैं और घर के खर्चों में हाथ बंटा रही हैं.

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5 हजार तक के प्रोडक्ट : मीरा सैनी ने कहा कि जब उन्होंने इस काम की शुरुआत की, तब उन्हें अंदाजा नहीं था यह काम इतना सफल होगा, लेकिन राजीविका के साथ जुड़कर उन्हें अपने नाम से पहचान मिली. आज उनके पास 5 हजार रुपए तक के उत्पाद तैयार होते हैं, जिनकी लोगों में भी खासी डिमांड है. मीरा सैनी ने बताया कि जब महिला काम की शुरुआत करती है तो उन्हें कई दिक्कतों का सामना करना पड़ता है, लेकिन उनके साथ ऐसा नहीं हुआ. शुरुआती समय से ही उनके परिवार के लोगों ने उनकी हौसला अफजाई की. उन्होंने कहा कि परिवार समय-समय पर उनके काम में हाथ भी बंटाता है. इससे उन्हें काफी मदद मिलती है. उनका कहना है कि जब परिजनों का सपोर्ट रहता है तो निश्चित ही व्यक्ति सफलता हासिल करता है.

पेंटिंग पर लकड़ी के बुरादे से कारीगरी : मीरा सैनी ने बताया कि लकड़ी से बने उत्पाद व पेंटिंग को हाथ से बनाया जाता है. हालांकि, इसके लिए उन्होंने अलवर के बाजार से मशीन भी खरीदी है, लेकिन पेंटिंग पर होने वाली लकड़ी के बुरादे की कारीगरी वे हाथ से करती हैं जो कि लोगों को काफी पसंद आती है.

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